गोरखपुर की सब्जी मंडियों में इन दिनों चटख लाल आलू तेजी से बिक रहे हैं। सामान्य आलू से 5–10 रुपये किलो महंगे ये आलू दिखने में ताजगी का आभास कराते हैं, लेकिन खाद्य सुरक्षा विभाग की जांच ने इसकी असलियत उजागर कर दी है। विभाग की टीम ने पाया कि इन आलुओं को प्राकृतिक रूप से नहीं, बल्कि पेंट और सिरेमिक में इस्तेमाल होने वाले फेरिक ऑक्साइड (Iron Oxide) से रंगा गया है। प्रारंभिक जांच में आलू को पानी में डालते ही पानी का रंग लाल हो गया। इससे स्पष्ट हुआ कि रंग सतही नहीं, बल्कि गहरे स्तर तक समा गया है। विभाग ने इनके नमूने लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, छिलका उतारने पर भी खतरा कम नहीं होता, क्योंकि आलू के छिद्रों से यह केमिकल अंदर तक पहुंच जाता है।
कानपुर और उन्नाव से आ रहे हैं जहरीले आलू
खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त डॉ. सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि गोरखपुर मंडी में ये आलू कानपुर, उन्नाव, बाराबंकी और कन्नौज के कोल्ड स्टोरेज से पहुंच रहे हैं। स्टोरेज से आलू निकालने के बाद इन्हें केमिकल से रंगकर थोक बाजार और खुदरा दुकानों पर भेजा जा रहा है। मंडी सचिव और थोक व्यापारियों को ऐसे आलू न मंगवाने के लिए पहले ही चेतावनी दी गई थी, लेकिन हाल के दिनों में इनकी आवक फिर बढ़ गई है। जांच में यह भी पाया गया कि ऑनलाइन ऑर्डर पर भी यही आलू सप्लाई किए जा रहे हैं। पिछले छह महीनों से लगातार यह मिलावटी आलू गोरखपुर और आसपास के जिलों में पहुंच रहा है।
सेहत के लिए बड़ा खतरा
फेरिक ऑक्साइड सामान्य तौर पर पेंट, कॉस्मेटिक्स और सिरेमिक उत्पादों में प्रयोग होता है, लेकिन ताजी सब्जियों पर इसका उपयोग खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के नियमों का सीधा उल्लंघन है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे आलू खाने से पेट दर्द, उल्टी, आंखों में जलन जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। लंबे समय तक सेवन से किडनी और लीवर को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। कुछ संवेदनशील लोगों में यह शरीर में आयरन की अधिकता भी पैदा कर सकता है, जिससे रक्त और पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ता है।
गोरखपुर के बाजारों में बिक रहे इन चमकीले लाल आलुओं की असलियत बेहद खतरनाक है। खाद्य सुरक्षा विभाग ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि उपभोक्ता ऐसे आलू न खरीदें और व्यापारियों को भी इन्हें न मंगाने की सलाह दी गई है। यदि इसकी बिक्री जारी रहती है तो कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह घटना उपभोक्ताओं को जागरूक रहने और खरीदारी करते समय सावधानी बरतने का संदेश देती है, ताकि खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य से कोई समझौता न हो।