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Gorakhpur News : जिले में 15 हजार से अधिक मतदाता आवेदन फ्रीज, SIR प्रक्रिया शुरू होते ही निर्वाचन आयोग ने लिया निर्णय

Gorakhpur news in hindi : विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत जिले की मतदाता सूची को फ्रीज किया गया, अब सत्यापन और अपडेट के बाद बनेगी नई सूची

Election officials freeze voter list during SIR process in Gorakhpur | Gorakhpur News

गोरखपुर जिले में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) की प्रक्रिया शुरू होते ही निर्वाचन विभाग ने बड़ा कदम उठाते हुए वर्तमान मतदाता सूची को फ्रीज कर दिया है। इस निर्णय के तहत नए मतदाता बनने, नाम या पते में संशोधन करवाने और बूथ बदलवाने के लिए आए करीब 15 हजार से अधिक आवेदनों पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। अब इन आवेदनों पर विचार SIR की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही किया जाएगा। निर्वाचन आयोग का उद्देश्य इस प्रक्रिया के माध्यम से जिले की मतदाता सूची को पूरी तरह अद्यतन, सटीक और डुप्लीकेट रहित बनाना है। भारत निर्वाचन आयोग और राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की ओर से पहले ही जिला निर्वाचन अधिकारी और उप जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक कर विस्तृत दिशा-निर्देश साझा किए जा चुके हैं। निर्देशों के अनुसार, 27 अक्टूबर 2025 तक फ्रीज की गई सूची को आधार मानते हुए प्रत्येक मतदाता के लिए एक यूनिक एन्यूमरेशन फॉर्म तैयार किया जाएगा। इस फॉर्म में उस मतदाता से संबंधित सभी मौजूदा जानकारियाँ होंगी। जिलाधिकारी ने अधिकारियों की बैठक में SIR की पूरी रूपरेखा पर चर्चा की और स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया मतदाता सूची की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

हर 1000 मतदाताओं पर एक बीएलओ नियुक्त, घर-घर होगा सत्यापन

SIR के तहत जिले में लगभग 3679 बूथ लेवल अधिकारी (BLO) तैनात किए गए हैं, जिन्हें प्रत्येक 1000 मतदाताओं की जिम्मेदारी दी गई है। ये अधिकारी अपने क्षेत्र के मतदाताओं तक एन्यूमरेशन फॉर्म पहुंचाएंगे और मतदाता सूची का मिलान वर्ष 2003-04 की पिछली SIR के रिकार्ड से करेंगे। इस तुलना के लिए उन्हें ऑल इंडिया डेटाबेस से जानकारी प्राप्त करने की भी सुविधा दी गई है ताकि अगर कोई मतदाता पूर्व में किसी अन्य मतदान केंद्र, विधानसभा या राज्य में पंजीकृत रहा हो तो उसकी पहचान की जा सके। इस प्रक्रिया में बीएलओ अधिकतम तीन बार घरों का दौरा करेंगे और मतदाता की जानकारी की पुष्टि करेंगे। अगर कोई व्यक्ति अस्थायी रूप से बाहर गया है या दफ्तर के समय में घर पर नहीं मिलता है, तो वह ऑनलाइन माध्यम से भी अपनी जानकारी अपडेट कर सकता है। बीएलओ द्वारा वितरित प्रपत्र में मतदाता सूची के सभी आवश्यक विवरण दर्ज रहेंगे और उनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होगा कि मतदाता का नाम पुराने रिकार्ड से सही मेल खा रहा है या नहीं। जिन मतदाताओं के नाम 2003 की सूची में या उनके माता-पिता के नाम से मेल खाते हैं, उन्हें कोई अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करना होगा। वहीं जिनका नाम किसी भी सूची में नहीं है, उन्हें पहचान, जन्म और निवास प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। इस प्रक्रिया के लिए मतदाता 2003-04 की एसआईआर सूची http://voters.eci.gov.in वेबसाइट पर देख सकते हैं और स्वयं भी विवरण का मिलान कर सकते हैं।

डुप्लीकेट वोटरों की पहचान और शुद्ध मतदाता सूची तैयार करने का लक्ष्य

SIR प्रक्रिया का एक प्रमुख उद्देश्य मतदाता सूची से डुप्लीकेट वोटरों की पहचान कर उन्हें हटाना है। लंबे समय से चल रही दोहरी पंजीकरण की समस्या को समाप्त करने के लिए निर्वाचन आयोग डिजिटल सत्यापन प्रणाली का उपयोग कर रहा है। हर मतदाता की जानकारी आल इंडिया डेटाबेस से जोड़ी जाएगी ताकि यदि किसी व्यक्ति का नाम वर्ष 2003-04 में किसी अन्य राज्य या विधानसभा क्षेत्र में दर्ज था और बाद में 2025 में किसी अन्य स्थान पर भी जुड़ गया हो, तो सिस्टम तुरंत इस विसंगति को पकड़ सके। इसके आधार पर बीएलओ संबंधित व्यक्ति से सत्यापन करेंगे और आवश्यक सुधार करवाएंगे। मतदाता सूची को पारदर्शी और सटीक बनाने की इस कवायद से मतदान प्रक्रिया में विश्वसनीयता बढ़ेगी और फर्जी मतदान की संभावनाएं समाप्त होंगी। जिन मतदाताओं के नाम किसी भी सूची में नहीं मिलेंगे, उन्हें पहचान पत्र, पासपोर्ट, जन्म प्रमाणपत्र, शैक्षणिक प्रमाणपत्र, स्थायी निवास प्रमाणपत्र या सरकारी अभिलेख जैसे दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि आधार कार्ड मान्य होगा, लेकिन इसे आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप ही स्वीकार किया जाएगा। इस व्यापक सत्यापन के बाद तैयार की गई नई मतदाता सूची न केवल अद्यतन होगी, बल्कि इसमें पुराने रिकॉर्ड की सभी विसंगतियों को दूर किया जाएगा। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि यह प्रक्रिया चुनावी पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगी, जिससे भविष्य में किसी भी प्रकार के भ्रम, त्रुटि या डुप्लीकेट वोटिंग की संभावना समाप्त हो जाएगी।

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