गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर में इस बार की नवरात्रि भक्तों के लिए विशेष होने वाली है, क्योंकि यहां बक्शीपुर स्थित पंडाल में एक अनोखी झांकी प्रस्तुत की जाएगी जो ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को समर्पित है। जय माता दी समिति द्वारा तैयार किए जा रहे इस भव्य पंडाल की झांकी में धार्मिक आस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा की ताकत का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। यहां मां दुर्गा को त्रिशूल धारण किए हुए महिषासुर का वध करते हुए दर्शाया जाएगा। इलेक्ट्रॉनिक तकनीक से सजी झांकी में देवी की प्रतिमा धीरे-धीरे आगे बढ़ेगी और राक्षस का संहार करेगी। इसके बाद वैष्णो देवी के प्रकट होने का दृश्य भक्तों को भक्ति और शक्ति का संदेश देगा। इस झांकी का उद्देश्य केवल आस्था का प्रदर्शन नहीं बल्कि मां के भक्तों के प्रति उनके स्नेह और आशीर्वाद को उजागर करना भी है। समिति का कहना है कि पंडाल में प्रतिदिन शाम 6 बजे से रात 12 बजे तक इन अद्भुत दृश्यों का आयोजन होगा जो दशहरा तक जारी रहेगा। हर वर्ष की तरह इस बार भी हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ इस अनोखे पंडाल को देखने के लिए उमड़ेगी।
आतंकवाद के विरुद्ध राष्ट्रशक्ति का प्रदर्शन, हनुमान ब्रह्मोस पर करेंगे उड़ान
पंडाल की इस झांकी का अगला हिस्सा भक्तों को देशभक्ति की भावना से भर देगा। इसमें पहलगाम आतंकी हमले का दृश्य दिखाया जाएगा, जिसके दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वह ऐतिहासिक वक्तव्य सुनाई देगा जिसमें उन्होंने कहा था कि “खून और पानी एक साथ नहीं बहेगा”। इसके बाद झांकी में मां भवानी को हनुमान को आदेश देते हुए दिखाया जाएगा कि वे संसार से आतंकवाद का नाश करें। इसी क्रम में पवनपुत्र बजरंगबली को ब्रह्मोस मिसाइल पर सवार होकर उड़ान भरते हुए प्रस्तुत किया जाएगा, जबकि राफेल लड़ाकू विमान भी आकाश में अपनी शक्ति का प्रदर्शन करता नजर आएगा। इस दृश्य के माध्यम से यह संदेश दिया जाएगा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ संकल्प के साथ खड़ा है और अपनी सैन्य शक्ति से किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम है। भक्तों के लिए यह झांकी न केवल धार्मिक महत्व रखेगी बल्कि यह राष्ट्रप्रेम और सुरक्षा के प्रति जागरूकता को भी प्रोत्साहित करेगी।
भक्तों को मिलेगा धार्मिक आस्था और देशभक्ति का गहन संदेश
जय माता दी समिति के सदस्य गौतम गुप्ता ने बताया कि इस वर्ष की थीम को तैयार करने में विशेष ध्यान इस बात पर दिया गया है कि श्रद्धालुओं को केवल धार्मिक आस्था ही नहीं बल्कि एक सकारात्मक संदेश भी मिले। उन्होंने कहा कि पहलगाम अटैक की घटना और उसके बाद ऑपरेशन सिंदूर की सफलता ने देश को यह एहसास कराया था कि भारत अपनी सीमाओं और नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने में सक्षम है। इसी संदेश को पंडाल में प्रस्तुत कर लोगों को प्रेरित करने की कोशिश की जा रही है। गुप्ता ने बताया कि हर साल की तरह इस बार भी पंडाल की साज-सज्जा अद्वितीय होगी और मां दुर्गा की प्रतिमा के सामने नौ दिनों तक नियमित पूजा-अर्चना की जाएगी। वहीं ऊपर की झांकी में यह अद्भुत दृश्य भक्तों को आकर्षित करेगा। समिति का मानना है कि नवरात्रि केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि समाज में अच्छे विचारों और सकारात्मक संदेशों को फैलाने का माध्यम भी है। इस थीम से लोगों में देशभक्ति की भावना मजबूत होगी और यह विश्वास भी जगेगा कि शक्ति और आस्था के संगम से हर बुराई का नाश संभव है।