गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर में पुलिस की दरियादिली का एक ऐसा उदाहरण सामने आया है, जिसने हर किसी का दिल जीत लिया है। तिवारीपुर थाने के इंस्पेक्टर रोहित कुमार साहू ने एक मानसिक रूप से अस्वस्थ और बेसहारा व्यक्ति की मदद कर न सिर्फ उसकी जिंदगी बदली, बल्कि समाज में पुलिस की एक नई छवि पेश की। रविवार को डोमिनगढ़ चौकी क्षेत्र से गुजरते समय इंस्पेक्टर रोहित की नजर सड़क पर घूम रहे एक बेसहारा व्यक्ति रमेश बम्बैया पर पड़ी, जिसके लंबे, उलझे बाल और फटे कपड़े देखकर लोग नजरें फेर लेते थे। इंस्पेक्टर ने उसे देखकर ठहरने का फैसला किया और इंसानियत का ऐसा कार्य किया जो पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गया।
पहले तो उन्होंने रमेश को बाल कटवाने के लिए कहा, लेकिन वह बार-बार भागने की कोशिश करता रहा। कुछ लोगों की मदद से उसे पास के नाई की दुकान पर ले जाकर रोहित ने उसके बाल और दाढ़ी कटवाए, फिर खुद अपने हाथों से उसे नहलाया। इसके बाद नए कपड़े पहनाकर भरपेट खाना खिलाया। इस दौरान रमेश की आंखों में खुशी और चेहरे पर आत्मसम्मान झलक रहा था। पहले जहां वह मानसिक असंतुलन में लाचार नजर आता था, वहीं अब उसके चेहरे पर आत्मविश्वास और सुकून दिखाई देने लगा। यह पूरा दृश्य वीडियो में कैद हो गया और सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने जीता दिल, लोग बोले- “खाकी में इंसानियत जिंदा है”
इंस्पेक्टर रोहित साहू का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही गोरखपुर से लेकर पूरे उत्तर प्रदेश में चर्चा का केंद्र बन गया। कई एक्स यूजर्स और स्थानीय नागरिकों ने उनकी इस पहल की तारीफ करते हुए लिखा कि पुलिस सिर्फ कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए नहीं होती, बल्कि समाज के सबसे कमजोर लोगों के प्रति करुणा दिखाने का भी प्रतीक है। कुछ ने कमेंट में लिखा, “हमारे देश को ऐसे पुलिस अधिकारियों की जरूरत है, जो वर्दी में संवेदनशील दिल रखते हैं।” एक अन्य यूजर ने लिखा, “जब एक पुलिसकर्मी किसी बेसहारा को सहारा देता है, तब वह कानून नहीं बल्कि इंसानियत की रक्षा करता है।” यह वीडियो दिखाता है कि आज भी खाकी वर्दी के पीछे मानवता की गर्माहट बाकी है। उल्लेखनीय है कि इंस्पेक्टर रोहित पहले भी समाजसेवी गतिविधियों में शामिल रहे हैं – दीपावली पर मजदूरों के साथ त्योहार मनाना, गरीबों को उपहार बांटना और बच्चों को मिठाइयां देना उनका नियमित प्रयास रहा है। रमेश को नहलाने और नए कपड़े देने का यह कदम उनके मानवीय चरित्र की झलक है।
रमेश ने बताया अपना घर, इंस्पेक्टर ने की मदद की अपील
नई पहचान पाने के बाद रमेश का चेहरा खिल उठा। उसने इंस्पेक्टर से बातचीत करते हुए बताया कि वह रानीखेत (उत्तराखंड) का रहने वाला है और उसके भाई का नाम बंटी है जो गुझियाघाट में रहता है। उसने अपनी पत्नी का नाम मुखानी बताया, लेकिन अपने माता-पिता और गांव के प्रधान के बारे में कुछ याद नहीं था। इंस्पेक्टर ने रमेश के साथ फोटो खिंचवाकर वीडियो में पुलिस थाने का CUG नंबर भी साझा किया और जनता से अपील की कि जो भी रमेश के परिवार के बारे में जानकारी रखता है, वह पुलिस से संपर्क करे ताकि उसे घर पहुंचाया जा सके। इस नेक कार्य के बाद रमेश को स्थानीय लोग “नई जिंदगी पाने वाला हीरो” कहकर संबोधित कर रहे हैं।
वहीं, इंस्पेक्टर रोहित साहू को सोशल मीडिया पर “मानवता का प्रहरी” कहा जा रहा है। दिवाली के मौके पर उन्होंने गरीब बच्चों के साथ पटाखे जलाए और मिठाइयां बांटीं, जिससे उनका यह संदेश और मजबूत हुआ कि पुलिस सिर्फ सुरक्षा का प्रतीक नहीं, बल्कि समाज के हर व्यक्ति के लिए सहारा भी है। गोरखपुर की यह घटना पुलिस के मानवीय चेहरे की वह झलक है, जिसने लोगों को यह विश्वास दिलाया है कि करुणा और संवेदना आज भी जीवित हैं और जब वर्दी वाला इंसान दिल से सोचता है, तो मानवता की जीत निश्चित होती है।




