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Gorakhpur News : स्वस्थ्य विभाग में मचा हड़कंप… गोरखपुर में टोमेटो फ्लू के मरीज बढ़े 9 बच्चे संक्रमित

शून्य से पांच साल तक के बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित, डॉक्टरों ने कहा- सतर्क रहें, घबराएं नहीं

Children affected by tomato flu in Gorakhpur

बच्चों में तेजी से फैल रहा टोमैटो फ्लू, बढ़ी चिंता

गोरखपुरउत्तर प्रदेश – गोरखपुर के खोराबार इलाके में इन दिनों टोमैटो फ्लू ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। अब तक कुल 9 बच्चों में इस बीमारी की पुष्टि हो चुकी है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, सबसे अधिक प्रभावित शून्य से पांच साल तक के बच्चे हैं, हालांकि 15 साल तक के बच्चों में भी इसके लक्षण देखने को मिल रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इस उम्र के बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह विकसित नहीं होती, इसलिए वे इस संक्रमण की चपेट में जल्दी आते हैं। यह वायरस पर्यावरण में मौजूद है और बच्चों को आसानी से अपनी गिरफ्त में ले रहा है। सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने खोराबार और कुई बाजार इलाके का दौरा कर बच्चों की जांच की और दवाएं वितरित कीं। चिकित्सा विभाग का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है और मरीजों में सुधार भी देखने को मिल रहा है।

टोमैटो फ्लू के लक्षण और बचाव

विशेषज्ञ डॉक्टरों का कहना है कि टोमैटो फ्लू में पांच दिन तक लगातार तेज बुखार बना रहता है। इसके अलावा बच्चों में कमजोरी, हाथ-पैर और जोड़ों में दर्द, गले में खराश और दाने, साथ ही टमाटर जैसे लाल-लाल छाले या चकत्ते देखने को मिलते हैं। कई मामलों में बच्चों को लार निगलने तक में परेशानी होती है और बटक्स पर भी फफोले बन जाते हैं। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. गणेश ने बताया कि बच्चों को साफ-सफाई में रखना, उन्हें पूरी तरह ढक कर रखना और ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना ही इसका सबसे बड़ा बचाव है। उन्होंने कहा कि यह एक संक्रामक बीमारी है, इसलिए मरीज बच्चों को अन्य बच्चों से दूर रखना जरूरी है। बीमारी का नाम टोमैटो फ्लू इसलिए पड़ा क्योंकि इसमें छाले टमाटर जैसे लाल रंग के दिखाई देते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि समय पर सावधानी और इलाज से यह संक्रमण गंभीर रूप नहीं लेता और मरीज 5 से 7 दिन में सामान्य हो जाते हैं।

स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, मरीजों में सुधार

गोरखपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश झा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क है और विशेष टीमों को प्रभावित क्षेत्रों में भेजा गया है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम ने सोमवार को कुई बाजार जाकर बच्चों की जांच की और दवाएं उपलब्ध कराईं। वहीं, वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश कुमार आनंद ने बताया कि सभी नौ मरीजों की हालत में सुधार हो रहा है और चिंता की कोई बात नहीं है। प्रभावित बच्चों में रितिक सिंह (5 वर्ष), सृष्टि सिंह (2 वर्ष), अंशिका सिंह (13 वर्ष), आंचल सिंह (12 वर्ष), राजवीर सिंह (10 वर्ष), प्रियांशु (4 वर्ष), स्नेहा सिंह (2 वर्ष), देवान (2 वर्ष) और अनुष्का सिंह (10 वर्ष) शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार निगरानी कर रही है और अब तक कोई नया मामला सामने नहीं आया है। अधिकारियों का कहना है कि अगर लोग साफ-सफाई और सतर्कता बरतें, तो इस संक्रमण को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। फिलहाल जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी लक्षण के प्रकट होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।

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