गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर शहर को आधुनिक और सुगम यातायात की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए नगर निगम ने एक महत्वाकांक्षी परियोजना की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम (अर्बन) के अंतर्गत गोरखपुर की लगभग चार किलोमीटर लंबी प्रमुख सड़कों को स्मार्ट स्वरूप दिया जाएगा। योजना के पहले चरण में शास्त्री चौक से छात्रसंघ चौक तक का मार्ग चुना गया है, जिसकी लागत 53.68 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। रविवार को नगर निगम, जलकल विभाग, गोरखपुर विकास प्राधिकरण, बिजली वितरण निगम, जियो, बीएसएनएल और ट्रैफिक पुलिस की संयुक्त टीम ने इस मार्ग का निरीक्षण किया। इस सर्वे का उद्देश्य निर्माण कार्य आरंभ होने से पूर्व सभी संभावित बाधाओं को पहचानकर उनका समाधान करना है ताकि परियोजना समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ सके। नगर निगम का कहना है कि इस कार्य को पूरा करने में लगभग 15 माह का समय लगेगा और नवंबर 2026 तक पहला चरण समाप्त हो जाएगा। इसके अलावा कचहरी चौराहा से काली मंदिर, अंबेडकर चौक से ऐश्प्रा तिराहा, हरिओम नगर से टाउनहॉल तथा शिवाय होटल से गणेश चौक तक के मार्गों को भी आने वाले समय में स्मार्ट स्वरूप में बदला जाएगा।
भूमिगत बिजली लाइन और आधुनिक तकनीक से स्मार्ट रोड
सड़क निर्माण के साथ-साथ शहर की आवश्यक सेवाओं को भी अधिक टिकाऊ और सुरक्षित बनाने पर जोर दिया जा रहा है। संयुक्त सर्वेक्षण में यह निर्णय लिया गया कि भूमिगत बिजली लाइनें डालने के लिए ट्रेंच तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिससे भविष्य में किसी भी विद्युत समस्या का समाधान आसानी से किया जा सके। नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने स्पष्ट किया कि एक बार सड़कों का निर्माण पूरा हो जाने के बाद अगले 15 वर्षों तक उन्हें खोला नहीं जाएगा। इसलिए सभी विभागों को अभी से अपनी भविष्य की योजनाओं और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए काम करना होगा। इसी कड़ी में जलापूर्ति, सीवर, गैस पाइपलाइन और टेलीकॉम सेवाओं को भी व्यवस्थित ढंग से समाहित किया जाएगा ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की बार-बार खुदाई की नौबत न आए। इस परियोजना से न केवल यातायात सुगम होगा, बल्कि नागरिकों को बेहतर सुरक्षा और आधुनिक सुविधाओं से युक्त सड़कों का लाभ भी मिलेगा।
अतिक्रमण हटाने और सुचारु कार्यान्वयन की दिशा में कदम
परियोजना को सफल बनाने के लिए नगर निगम ने कई अहम कदम उठाने की तैयारी कर ली है। सड़क निर्माण से पहले अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी ताकि कार्य बाधित न हो। साथ ही गैस पाइपलाइन बिछाने और विभिन्न टेलीकॉम कंपनियों को अपनी ऑप्टिकल फाइबर केबल योजनाओं की जानकारी साझा करने का निर्देश दिया गया है। इन व्यवस्थाओं से भविष्य में किसी प्रकार की समस्या या अवरोध उत्पन्न नहीं होंगे और सड़कें लंबे समय तक टिकाऊ रहेंगी। नगर निगम का लक्ष्य है कि निर्माण कार्य तय समय सीमा के भीतर पूरा किया जाए और गोरखपुर शहर को एक ऐसी स्मार्ट रोड परियोजना का लाभ मिले जो आने वाले वर्षों तक टिकाऊ और उपयोगी साबित हो। विशेषज्ञों का मानना है कि इस योजना के पूर्ण होने से न केवल गोरखपुर की सड़कों का स्वरूप बदलेगा, बल्कि यातायात व्यवस्था भी अधिक सुचारु और सुरक्षित हो जाएगी। यह परियोजना शहर की विकास यात्रा में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है और गोरखपुर को आधुनिक शहरी ढांचे के साथ जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।