गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर जिले के बड़हलगंज क्षेत्र में डेंगू का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। नगर पंचायत के वार्डों के साथ-साथ आसपास के ग्रामीण इलाकों में भी डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जलजमाव और गंदगी से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं, वहीं मच्छरों के लार्वे खुले पानी में तेजी से पनप रहे हैं। इससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। तीन-चार दिन पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डेरवा की ओर से मुक्तिपथ पर स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया था। शिविर में दवाइयों का वितरण और जागरूकता रैली निकाली गई थी। हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि शिविर के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। नागरिकों का आरोप है कि विभाग केवल दिखावे के कार्यक्रम कर रहा है जबकि जमीनी स्तर पर कोई वास्तविक कदम नहीं उठाया जा रहा।
जलजमाव और मच्छरों से बढ़ी परेशानी
लगातार बारिश के चलते कल्याननगर, मुक्तिपथ नगर और जलेश्वर नगर जैसे इलाकों में भारी जलजमाव हो गया है। धूप निकलने पर यह पानी सड़ने लगता है और बदबू फैलने लगती है, जिससे लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं। गली-मोहल्लों में जमा पानी मच्छरों के लिए प्रजनन स्थल बन गया है और इससे डेंगू का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। नगर पंचायत प्रशासन कभी-कभार फॉगिंग करवाकर अपनी जिम्मेदारी पूरी मान लेता है, लेकिन यह उपाय न तो नियमित है और न ही प्रभावी। स्थानीय लोगों का कहना है कि सफाई और जलनिकासी की ठोस व्यवस्था के बिना बीमारी पर काबू पाना संभव नहीं है। लगातार बिगड़ते हालात के कारण लोग भयभीत हैं और शाम ढलते ही घरों से बाहर निकलने से कतराने लगे हैं।
नागरिकों की नाराजगी और प्रशासन पर सवाल
ग्रामीणों और नागरिकों का गुस्सा अब खुलकर सामने आ रहा है। उनका कहना है कि जल निकासी की समुचित व्यवस्था न होने और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं। मच्छरों का प्रकोप इतना बढ़ गया है कि लोगों के लिए सामान्य जीवन जीना मुश्किल हो गया है। नागरिकों ने मांग की है कि हर वार्ड और गांव में नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, दवा वितरण और व्यापक सफाई अभियान चलाया जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर नगर पंचायत और स्वास्थ्य विभाग मिलकर ठोस कार्रवाई नहीं करते तो उन्हें आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा। स्थानीय लोगों का मानना है कि समय रहते कदम न उठाए गए तो डेंगू का कहर और भी खतरनाक रूप ले सकता है और स्थिति को संभालना मुश्किल हो जाएगा। फिलहाल प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर जनता की सेहत को लेकर इतनी बड़ी लापरवाही क्यों बरती जा रही है।