गोलघर की प्रमुख सड़कों को मिलेगा नया स्वरूप
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर शहर को आधुनिक और व्यवस्थित स्वरूप देने के लिए नगर निगम ने सीएम ग्रिड रोड परियोजना के दूसरे चरण की शुरुआत की है। इस चरण में गोलघर क्षेत्र की कई प्रमुख सड़कों को स्मार्ट रोड में बदला जाएगा, जिस पर लगभग 53.68 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। शुरुआत शास्त्री चौक से छात्रसंघ चौक तक की सड़क से होगी। नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने जानकारी दी कि इन सड़कों को बेंगलुरु और पुणे जैसे बड़े शहरों के मॉडल पर विकसित किया जाएगा। इस परियोजना का उद्देश्य ऐसी सड़कें बनाना है जिन्हें अगले 10 से 15 साल तक दोबारा खोदने की आवश्यकता न पड़े। इसके लिए नगर निगम, जलकल, जीडीए, यूपीपीसीएल, जियो, बीएसएनएल और ट्रैफिक पुलिस समेत सभी विभागों की बैठक कर कार्यक्षेत्र पहले ही तय कर लिया गया है। रविवार को हुई संयुक्त सर्वे टीम ने यूटिलिटी शिफ्टिंग की योजना भी बना ली है। इस परियोजना के तहत शास्त्री चौक से अंबेडकर चौक होते हुए छात्रसंघ चौक तक सड़क को स्मार्ट स्वरूप में ढाला जाएगा और इसके बाद कचहरी चौराहा से काली मंदिर, अंबेडकर चौक से ऐश्प्रा तिराहा, हरिओम नगर से टाउनहॉल और शिवाय होटल से गणेश चौक तक की सड़कों का भी कायाकल्प होगा।
भूमिगत ढांचा और आधुनिक सुविधाएं
इस परियोजना के अंतर्गत सड़कों के नीचे भूमिगत बिजली लाइनों के लिए ट्रेंच बनाए जाएंगे, जिससे भविष्य में विद्युत फॉल्ट को आसानी से सुधारा जा सकेगा। साथ ही गैस पाइपलाइन बिछाने, अतिक्रमण हटाने और टेलीकॉम कंपनियों को अपनी योजनाएं साझा करने के निर्देश दिए गए हैं। इसका मकसद है कि आगे चलकर बार-बार सड़कों की खुदाई न करनी पड़े। नई सड़कों पर आधुनिक फीचर्स जैसे स्मार्ट लाइटिंग, अंडरग्राउंड केबलिंग, उन्नत ड्रेनेज सिस्टम और चौड़ी लेन की सुविधा होगी। परियोजना के तहत फुटपाथ, साइकिल ट्रैक और हरियाली को भी शामिल करने की योजना है। नगर निगम का कहना है कि इस निर्माण से न केवल यातायात व्यवस्था बेहतर होगी बल्कि शहर की सुंदरता और पहचान भी बदल जाएगी। इस पूरी परियोजना को 15 माह की समयसीमा में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है और नवंबर 2026 तक गोलघर क्षेत्र की सड़कें पूरी तरह से स्मार्ट स्वरूप में दिखाई देने लगेंगी।
गोरखपुर की पहचान बदलने की दिशा में बड़ा कदम
सीएम ग्रिड रोड परियोजना को उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य प्रमुख शहरी सड़कों को टिकाऊ और स्मार्ट स्वरूप में बदलना है। इसके तहत अलग-अलग विभागों के कार्यों को एकीकृत करके पहले से तय कर दिया जाता है कि पाइपलाइन, तार और अन्य सुविधाएं किस हिस्से से होकर जाएंगी, ताकि भविष्य में किसी विभाग को सड़क खोदने की आवश्यकता न पड़े। बेंगलुरु, पुणे और दिल्ली जैसे बड़े शहरों की तर्ज पर गोरखपुर की मुख्य सड़कों को विकसित करने से यहां का ट्रैफिक सुचारू होगा, बाजार क्षेत्र व्यवस्थित होगा और लोगों को आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। करोड़ों रुपये की लागत से बनने वाली इन सड़कों से आने वाले वर्षों में शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर को नई पहचान मिलेगी। नगर निगम का दावा है कि स्मार्ट रोड बनने के बाद गोरखपुर के लोगों को एक सुरक्षित, टिकाऊ और विश्वस्तरीय सड़क व्यवस्था का अनुभव होगा। यह परियोजना केवल निर्माण कार्य नहीं बल्कि गोरखपुर की बदलती छवि और भविष्य की दिशा तय करने वाली पहल है।