गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर के गगहा इलाके में एक निजी अस्पताल की गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है, जहां 15 वर्षीय रंजना यादव को गलत तरीके से इंजेक्शन लगाने के कारण उसके हाथ की नस में निडिल टूटकर फंस गया। परिजनों के अनुसार 1 सितंबर को तबीयत बिगड़ने पर वे रंजना को हाटा स्थित एक हॉस्पिटल लेकर गए, जहां कर्मचारी ने उसके बाएं हाथ में इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन के तुरंत बाद रंजना दर्द से तड़पने लगी, लेकिन स्टाफ ने समस्या छिपाते हुए एक और इंजेक्शन दूसरे हाथ में लगा दिया और मरीज को घर भेज दिया। इसके बाद भी दर्द लगातार बढ़ता रहा। कई बार हॉस्पिटल जाने के बावजूद डॉक्टर और कर्मचारियों ने केवल दवाएं देकर मामले को टाल दिया। जब परिजनों ने मजबूरी में एक्स-रे कराया, तो तस्वीरों में साफ दिखा कि लड़की के हाथ की नस में इंजेक्शन का निडिल टूटा हुआ फंसा है। रिपोर्ट सामने आने पर परिवार ने जब अस्पताल से सवाल किया, तो स्टाफ ने जिम्मेदारी लेने के बजाय उन्हें अपमानित करते हुए भगा दिया।
अस्पताल और पुलिस की अनदेखी
रंजना की मां सीमा यादव ने बताया कि जब उन्होंने एक्स-रे रिपोर्ट दिखाकर हॉस्पिटल प्रबंधन से शिकायत की, तो वहां के कर्मचारी बदसलूकी पर उतर आए। उनका कहना है कि अस्पताल कर्मचारी ने यहां तक कह दिया कि “मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, जो करना हो कर लो।” इसके बाद पीड़ित परिवार गगहा थाने पहुंचा, लेकिन वहां भी सुनवाई नहीं हुई और पुलिस ने भी उन्हें निराश होकर लौटने पर मजबूर कर दिया। मामले ने तब तूल पकड़ा जब परिजन बुधवार को डीएम कार्यालय पहुंचे और प्रार्थना पत्र देकर पूरी घटना की जानकारी दी। डीएम ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) को जांच कर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए और लड़की का इलाज तत्काल सुनिश्चित करने का आदेश दिया।
ऑपरेशन से निकलेगा निडिल, कार्रवाई की मांग
डीएम के हस्तक्षेप के बाद रंजना को गोरखपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने उसे एडमिट कर इलाज शुरू कर दिया है और बताया कि दो दिन के भीतर उसका ऑपरेशन कर नस में फंसे निडिल को निकाला जाएगा। परिजनों का कहना है कि अब जाकर उन्हें कुछ राहत मिली है, लेकिन जब तक बेटी पूरी तरह स्वस्थ नहीं हो जाती, तब तक डर बना रहेगा। सीमा यादव ने अस्पताल प्रबंधन और संबंधित कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह लापरवाही केवल एक मरीज की नहीं बल्कि भविष्य में कई बच्चों और परिवारों की जिंदगी को खतरे में डाल सकती है। परिजनों ने उम्मीद जताई कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।