Gorakhpur News : गोरखपुर में दिवाली के बाद स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों में वृद्धि देखने को मिली है। त्योहारी सीजन में मिठाई और बाहर के खाने के अधिक सेवन के कारण कई लोग उल्टी और दस्त जैसी शिकायतों के साथ डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पहुंचे। वहीं, बदलते मौसम के कारण वायरल फीवर और सर्दी-जुकाम के मामलों में भी इजाफा हुआ है। मेडिसिन ओपीडी में रोज लगभग 150 से 200 मरीज पहुंच रहे हैं, जिनमें 30-40 प्रतिशत मरीज सर्दी-जुकाम और बुखार से पीड़ित हैं, जबकि 10 प्रतिशत मरीजों में फूड पॉइजनिंग और उल्टी-दस्त के लक्षण दिख रहे हैं। डॉक्टरों ने बताया कि हल्की लापरवाही भी इस समय स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल सकती है और इसलिए मरीजों की जांच कर सही उपचार किया जा रहा है।
मौसम और खान-पान के कारण स्वास्थ्य जोखिम
डॉक्टर बीके सुमन ने बताया कि मौसम के बदलाव और दिवाली के दौरान खान-पान की लापरवाही ने इस स्थिति को बढ़ाया है। मिठाई या बाहर का खाना अधिक मात्रा में खाने से कई लोग फूड पॉइजनिंग के शिकार हो रहे हैं। इमरजेंसी वार्ड में पिछले एक हफ्ते में डायरिया से प्रभावित लगभग 10-12 मरीज रोजाना पहुंच रहे हैं। इनमें बच्चे और वयस्क दोनों शामिल हैं, कई को एडमिट भी करना पड़ रहा है। इसके अलावा वायरल फीवर के साथ ब्लड शुगर और बीपी के मामलों में भी वृद्धि देखी जा रही है। बदलते मौसम और खान-पान की वजह से लोगों में कमजोरी, बुखार, सिरदर्द, गले में खराश और मांसपेशियों में दर्द जैसी शिकायतें अधिक सामने आ रही हैं।
सावधानी और बचाव के लिए जरूरी उपाय
डॉक्टरों ने लोगों से सावधानी बरतने का आग्रह किया है। इसके लिए उन्होंने सुझाव दिए हैं: सुबह और शाम गर्म कपड़े पहनना, सोते समय चादर ओढ़ना, गुनगुने पानी का सेवन, फुल स्लीव कपड़े पहनना, ठंडा पानी या बासी खाना न लेना, हाथ साफ रखना, साफ और हल्का भोजन करना, फल-सब्जियों को अच्छे से धोकर खाना और शरीर को हाइड्रेट रखना। वायरल फीवर और डायरिया के लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, उल्टी, दस्त, भूख न लगना और पेट में ऐंठन शामिल हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इन लक्षणों को हल्के में न लें और दो दिन से अधिक समय तक बुखार या उल्टी-दस्त बने रहने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। इस तरह की सावधानियों से दिवाली के बाद स्वास्थ्य जोखिमों से बचा जा सकता है और मरीजों का इलाज समय पर संभव हो पाएगा।




