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Gorakhpur News : स्कूली बच्चों के लिए नई पहल: पीपीगंज प्राथमिक विद्यालय में जिम की सौगात

नगर पंचायत ने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को ध्यान में रखते हुए लगाए आधुनिक उपकरण, छात्रों में दिखा जोश

Children using gym equipment in PPganj primary school

गोरखपुरउत्तर प्रदेश – गोरखपुर के पीपीगंज नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड नंबर 4 में स्थित कम्पोजिट प्राथमिक विद्यालय में बच्चों के लिए जिम की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इस पहल का उद्देश्य विद्यार्थियों के शारीरिक और मानसिक विकास को गति देना है। स्थानीय सभासद राघवेन्द्र सिंह मंटू के प्रस्ताव पर नगर पंचायत ने विद्यालय में आधुनिक व्यायाम उपकरण स्थापित कराए हैं। इस सुविधा के शुरू होने के बाद छात्रों में काफी उत्साह देखने को मिला है। बच्चों ने न सिर्फ उपकरणों का उपयोग कर आनंद लिया, बल्कि उन्होंने इसे अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने की इच्छा भी जताई। सभासद राघवेन्द्र सिंह का कहना है कि जिम बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाने और तनाव को दूर करने में सहायक होगा। इसके साथ ही यह उनके लिए पढ़ाई में एकाग्रता लाने और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने का एक मजबूत साधन बनेगा।

शिक्षकों ने गिनाए व्यायाम के लाभ

विद्यालय की प्रधानाचार्या साधना श्रीवास्तव ने इस पहल को बेहद सराहनीय बताया और जिम के लाभों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नियमित व्यायाम से बच्चों का शारीरिक स्वास्थ्य तो बेहतर होता ही है, साथ ही यह उनके मानसिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। व्यायाम से मोटर स्किल्स में सुधार होता है, जिससे बच्चे अपनी शारीरिक गतिविधियों में अधिक दक्ष बनते हैं। साथ ही यह टीमवर्क की भावना को भी बढ़ाता है, क्योंकि बच्चे समूह में मिलकर अभ्यास करना सीखते हैं। शिक्षिका का मानना है कि बचपन में विकसित हुई यह स्वस्थ आदतें जीवनभर उनके साथ रहती हैं और उन्हें आत्मनिर्भर, अनुशासित और मजबूत व्यक्तित्व बनाने में मदद करती हैं।

नई पहल से ग्रामीण शिक्षा को मिलेगा बल

पीपीगंज के इस प्राथमिक विद्यालय में जिम की सुविधा ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था के लिए एक मिसाल मानी जा रही है। आमतौर पर शहरी स्कूलों में ही इस प्रकार की आधुनिक सुविधाएं देखने को मिलती हैं, लेकिन अब ग्रामीण इलाकों में भी बच्चों को स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में समान अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे न केवल विद्यार्थियों का समग्र विकास होगा, बल्कि शिक्षा व्यवस्था में भी गुणवत्तापूर्ण बदलाव आएगा। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस प्रकार की पहल से अभिभावकों का भरोसा सरकारी विद्यालयों पर और मजबूत होगा और अधिक से अधिक बच्चे इन विद्यालयों से जुड़ेंगे। यह कदम न सिर्फ बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की ओर संकेत करता है, बल्कि समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को समान रूप से महत्व देने की दिशा में भी एक सकारात्मक संदेश देता है।

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