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Gorakhpur News : गोरखपुर में नकली नमक का धंधा उजागर: पुलिस और कंपनी की संयुक्त कार्रवाई में बड़ा खुलासा

मिर्जापुर इलाके में गोदाम से 3.43 क्विंटल नकली नमक व अन्य सामान जब्त, आरोपी फरार

Police seizing fake Tata salt in Gorakhpur raid

गोरखपुरउत्तर प्रदेश –  गोरखपुर शहर में मिलावटखोरी और नकली उत्पादों के धंधे पर एक बार फिर से पुलिस की पैनी नजर पड़ी है। राजघाट थाना क्षेत्र के मिर्जापुर इलाके में उस समय हड़कंप मच गया जब पुलिस और टाटा कंपनी की संयुक्त टीम ने अचानक एक गोदाम पर छापा मारा। इस छापेमारी में बड़ी मात्रा में नकली उत्पादों का जखीरा बरामद हुआ जिसमें सबसे ज्यादा मात्रा नकली टाटा नमक की थी। टीम ने मौके से कुल 3.43 क्विंटल नमक जब्त किया, इसके अलावा टाटा ब्रांड की नकली चाय पत्ती और फेवीक्विक भी पैकिंग के साथ पाए गए। पुलिस की कार्रवाई इतनी अचानक और सख्त थी कि गोदाम में मौजूद आरोपी छापे से पहले ही भागने में सफल हो गए। यह मामला न केवल उपभोक्ताओं की सेहत के लिए खतरा है बल्कि कंपनी की साख और आर्थिक नुकसान से भी जुड़ा हुआ है। पुलिस ने जब्त किए गए सामान को थाने में सुरक्षित रख लिया है और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

कंपनी की शिकायत और पुलिस की तत्परता से खुला मामला

इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब टाटा कंपनी को लगातार शिकायतें मिलने लगीं कि बाजार में उनके नाम से निम्न गुणवत्ता वाले उत्पाद बेचे जा रहे हैं। कंपनी के लीगल एडवाइजर प्रभात कुमार गुप्ता ने बताया कि बाजार में उपलब्ध नकली पैकेट्स से उपभोक्ता गुमराह हो रहे थे और कंपनी की ब्रांड छवि को भी नुकसान पहुंच रहा था। शिकायतों के बाद कंपनी की टीम ने अपनी जांच शुरू की और पता लगाया कि मिर्जापुर इलाके में बड़े पैमाने पर नकली पैकिंग करके नमक और अन्य उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। कंपनी ने तुरंत ही इस बारे में गोरखपुर के एसएसपी राजकरन नय्यर को सूचित किया। एसएसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए राजघाट थाने की टीम को निर्देश दिए और कंपनी के साथ मिलकर संयुक्त छापेमारी की योजना बनाई। पुलिस की तत्परता और कंपनी की सक्रियता की वजह से यह बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हो सका और लाखों रुपये का नुकसान होने से बचाया गया।

आगे की कार्रवाई और उपभोक्ताओं के लिए चेतावनी

छापेमारी के बाद राजघाट थाना प्रभारी सदानंद सिन्हा ने बताया कि जब्त किए गए सभी सामान को विधिक प्रक्रिया के तहत कब्जे में ले लिया गया है और आरोपियों की पहचान की जा रही है। पुलिस की ओर से साफ किया गया है कि दोषियों को जल्द ही गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं इस घटना ने उपभोक्ताओं के सामने भी एक गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर रोजमर्रा के इस्तेमाल की वस्तुएं कितनी सुरक्षित हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि नकली नमक और चाय पत्ती जैसे खाद्य पदार्थ मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं और लंबे समय तक इनके सेवन से गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। पुलिस और प्रशासन अब इस तरह की मिलावट और फर्जीवाड़े पर नजर बनाए हुए हैं। उपभोक्ताओं को भी जागरूक रहते हुए केवल प्रमाणित दुकानों और असली पैकिंग वाले उत्पादों का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है। गोरखपुर की यह घटना एक बार फिर यह चेतावनी देती है कि मिलावटखोरी का कारोबार समाज और स्वास्थ्य दोनों के लिए खतरनाक है और इसके खिलाफ सतर्क रहना बेहद जरूरी है।

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