गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर के कैंट थाना क्षेत्र स्थित PWD ऑफिस में बुधवार को JE और ठेकेदार लल्लन दुबे के बीच मारपीट के मामले में शुक्रवार को पुलिस ने ठेकेदार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोपी लल्लन दुबे का कहना है कि वह एसएसपी ऑफिस अपनी गुहार लेकर गया था। बाहर निकलते ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उनका आरोप है कि उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी, जिसे दबाने के लिए उन पर झूठा केस कराया गया है।
कैंट सीओ योगेंद्र सिंह ने बताया कि मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही आरोपी की तलाश की जा रही थी। कैंट क्षेत्र में लोकेशन मिलने पर पुलिस ने घेराबंदी कर उसे पकड़ा।
ऑफिस में हुई हाथापाई
बुधवार दोपहर करीब 1:30 बजे JE डीके सिंह और ठेकेदार लल्लन दुबे के बीच हाथापाई हुई। JE का आरोप है कि ठेकेदार ने ऑफिस में घुसकर उनसे मारपीट की, उनकी शर्ट फाड़ दी और जेब से ₹6,000 नकद छीन लिए। इतना ही नहीं, ठेकेदार ने माप पुस्तिका भी फाड़ दी और गला दबाकर मारने की कोशिश की।
JE का कहना है कि लल्लन दुबे पंजीकृत ठेकेदार नहीं हैं और आए दिन दफ्तर में आकर कामकाज में बाधा डालते हैं तथा धन उगाही की कोशिश करते हैं।
पुलिस कार्रवाई और गंभीर धाराएं
घटना की जानकारी मिलने पर PWD अधिशासी अभियंता अरविंद कुमार ने कैंट थाने में तहरीर दी। इसके आधार पर ठेकेदार पर डकैती, हत्या की कोशिश समेत 7 गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। शुक्रवार को गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में पेश कर आरोपी को जेल भेज दिया गया।
मारपीट की घटना के बाद डिप्लोमा इंजीनियरिंग संघ और राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने बैठक कर कहा कि दोषी ठेकेदार पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। संघ ने गैंगस्टर एक्ट लगाने और ठेकेदार का लाइसेंस निरस्त करने की मांग की।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष पंडित श्याम नारायण शुक्ला ने कहा कि कर्मचारी समाज अब इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेगा।
ठेकेदार संगठन ने किया प्रदर्शन
वहीं, दूसरी ओर ठेकेदारों ने भी प्रदर्शन कर लल्लन दुबे के पक्ष में आवाज उठाई। उत्तर प्रदेश ठेकेदार कल्याण समिति के अध्यक्ष शरद कुमार सिंह ने कहा कि लल्लन दुबे पंजीकृत ठेकेदार हैं और उन पर झूठा मुकदमा कराया गया है।
उनका आरोप है कि JE और AE ने मिलकर ठेकेदार से मारपीट की और फिर उसी पर केस दर्ज करा दिया। समिति ने मांग की कि घटना की CCTV फुटेज की जांच कराई जाए और यदि JE व अन्य दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।