गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर के चिलुआताल थाना क्षेत्र के करीमनगर स्थित ACA चर्च में पिछले रविवार को उस समय हंगामा हो गया जब कुछ असामाजिक तत्व प्रार्थना सभा के दौरान अंदर घुस आए। चर्च के पादरी बेनी जॉर्ज और अन्य श्रद्धालुओं ने बताया कि प्रार्थना के बीच अचानक आए इन लोगों ने धार्मिक नारेबाजी शुरू कर दी और माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। आरोप है कि इस दौरान उन्होंने पूजा स्थल का अपमान किया और डर का माहौल बनाने के लिए जोर-जोर से शोर मचाया। सबसे गंभीर आरोप यह लगाया गया है कि महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया गया, जिससे वहां मौजूद श्रद्धालु सहम गए और धार्मिक अनुष्ठान बाधित हो गया। पीड़ित पक्ष का कहना है कि यह घटना सिर्फ एक बार की नहीं है, बल्कि इसके बाद उन्हीं तत्वों ने धमकी दी है कि वे आगामी रविवार को और बड़ी भीड़ के साथ चर्च में पहुंचेंगे और अराजकता फैलाएंगे। इस धमकी के बाद स्थानीय क्रिश्चियन समाज में चिंता और भय का माहौल है। पादरी सहित समुदाय के लोगों ने इसे उनकी धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताते हुए प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
क्रिश्चियन समाज की मांगें और आरोप
घटना के बाद चर्च और क्रिश्चियन समाज के प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी दीपक मीणा से मुलाकात कर अपनी आपत्तियां दर्ज कराई। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि प्रार्थना के दौरान महिलाओं के साथ की गई बदसलूकी बेहद गंभीर है और इसकी पुनरावृत्ति रोकने के लिए तुरंत कदम उठाना जरूरी है। उनका कहना है कि अगर प्रशासन ने समय रहते कार्रवाई नहीं की तो न केवल उनकी धार्मिक स्वतंत्रता खतरे में पड़ेगी, बल्कि गोरखपुर की सांप्रदायिक शांति भी प्रभावित होगी। पादरी बेनी जॉर्ज ने स्पष्ट किया कि उनके समुदाय पर धर्म परिवर्तन का आरोप लगाकर जानबूझकर अराजकता फैलाई जा रही है, जबकि चर्च 35 साल से शांतिपूर्वक संचालित हो रहा है और अब तक इस तरह की घटना कभी सामने नहीं आई थी। चर्चिल अधिकारी नामक प्रतिनिधि ने कहा कि भाजपा शासन के आठ साल में यह पहली बार हुआ है जब इस तरह का विवाद चर्च में हुआ। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ लोग योजनाबद्ध तरीके से धार्मिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। समुदाय की ओर से यह भी मांग उठाई गई है कि दोषियों पर एफआईआर दर्ज की जाए और चर्च की सुरक्षा के लिए पुलिस बल की तैनाती की जाए ताकि श्रद्धालु बिना भय के प्रार्थना कर सकें।
प्रशासन का आश्वासन और आगे की कार्रवाई
जिलाधिकारी दीपक मीणा ने प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान भरोसा दिलाया कि गोरखपुर प्रशासन उनकी धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करेगा और किसी भी तरह की बाधा प्रार्थना सभा में नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि पुलिस प्रशासन मामले की जांच करेगा और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही अगली प्रार्थना सभा के दौरान पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी ताकि श्रद्धालु बिना किसी भय और व्यवधान के अपनी प्रार्थना पूरी कर सकें। इस आश्वासन के बाद भी समुदाय के लोगों का कहना है कि जब तक ठोस कार्रवाई नहीं होती, उनकी चिंता पूरी तरह दूर नहीं हो सकती। इस घटना ने गोरखपुर में कानून-व्यवस्था और सांप्रदायिक सौहार्द पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए तो यह मामला और गंभीर रूप ले सकता है। अब देखना होगा कि पुलिस जांच कितनी तेजी से होती है और क्या दोषियों को कड़ी सजा दिलाकर समाज में भरोसा बहाल किया जा सकेगा।