गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर के पिपराइच थाना क्षेत्र के जंगल धूषण स्थित भट्टा कॉलोनी में शुक्रवार देर रात एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया। यहां एक किराए के मकान से करीब 35 वर्षीय युवक का शव बरामद हुआ जो लगभग पांच से छह दिन पुराना बताया जा रहा है। शव सड़ चुका था, जिससे पूरे इलाके में दुर्गंध फैल गई और स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने मकान का दरवाजा टूटा पाया और बाउंड्री वॉल के भीतर ताले को फेंका हुआ देखा। कमरे के अंदर बल्ब जल रहा था और रोशनदान के सहारे लगाए गए कपड़े के फंदे के टूटने के बाद शव नीचे गिरा हुआ था। इस दृश्य ने स्पष्ट संकेत दिए कि मामला आत्महत्या का है। स्थानीय लोगों के अनुसार मकान जनवरी माह में बेला क्षेत्र निवासी राजेश दुबे को किराए पर दिया गया था और उसके साथ चार अन्य युवक भी रहते थे, जो पंडिताई का कार्य करते थे। मृतक की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर बताई गई है, जिससे उसके मानसिक तनाव में रहने की बात सामने आई है।
मृतक की पहचान और बरामद सुसाइड नोट
पुलिस को मकान की तलाशी के दौरान मृतक का आधार कार्ड, पैन कार्ड और एक सुसाइड नोट मिला। इन दस्तावेजों के आधार पर युवक की पहचान गोरखपुर के बेलीपार थाना क्षेत्र के भीटी गांव निवासी विनोद तिवारी के पुत्र उदय तिवारी के रूप में हुई। थानाध्यक्ष पुरुषोत्तम आनंद सिंह ने बताया कि सुसाइड नोट में मृतक ने पारिवारिक और निजी परेशानियों का उल्लेख किया है। प्रारंभिक जांच से यह सामने आया कि उदय तिवारी लंबे समय से आर्थिक तंगी और घरेलू तनाव झेल रहा था, जिसकी वजह से उसने आत्महत्या जैसा कदम उठाया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और फोरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल से महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्र किए हैं। मकान मालिकिन के भाई ईश्वर चौहान ने बताया कि मृतक जनवरी से इस मकान में रह रहा था और किराया 5500 रुपये मासिक तय हुआ था। हालांकि, पिछले कुछ समय से उसकी आर्थिक स्थिति और भी बिगड़ती जा रही थी।
पुलिस कार्रवाई और स्थानीय प्रतिक्रिया
घटना के बाद से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। पड़ोसियों ने बताया कि मृतक और उसके साथ रहने वाले अन्य युवक अक्सर पूजा-पाठ के कार्यों में व्यस्त रहते थे, लेकिन पिछले कुछ दिनों से वह बेहद उदास और चुपचाप रहने लगा था। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत जांच की जा रही है ताकि आत्महत्या के पीछे के कारणों की पूरी सच्चाई सामने आ सके। फिलहाल सुसाइड नोट और परिजनों के बयान को मुख्य आधार माना जा रहा है। प्रशासन ने परिजनों को आश्वस्त किया है कि उन्हें न्याय दिलाने के लिए हर पहलू की बारीकी से पड़ताल की जाएगी। यह घटना गोरखपुर में बढ़ते मानसिक और आर्थिक दबावों की एक झलक पेश करती है, जहां कई लोग चुपचाप संकट झेलते हुए आत्महत्या का रास्ता चुन रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सामाजिक और प्रशासनिक स्तर पर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। पुलिस ने कहा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई तेज की जाएगी और आवश्यक होने पर कानूनी धाराओं के तहत केस दर्ज किया जाएगा।