गोरखपुर के मोहल्लों में अघोषित बिजली कटौती ने बढ़ाई मुश्किलें
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर शहर में बिजली आपूर्ति की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है, जिससे उपभोक्ताओं का धैर्य टूटता नजर आ रहा है। राप्तीनगर और आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों ने बताया कि पिछले डेढ़ महीने से रोजाना सुबह और शाम मिलाकर 7 से 8 घंटे बिजली गायब रहती है। यह कटौती किसी भी पूर्व सूचना के बिना की जाती है, जिसके कारण स्थानीय निवासियों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सोमवार को स्थिति और खराब हो गई जब सुबह करीब चार घंटे बिजली सप्लाई ठप रही और शाम 7:30 बजे से लेकर आधी रात तक भी सप्लाई बहाल नहीं हो पाई। लंबे समय तक अंधेरे में रहने से लोग गर्मी और उमस से बेहाल हो गए और घरेलू कामकाज पूरी तरह ठप पड़ गया। उपभोक्ताओं का कहना है कि इस तरह की लगातार और अनियमित कटौती से उनका रोजमर्रा का जीवन गहराई से प्रभावित हो रहा है।
छोटे बच्चों और परिवारों पर पड़ रहा गंभीर असर
बिजली संकट का सबसे बुरा असर छोटे बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ रहा है। स्थानीय निवासी शैलेश ने बताया कि रातभर बिजली न रहने से इन्वर्टर पूरी तरह डिस्चार्ज हो गया, जिससे घर में पंखे और लाइटें बंद हो गईं। गर्मी और उमस में छोटे बच्चे सो नहीं पाए और उनकी सेहत पर भी असर पड़ा। नींद पूरी न होने से बच्चों की पढ़ाई और दिनचर्या पर बुरा असर पड़ रहा है। वहीं, कृष्णा नगर प्राइवेट कॉलोनी के निवासी राजू कुमार ने कहा कि सुबह-शाम रोजाना 7 से 8 घंटे बिजली कटौती झेलनी पड़ रही है, लेकिन विभाग इसकी कोई सूचना नहीं देता। अचानक की जाने वाली अघोषित कटौती से परिवारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। घर के कामों से लेकर पढ़ाई और दफ्तर के काम तक प्रभावित हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि बिजली विभाग अगर पहले से जानकारी दे, तो वे अपनी दिनचर्या को उसके अनुसार समायोजित कर सकते हैं, लेकिन अचानक की जाने वाली कटौती से वे असहाय हो जाते हैं।
उपभोक्ताओं की शिकायतों पर ध्यान नहीं दे रहा विभाग
लगातार बिगड़ती स्थिति के बावजूद उपभोक्ताओं का आरोप है कि बिजली विभाग उनकी शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं देता। कई लोगों ने बताया कि जब वे फोन पर शिकायत दर्ज कराने की कोशिश करते हैं, तो अधिकारी कॉल रिसीव नहीं करते और कई बार मोबाइल तक बंद कर देते हैं। उपभोक्ताओं ने यह भी कहा कि वे कई बार विभाग को लिखित शिकायतें दे चुके हैं, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला। उनका कहना है कि समस्या की गंभीरता को देखते हुए विभाग को तत्काल कदम उठाने चाहिए, वरना हालात और बिगड़ सकते हैं। गर्मी और उमस के इस मौसम में बिजली का लंबे समय तक न मिलना स्वास्थ्य के लिए भी खतरा बन रहा है। स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर विभाग ने उनकी परेशानियों पर ध्यान नहीं दिया, तो उन्हें आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा। इस बीच, विभागीय स्तर पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, जिससे उपभोक्ताओं की नाराजगी और बढ़ रही है।