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Gorakhpur News: गोरखपुर विश्वविद्यालय कॉलोनी में बिजली-पानी संकट, शिक्षकों में बढ़ा आक्रोश

हीरापुरी कॉलोनी सबसे ज्यादा प्रभावित, कुलपति ने दिलाया समाधान का भरोसा

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गोरखपुरउत्तर प्रदेश – गोरखपुर विश्वविद्यालय की आवासीय कॉलोनियों में रहने वाले शिक्षक पिछले दो महीने से बिजली और पानी की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। हीरापुरी कॉलोनी समेत कई इलाकों में नियमित रूप से बिजली कटौती और जलापूर्ति बाधित रहने से उनका दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कभी तकनीकी खराबी तो कभी आपूर्ति में अड़चन का हवाला दिया गया, लेकिन अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकला। परेशान शिक्षक अपनी व्यथा इंटरनेट मीडिया पर साझा कर प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल खड़े कर रहे हैं। इस लगातार संकट ने उनके धैर्य को तोड़ दिया है और उनमें गहरा आक्रोश व्याप्त है।

हीरापुरी कॉलोनी में सबसे ज्यादा संकट

सूत्रों के अनुसार, हीरापुरी कॉलोनी इस समय सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र है, जहां न केवल पानी की सप्लाई अनियमित है बल्कि लंबे समय तक बिजली गुल रहने की समस्या भी लगातार बनी हुई है। गर्मी और उमस में बिजली-पानी की कमी ने शिक्षकों के परिवारों को बेहद परेशान कर दिया है। बच्चों की पढ़ाई और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर भी इसका असर पड़ रहा है। कई शिक्षकों ने साफ कहा है कि वे मजबूरी में निजी संसाधनों का सहारा ले रहे हैं, लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं है। स्थिति यह है कि कॉलोनी में असंतोष का माहौल बन गया है और शिक्षक खुले तौर पर प्रबंधन की नीतियों की आलोचना कर रहे हैं।

कुलपति ने लिया संज्ञान, दिलाया आश्वासन

लगातार बढ़ते विरोध और शिक्षकों की नाराजगी को देखते हुए गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति ने इस समस्या का संज्ञान लिया है। कुलपति ने शिक्षकों से संवाद कर भरोसा दिलाया कि प्रशासन जल्द ही समस्या का स्थायी हल निकालने की दिशा में कदम उठाएगा। उन्होंने तकनीकी टीमों को जल और विद्युत आपूर्ति की खामियों को तुरंत दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, शिक्षकों का कहना है कि यह आश्वासन पहले भी कई बार मिल चुका है लेकिन जमीन पर स्थिति जस की तस है। उनका मानना है कि जब तक ठोस और दीर्घकालिक समाधान नहीं होगा तब तक कॉलोनियों में रहने वालों की परेशानी दूर नहीं हो सकती। अब देखने वाली बात यह होगी कि विश्वविद्यालय प्रशासन कितनी तेजी और गंभीरता से इस संकट को दूर करने में सफल होता है।

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