गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जिला पंचायत अध्यक्षों, ब्लॉक प्रमुखों, जिला पंचायत सदस्यों और बीडीसी प्रतिनिधियों से संवाद किया। ‘विकसित यूपी 2047 संवाद श्रृंखला’ के अंतर्गत आयोजित इस वार्ता में सीएम योगी ने कहा कि आत्मनिर्भर पंचायतें ही विकसित भारत और विकसित उत्तर प्रदेश का आधार बनेंगी। उन्होंने प्रतिनिधियों से अपील की कि वे अपनी वार्षिक कार्ययोजना में विकास और लोक कल्याण को केंद्र में रखें तथा आय बढ़ाने के लिए नवाचार को प्राथमिकता दें। सीएम ने कहा कि पंचायतों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा से विकास के नए मॉडल सामने आएंगे और यही सुशासन और आत्मनिर्भरता की नींव रखेंगे। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि प्रदेश के विकास का रास्ता त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली से होकर ही गुजरता है, इसलिए सभी प्रतिनिधियों को नेतृत्व करते हुए जनता की भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने कहा कि यह अभियान तभी सफल होगा जब इसे जन आंदोलन का स्वरूप मिलेगा और हर पंचायत अपनी भूमिका मजबूती से निभाएगी।
उत्तर प्रदेश की प्रगति और भविष्य की आर्थिक दिशा
सीएम योगी ने संवाद में पिछले साढ़े आठ वर्षों की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश ने ऐतिहासिक प्रगति दर्ज की है। प्रदेश की सकल घरेलू उत्पाद 13 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 35 लाख करोड़ तक पहुंच गई है, जबकि प्रति व्यक्ति आय 52 हजार रुपये से बढ़कर 1.20 लाख रुपये हो गई है। उन्होंने बताया कि 45 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्रदेश को मिले हैं, जिनमें से 15 लाख करोड़ रुपये के निवेश धरातल पर उतर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने विकसित राष्ट्र की परिकल्पना के लिए एक स्पष्ट रोडमैप तैयार किया है और अगले पांच वर्षों में प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदलने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए आम जनता से क्यूआर कोड के माध्यम से सुझाव आमंत्रित किए गए हैं और अब तक 12 लाख से अधिक सुझाव प्राप्त हो चुके हैं। इनमें से प्रत्येक जिले से तीन और प्रदेश स्तर पर पांच सर्वश्रेष्ठ सुझावों को सम्मानित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल न केवल जनभागीदारी को मजबूत करेगी बल्कि विकास की नई राह भी दिखाएगी।
पंचायत प्रतिनिधियों से संवाद और नवाचार की चर्चा
मुख्यमंत्री ने इस संवाद में विभिन्न जिलों के आठ पंचायत प्रतिनिधियों से सीधे बातचीत भी की। इनमें अमरोहा जनपद की धनौरा ब्लॉक प्रमुख आशा चंद्रा, एटा के शीतलपुर ब्लॉक प्रमुख पुष्पेंद्र लोधी, कानपुर देहात के सरवनखेड़ा ब्लॉक प्रमुख उर्वशी सिंह, सोनभद्र के चोपन ब्लॉक प्रमुख लीला देवी, आजमगढ़ के अजमतगढ़ ब्लॉक प्रमुख अलका मिश्रा, वाराणसी के काशी विद्यापीठ ब्लॉक प्रमुख रेनू पटेल, पीलीभीत की जिला पंचायत अध्यक्ष दलजीत कौर, मेरठ के जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव चौधरी और प्रयागराज के जिला पंचायत अध्यक्ष विजय कुमार सिंह शामिल रहे। सीएम ने इन प्रतिनिधियों से उनके क्षेत्रों में हो रहे विकास कार्यों, नवाचारों और भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने पंचायत स्तर पर चल रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यदि हर पंचायत आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लेती है तो यूपी को विकसित राज्य बनने से कोई रोक नहीं सकता। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि सामूहिक प्रयासों से 2047 तक विकसित उत्तर प्रदेश और विकसित भारत का लक्ष्य साकार होगा।