गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर जिले के पिपराइच क्षेत्र में छात्रधारी गांव में सोमवार रात पशु तस्करों की गोलीबारी से एक युवक की मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। मृतक की पहचान दीपक गुप्ता के रूप में हुई है। घटना के अनुसार दीपक तस्करों से झड़प के दौरान अचानक गायब हो गया था। परिवार और गांव वालों ने करीब डेढ़ घंटे उसे खोजने की कोशिश की। इस दौरान जानकारी नहीं मिली और बाद में सड़क किनारे उसका शव खून से लथपथ पाया गया। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
रात्री काल में हुई फायरिंग की यह घटना जंगल किनारे छात्रधारी गांव के पास हुई, जिससे इलाके में खौफ फैल गया। लोगों का कहना है कि यदि पुलिस समय रहते घटनास्थल पर पहुंच जाती और खोज-बीन करता, तो शायद दीपक की जान बच जाती। शव पुलिस ने कब्जे में लिया है लेकिन परिजन पुलिस कार्रवाई की प्रतिक्रिया से संतुष्ट नहीं हैं।
परिजन और ग्रामीणों ने जताया रोष, मार्ग जाम कर दी मांगें
घटना से आहत परिजन और ग्रामीण मंगलवार सुबह भट्ठा चौराहा पर एकत्रित हो गए। उन्होंने गोरखपुर–पिपराइच मार्ग जाम कर दिया। भारी नाराजगी के चलते दुकानों को बंद करा दिया गया। ट्रैफिक कुसम्ही की ओर डायवर्ट किया गया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पुलिस ने सूचना मिलने के बाद देरी की और घटना को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने मृतक के लिए न्याय, जवाबदेही और आरोपी पशु तस्करों की फेल गिरफ्तारी की मांग की।
दीपक के पिता दुर्गेश गुप्ता ने पुलिस पर आरोप लगाया कि पुलिस की लापरवाही और तस्करों की साजिश ने मिलकर इस घटना को अंजाम दिया। उन्होंने एक करोड़ रुपये का मुआवजा, सरकारी नौकरी और घटना में लिप्त जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की। दीपक की मां सीमा गुप्ता रो-रोकर बुरी स्थिति में पाई गई। पुलिस बल को मजबूत करने की मांग के बीच घटनास्थल पर पीएसी और चार थानों की फोर्स तैनात कर दी गई है।
पुलिस की स्थिति और संभावित कार्रवाई
इस मामले में स्थानीय पुलिस अधीक्षक और थाने की टीमों को खासी आलोचना झेलनी पड़ रही है। पुलिस विभाग ने अभी तक घटना की प्रारंभिक जांच की बात कही है, लेकिन परिजनों का कहना है कि पुलिस सूचना मिलने के बाद मौके पर देर से गई और खोज में सक्रिय नहीं हुई। पुलिस की ओर से यह बताया गया है कि सूचना मिलते ही कार्रवाई प्रारंभ हो गई थी, लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि समय पर उचित प्रयास न होने से स्थिति बिगड़ गई।
वहीं प्रशासन ने यह भी स्वीकार किया है कि घटना ने शहर-ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस तैनाती, गश्त व्यवस्था एवं घटना-स्थलों तक पहुंचने की तत्परता जैसे मुद्दों को उजागर कर दिया है। इस प्रकार की घटनाओं में पारदर्शिता और त्वरित कार्रवाई की मांग बढ़ रही है।




