गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर शहर के सबसे पुराने और व्यस्ततम स्थलों में से एक बक्शीपुर चौराहा अब जल्द ही एक नए नाम और स्वरूप के साथ पहचाना जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे ‘चित्रगुप्त चौराहा’ के रूप में विकसित करने की मंजूरी दे दी है। यह फैसला उस समय सामने आया जब चित्रगुप्त मंदिर सभा के शपथ ग्रहण समारोह में कार्यकर्ताओं ने सीएम के सामने यह मांग रखी कि मंदिर से सटे इस प्रमुख चौराहे को भगवान चित्रगुप्त के नाम से सजाया-संवारा जाए। कार्यकर्ताओं का तर्क था कि यह इलाका शिक्षा, लेखन और अध्यात्म का केंद्र माना जाता है और ऐसे में चित्रगुप्त जी के नाम पर इसका सौंदर्यकरण आस्था और सांस्कृतिक गरिमा दोनों को बढ़ाएगा। मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव पर तत्काल सहमति जताई और मंच पर ही महापौर मंगलेश श्रीवास्तव को निर्देश दिए कि नगर निगम की टीम इस पर ठोस कार्ययोजना तैयार करे। महापौर ने जानकारी दी कि विरासत गलियारा प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद बक्शीपुर चौराहे के नवीनीकरण और नामकरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
सुंदरीकरण और विकास की योजनाओं पर जोर
महापौर मंगलेश श्रीवास्तव ने कहा कि नगर निगम इस समय ‘विरासत गलियारा’ प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है और इसके पूर्ण होते ही बक्शीपुर चौराहे के सौंदर्यकरण की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री की अपेक्षाओं और शहरवासियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए इस स्थान को आधुनिक और सांस्कृतिक दृष्टि से आकर्षक बनाया जाएगा। योजना के तहत चौराहे का नामकरण ‘चित्रगुप्त चौराहा’ किया जाएगा और इसके चारों ओर धार्मिक और सांस्कृतिक माहौल को ध्यान में रखते हुए डिजाइन तैयार होगी। रोडमैप में न केवल यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने की रूपरेखा होगी, बल्कि सौंदर्यकरण के लिए लाइटिंग, साज-सज्जा, पेंटिंग और शिल्पकला से जुड़े कार्य भी किए जाएंगे। नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि पूरा प्रोजेक्ट शहर की पहचान को नया रूप देगा और यह चौराहा श्रद्धालुओं व आम नागरिकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बनेगा।
स्थानीय लोगों में उत्साह और उम्मीदें
इस फैसले से गोरखपुर के स्थानीय निवासियों और व्यापारियों में उत्साह का माहौल है। उनका कहना है कि बक्शीपुर चौराहा हमेशा से ही एक प्रमुख बाजार और व्यस्त स्थल रहा है, लेकिन इसके ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को वह पहचान नहीं मिल पा रही थी जिसके वह हकदार है। अब जब इसे ‘चित्रगुप्त चौराहा’ के रूप में सजाया जाएगा तो यह न सिर्फ श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रतीक बनेगा बल्कि शहर की सांस्कृतिक पहचान भी और मजबूत होगी। व्यापारी वर्ग का मानना है कि सौंदर्यकरण और नामकरण से यहां पर आने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि होगी जिससे व्यापार को भी लाभ पहुंचेगा। वहीं युवाओं और छात्रों का कहना है कि चित्रगुप्त जी शिक्षा और लेखन के देवता माने जाते हैं और उनके नाम पर यह चौराहा उन्हें अध्ययन और ज्ञान की परंपरा की याद दिलाएगा। स्थानीय लोग उम्मीद जता रहे हैं कि सरकार और नगर निगम इस काम को तेजी से आगे बढ़ाएंगे ताकि जल्द ही गोरखपुरवासियों को एक नए स्वरूप में ‘चित्रगुप्त चौराहा’ देखने को मिले।