गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर और संतकबीरनगर के ग्रामीण इलाकों में बीते कुछ दिनों से रात के समय आसमान में उड़ते ड्रोन ने लोगों की नींद उड़ा दी है। गांव के सिवान और आबादी क्षेत्रों में जब भी यह ड्रोन दिखाई देते हैं, ग्रामीण किसी अनहोनी की आशंका से घिर जाते हैं। अफवाह तेजी से फैल रही है कि बदमाश इन ड्रोन का इस्तेमाल घरों की रेकी करने के लिए कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि वे पहले यह पता लगाते हैं कि किस घर में लोग मौजूद नहीं हैं और फिर वहां चोरी या लूटपाट की योजना बनाते हैं। कई जगह यह चर्चा भी है कि बदमाश लोहे की ग्रिल को किसी केमिकल से काट देते हैं और जो विरोध करता है उस पर हमला कर देते हैं। हालांकि अब तक पुलिस को ऐसी किसी घटना की शिकायत दर्ज नहीं हुई है। प्रशासनिक अधिकारियों ने भी साफ किया है कि किसी भी सरकारी कामकाज के लिए ड्रोन नहीं उड़ाए जा रहे, जिससे लोगों में और भय का माहौल बन गया है।
ग्रामीणों की सतर्कता और पुलिस की जांच
अफवाहों के बीच गांवों में चौकसी बढ़ा दी गई है। लोग रात में बारी-बारी से पहरेदारी करने लगे हैं। घरों के बाहर और छत के दरवाजों को बार-बार जांचा जा रहा है। पहले जहां कई लोग बरामदे में सोते थे, अब सुरक्षा के मद्देनज़र घर के अंदर सो रहे हैं। ग्रामीण किसी भी संदिग्ध हरकत पर नजर रख रहे हैं और तुरंत आपस में सूचना साझा कर रहे हैं। दूसरी ओर पुलिस का कहना है कि ड्रोन उड़ाने वाले की तलाश की जा रही है, लेकिन अभी तक कोई व्यक्ति पकड़ा नहीं गया है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि जिले में कहीं भी चोरी, हमला या रेकी की कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं हुई है। पुलिस ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति बनाए रखने की अपील की है।
अफवाहों का इतिहास और “मुंहनोचवा” की याद
ग्रामीण इलाकों में अफवाहें नई बात नहीं हैं। 2002 में उत्तर प्रदेश और बिहार के कई हिस्सों में “मुंहनोचवा” की अफवाह ने लोगों को दहशत में डाल दिया था। उस समय चर्चा थी कि कोई रहस्यमयी प्राणी रात को लोगों के चेहरे नोच लेता है। इस अफवाह ने इतना खौफ पैदा कर दिया था कि लोग अंधेरा होते ही घरों से बाहर निकलना बंद कर देते थे। मौजूदा हालात में ड्रोन को लेकर फैली आशंका भी उसी दौर की याद दिला रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की अफवाहें तेजी से फैलती हैं क्योंकि लोग एक-दूसरे के अनुभवों पर भरोसा कर लेते हैं, भले ही उनका कोई ठोस सबूत न हो। पुलिस और प्रशासन का कहना है कि लोगों को सजग जरूर रहना चाहिए, लेकिन डर और भ्रम फैलाने से बचना होगा।