गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर पुलिस ने गुमशुदा मोबाइल बरामदगी के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि दर्ज की है। ताजा कार्रवाई में पुलिस ने 753 मोबाइल फोन उनके असली मालिकों को सौंपे, जिनकी अनुमानित कीमत एक करोड़ चौबीस लाख रुपये से अधिक आंकी गई है। यह मोबाइल पुलिस लाइन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राज करण नैय्यर के निर्देशन में वितरित किए गए। यह उपलब्धि पुलिस और नागरिकों के बीच भरोसे को और मजबूत करती है। सीईआईआर (CEIR) पोर्टल और अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क प्रणाली (CCTNS) की मदद से इन मोबाइलों को ट्रेस किया गया। पुलिस का कहना है कि अब तक इस पोर्टल के जरिए 1785 से अधिक मोबाइल बरामद किए जा चुके हैं, जिनकी कुल कीमत करीब तीन करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है। विभिन्न चरणों में की गई कार्रवाई के बाद मोबाइल मालिकों को बुलाकर फोन सौंपे गए।
अलग-अलग चरणों में हुई रिकवरी और थानों की भूमिका
बरामद मोबाइलों की संख्या अलग-अलग तारीखों में बढ़ती रही। सितंबर 2023 से शुरू हुई यह प्रक्रिया मार्च 2025 तक कई बार दोहराई गई, जिसमें हर बार दर्जनों से सैकड़ों मोबाइल मालिकों को उनका फोन लौटाया गया। रिकॉर्ड के अनुसार 4 सितंबर 2023 को जहां सिर्फ 4 मोबाइल मिले थे, वहीं 13 सितंबर 2025 को एक ही दिन में 753 मोबाइल मालिकों को उनका फोन सौंपा गया। इस पूरी प्रक्रिया में पुलिस थानों की सक्रिय भूमिका रही। कैंट थाना सबसे आगे रहा, जहां से 151 मोबाइल मिले। शाहपुर थाना 73, बड़हलगंज 71 और गोरखनाथ थाना 56 मोबाइल की बरामदगी में योगदान देने में सफल रहा। इसी तरह खोराबार, गुलरिहा, झंगहा, खजनी और अन्य थानों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह आंकड़े बताते हैं कि पुलिस ने किस तरह हर स्तर पर संगठित प्रयास करके गुमशुदा मोबाइलों को ट्रेस कर वास्तविक मालिकों तक पहुंचाया।
मोबाइल वापस पाकर खुशी से झूमे नागरिक
गोरखपुर के कई इलाकों में जब मोबाइल मालिकों को फोन वापस मिला तो उनके चेहरे पर संतोष और खुशी साफ झलक रही थी। मोबाइल मिलने पर उन्होंने पुलिस प्रशासन का आभार जताया और कहा कि यह उनके लिए उम्मीद से बढ़कर कदम है। गगहा निवासी संजय यादव ने बताया कि उनका फोन लंबे समय से गुम था और जब थाने से सूचना मिली तो उन्हें विश्वास नहीं हुआ कि यह वाकई मिल गया है। उन्होंने कहा कि मोबाइल में जरूरी दस्तावेज और व्यक्तिगत जानकारियां थीं जो अब सुरक्षित लौट आने से उन्हें राहत मिली। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई न सिर्फ उनकी समस्या हल करती है बल्कि पुलिस के प्रति आम जनता का भरोसा भी और मजबूत बनाती है। मोबाइल वापसी की यह पहल गोरखपुर पुलिस के लिए एक सराहनीय उपलब्धि है, जो भविष्य में भी आम जनता को सुरक्षा और सहयोग का भरोसा दिलाती रहेगी।