Hindi News / State / Uttar Pradesh / Gorakhpur News Today (गोरखपुर समाचार) / Gorakhpur News: गोरखपुर में NEET छात्र की निर्मम हत्या और बाद में भड़के हालात

Gorakhpur News: गोरखपुर में NEET छात्र की निर्मम हत्या और बाद में भड़के हालात

पिपराइच के मऊआचापी गांव में रातभर हत्या के बाद सड़कों पर आगजनी, प्रदर्शन और पुलिस-जनता की झड़पें

Angry villagers blocking road after Deepak Gupta’s murder in Pipraich Gorakhpur

गोरखपुरउत्तर प्रदेश – गोरखपुर के पिपराइच ब्लॉक के मऊआचापी गाँव से एक भयावह और सनसनीखेज घटना सामने आई है जिसमें NEET की तैयारी कर रहा 19 वर्षीय छात्र दीपक गुप्ता कथित तौर पर पशु तस्करों के हमले का शिकार होकर मौत के घाट उतर गया। स्थानीय लोगों और परिवार की शिकायत के अनुसार यह घटना सोमवार रात करीब साढ़े ग्यारह बजे के आसपास हुई। स्थानीय परंपरा और संदर्भ के अनुसार मामला पहले बनास-प्रकार की कहासुनी से शुरू हुआ और बाद में हाथापाई हुई; आरोप है कि कुछ लोग – जिन्हें ग्रामीण पशु तस्कर बता रहे हैं – ने दीपक को पकड़कर उसकी क्रूर पिटाई की तथा बाद में शव को घर से चार किलोमीटर दूर फेंक दिया। परिवार और ग्रामीणों के हाथों में जब रात के उस खून से लथपथ शव की जानकारी पहुँची तो गुस्से और आक्रोश की लहर दौड़ पड़ी। मृतक के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है; मां-बहन और पिता के बयान मीडिया के प्रस्तुत व सर्वज्ञात प्रतीत भावों में गहरे दख़ल, वेदना और न्याय की मांग साफ झलकती है। घटना की खबर फैलते ही स्थानीय निवासियों ने सड़क पर प्रदर्शन शुरू कर दिया और गोरखपुर–पिपराइच रोड पर बड़े पैमाने पर जाम डाल दिया, जिससे आवागमन ठप हो गया और हॉल बारमिक रूप ले लिया। इस शुरुआती चरण में मृतक परिवार को पुलिस की ओर से कार्रवाई का आश्वासन दिया गया और उच्च अधिकारियों के मौके पर आने की खबर भी सामने आयी।

प्रदर्शन, हिंसा और पुलिस की प्रतिक्रिया


मंगलवार सुबह जब बड़ी संख्या में लोग सड़क पर उतर कर अपनी आक्रोशित आवाज उठा रहे थे तो स्थितियाँ जल्दी ही उग्र हो गईं। स्थानीय सूत्रों और उपस्थित लोगों के बयानों के अनुसार प्रदर्शनकारियों की संख्या कुछ ही समय में बढ़कर एक हजार से ऊपर पहुँच गयी। गुस्साई भीड़ ने आरोपियों के वाहन-जिन्हें ग्रामीण पशु तस्करों के ट्रक बताया रहे हैं-को आग के हवाले कर दिया और एक आरोपी को पकड़ कर पीट-पीटकर अधमरा कर दिया गया। स्थिति को नियंत्रित करने पहुंची पुलिस ने समझाने और मामला शांत कराने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारी महिलाओं और युवाओं ने पुलिसकर्मियों पर ईंट-पत्थर बरसाए। पथराव इतना तीव्र हुआ कि पुलिस को पीछे हटना पड़ा; इस हमले में चिलुआताल थाने के दरोगा सच्चिदानंद पांडेय के सिर पर गंभीर चोट आई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। रिपोर्टों के अनुसार वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी जख्मी हुए हैं; इस समय मौके पर कई थानों की अतिरिक्त फोर्स तैनात कर दी गई थी। पुलिस और प्रशासन ने मामले की गंभीरता देखते हुए DIG और SSP जैसे उच्च अधिकारियों को घटनास्थल पर भेजा; अधिकारियों ने परिवार और ग्रामीणों से बात कर मामले की तटस्थ और शीघ्र जांच का भरोसा दिलाया। प्रशासन की मौजूदगी और आश्वासन के बाद भी लोगों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा था; इस बीच स्थानीय अधिकारियों ने दुकानदारों को गतिविधि बन्द करने तथा सड़कों को खुलवाने के लिए बात-चीत का सहारा लिया और दोपहर के करीब जाम हटवाया गया। इस पूरे संघर्ष के दौरान सोशल मीडिया और स्थानीय टीआरएफ चैनलों पर घटनास्थल की तस्वीरें व वीडियो वायरल हुईं, जिनमें आग लगे ट्रक, भीड़ के विशाल समूह, रोती हुई महिलाएँ तथा पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीव्र संघर्ष साफ दिखाई दे रहे थे।

प्रशासनिक कदम, पारिवारिक प्रतिक्रिया और कानूनी कार्रवाई की उम्मीद


घटना की संवेदनशीलता और बढ़ते सार्वजनिक आक्रोश के कारण सत्ता के उच्च स्तर पर भी संज्ञान लिया गया। मुख्यमंत्री के निर्देशों का हवाला देते हुए स्थानीय प्रशासन ने आरोपियों की पहचान कर जल्द गिरफ्तारी और सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। घटनास्थल पर पहुँचे वरिष्ठ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी परिवार को कानूनी कार्रवाई और सुरक्षा का भरोसा दिलाने के साथ दावा कर रहे हैं कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और त्वरित सुपुर्द-ए-कानून होने की प्रक्रिया तेज़ की जा रही है। मृतक के परिजनों का दर्द बेहद गहरा है; माँ सीमा और पिता दुर्गेश का बयान भावनात्मक रूप से गहराई लिए हुए है – वे आरोपियों की सख्त सजा की मांग कर रहे हैं तथा माता ने खुले शब्दों में कहा कि केवल दोषियों को कड़ाई से सजा मिलने पर ही उन्हें शांति मिलेगी। महिला पुलिस अधिकारियों ने परिवार को आत्मीयता और कड़ा कार्रवाई का आश्वासन दिया ताकि भावनात्मक संतुलन बन सके और अनपेक्षित हिंसा को रोका जा सके। वहीं, स्थानीय प्रशासन ने सार्वजनिक सुरक्षा के मद्देनज़र आसपास के इलाकों में पुलिस पोस्ट बढ़ाने, पेट्रोलिंग तेज करने तथा CCTVs और रेडियो चैनलों के जरिये शांतिपूर्ण संदेश प्रसारित कराने का कार्यक्रम सुझाया है। कानूनी प्रक्रियाएँ शुरू हो चुकी हैं; पुलिस ने फ़ॉरेन्सिक टीमों तथा अभियोजन पक्ष को मामले में जोड़ा और प्रारम्भिक पूछताछ व साक्ष्य संग्रह की कार्यवाही चल रही है। इस बीच समुदाय में न्याय की तेज़ी से मांग और दोषियों की पहचान पर दबाव दोनों बढ़ रहे हैं, जिससे यह मामला न केवल स्थानीय बल्कि राजनैतिक और प्रशासनिक निगाहों में भी रुक-रुक कर प्रमुख बन गया है।

ये भी पढ़ें:  Gorakhpur News : नेपाल हिंसा में फंसे गोरखपुर के यात्री, ड्राइवर ने लगाई मदद की गुहार
Share to...