गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने अपने छात्रों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए लंबे समय से उपेक्षित तीन प्रमुख छात्रावासों के जीर्णोद्धार की शुरुआत कर दी है। कुल 8.59 करोड़ रुपये की लागत से चल रहे इस प्रोजेक्ट का जिम्मा उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट्स कॉरपोरेशन लिमिटेड को सौंपा गया है। यह निर्णय तब लिया गया जब विश्वविद्यालय प्रशासन ने पाया कि कई पुराने छात्रावासों की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है और बरसात के मौसम में छत से पानी टपकने जैसे खतरनाक हालात छात्रों के लिए जोखिमपूर्ण बने रहते हैं। हालात इतने बिगड़ चुके थे कि पिछले वर्ष ही विश्वविद्यालय ने शासन को सभी जर्जर छात्रावासों के रेनोवेशन का प्रस्ताव भेजा था। शासन से स्वीकृति मिलने के बाद इस वर्ष तीन छात्रावासों के नवीनीकरण का कार्य शुरू हो चुका है और इसे समय पर पूरा करने की तैयारी चल रही है। विश्वविद्यालय की योजना है कि आगामी सत्र से पहले इन भवनों को पूरी तरह सुरक्षित और आधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाकर छात्रों को सौंप दिया जाए। इससे न केवल छात्रों के लिए सुरक्षित आवास उपलब्ध होगा बल्कि पढ़ाई के लिए बेहतर माहौल भी तैयार होगा।
किन छात्रावासों में हो रहा नवीनीकरण और कितना खर्च होगा
रेनोवेशन प्रोजेक्ट के तहत तीन प्रमुख छात्रावासों को शामिल किया गया है। सबसे पहले गौतम बुद्ध छात्रावास का नवीनीकरण किया जा रहा है, जहाँ खासतौर पर शौचालय और आवश्यक सुविधाओं की मरम्मत की जाएगी। इस कार्य पर 1.51 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है। वहीं स्वामी विवेकानंद छात्रावास पूरी तरह से जीर्णोद्धार के दायरे में है और इसके लिए 3.50 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। छात्राओं के लिए बने रानी लक्ष्मीबाई छात्रावास के दो ब्लॉक—कालिंदी और कादंबरी (खंड-2)—का नवीनीकरण किया जा रहा है, जिस पर 3.58 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस तरह तीनों छात्रावासों पर कुल 8.59 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। गौरतलब है कि पिछले वर्ष शासन की ओर से मिली धनराशि से संतकबीर छात्रावास का नवीनीकरण पहले ही पूरा हो चुका है और अब एक और महत्वपूर्ण चरण में तीन अन्य भवनों को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है। यह पहल छात्रों के लिए लंबे समय तक राहत देने वाली साबित होगी, क्योंकि पुरानी इमारतें अब तक उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए चुनौती बनी हुई थीं।
छात्रों की शिफ्टिंग और भविष्य की योजना
नवीनीकरण कार्य को सुचारु रूप से आगे बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी छात्रों को अस्थायी रूप से अन्य छात्रावासों में स्थानांतरित कर दिया है। रानी लक्ष्मीबाई छात्रावास की छात्राओं को फिलहाल उसी छात्रावास के दूसरे ब्लॉक्स और अलकनंदा छात्रावास में शिफ्ट किया गया है, जबकि गौतम बुद्ध और स्वामी विवेकानंद छात्रावास के छात्रों को कबीर छात्रावास में भेजा गया है। यह व्यवस्था तब तक जारी रहेगी जब तक मरम्मत और नवीनीकरण का कार्य पूरा नहीं हो जाता। विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि नए स्वरूप में छात्रावास न केवल सुरक्षित होंगे बल्कि छात्रों को स्वच्छ और आधुनिक रहने का वातावरण भी देंगे। बरसात के समय पानी रिसने और दीवारों के टूटने जैसी समस्याओं से छात्रों को छुटकारा मिलेगा। इसके साथ ही शासन और विश्वविद्यालय की योजना है कि आगे और भी पुराने छात्रावासों का क्रमिक रूप से जीर्णोद्धार कराया जाए ताकि पूरे परिसर में रहने की व्यवस्था बेहतर और सुरक्षित बनाई जा सके। यह पहल उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों की जीवन-शैली को सुधारने की दिशा में बड़ा कदम है, जिससे न केवल उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि विश्वविद्यालय की छवि भी सुदृढ़ होगी और अधिक से अधिक छात्र गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए यहाँ आना पसंद करेंगे।