गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर शहर लंबे समय से लगातार बढ़ते ट्रैफिक दबाव से जूझ रहा है और खासकर गोलघर चौराहा से विजय चौक तक का इलाका हमेशा जाम की समस्या से प्रभावित रहता है। इसी समस्या का समाधान निकालने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने रविवार से इस सड़क को वन-वे घोषित कर दिया है। यह नई व्यवस्था दो दिन तक ट्रायल के रूप में लागू रहेगी और यदि यह प्रयोग सफल होता है तो इसे स्थायी रूप से लागू कर दिया जाएगा। वन-वे व्यवस्था के तहत अब गणेश चौक से विजय चौक की तरफ वाहनों को जाने की अनुमति होगी जबकि विजय चौक से गणेश चौक की ओर जाने वाले ई-रिक्शा, ऑटो और चार पहिया वाहन टाउनहॉल और कचहरी चौक से होकर गुजरेंगे। इस प्रयोग का मुख्य उद्देश्य गोलघर और विजय चौक क्षेत्र में बार-बार लगने वाले लंबे जाम से लोगों को राहत दिलाना है। सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक लागू इस व्यवस्था के जरिए ट्रैफिक पुलिस उम्मीद कर रही है कि मुख्य बाजार क्षेत्र की भीड़ और अव्यवस्था में काफी सुधार आएगा।
वाहनों के डायवर्जन और नए मार्ग की रूपरेखा
ट्रैफिक पुलिस ने वन-वे व्यवस्था के साथ ही वाहनों के लिए डायवर्जन की भी रूपरेखा तैयार की है। विजय चौक से गणेश चौक की तरफ आने वाले दोपहिया वाहनों को गणेश चौक से पहले डायवर्ट किया जाएगा। ये वाहन सिंह बिरयानी गली से होकर काली मंदिर तिराहा पहुंचेंगे और वहां से अपने गंतव्य तक जा सकेंगे। वहीं बड़े वाहन और चार पहिया गाड़ियां टाउनहॉल और कचहरी चौक होकर अपनी मंजिल तक पहुंचेंगी। इस व्यवस्था के दौरान ट्रैफिक पुलिसकर्मी हर प्रमुख स्थान पर तैनात रहेंगे ताकि यातायात सुचारू बना रहे। इसके साथ ही सड़क पर बैरिकेडिंग की जाएगी ताकि वाहनों को सही दिशा में नियंत्रित ढंग से भेजा जा सके। पुलिस प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस प्रयोग की लगातार निगरानी की जाएगी और यातायात प्रवाह के आधार पर आवश्यक बदलाव भी किए जाएंगे।
इमरजेंसी वाहनों को मिलेगी छूट और सुरक्षा इंतजाम
वन-वे व्यवस्था को लेकर सबसे अहम पहलू यह है कि एंबुलेंस और अन्य इमरजेंसी वाहनों को इस नए नियम से छूट दी गई है ताकि किसी भी आपात स्थिति में उन्हें बाधा न हो। एसपी ट्रैफिक संजय कुमार ने बताया कि ट्रायल के दौरान अतिरिक्त पुलिसकर्मी विशेष रूप से विजय चौक और आसपास के इलाकों में तैनात किए जाएंगे ताकि जाम की समस्या उत्पन्न न हो। उनका मानना है कि यह कदम न केवल लोगों को राहत देगा बल्कि शहर के यातायात प्रबंधन में एक स्थायी सुधार का आधार भी बनेगा। यदि यह प्रयोग सफल रहता है तो भविष्य में गोरखपुर के अन्य जाम प्रभावित क्षेत्रों में भी ऐसी ही व्यवस्था लागू की जा सकती है। स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों की नजर इस ट्रायल पर टिकी हुई है क्योंकि इस क्षेत्र में जाम की समस्या लंबे समय से व्यापार और आम जनजीवन को प्रभावित कर रही है। प्रशासन को उम्मीद है कि इस नई पहल से न केवल यातायात में अनुशासन बढ़ेगा बल्कि शहर के लोगों को समय और ऊर्जा दोनों की बचत होगी।