गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर रेलवे जंक्शन पर विकास कार्यों की रफ्तार बढ़ा दी गई है। यात्रियों की सुविधा और ट्रेनों के सुचारू संचालन के लिए पूर्वोत्तर रेलवे लगातार बड़े पैमाने पर परियोजनाएं चला रहा है। वर्तमान में गोरखपुर से डोमिनगढ़ के बीच तीसरी लाइन और गोरखपुर से नकहा जंगल तक दोहरीकरण का कार्य किया जा रहा है। इन कार्यों के तहत नॉन-इंटरलॉकिंग सिस्टम का निर्माण किया जा रहा है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि यह काम पूरा होने के बाद 26 सितंबर, 2025 को रेल संरक्षा आयुक्त, उत्तर-पूर्व सर्किल द्वारा परियोजना का निरीक्षण किया जाएगा।
रद्द होने वाली ट्रेनें और यात्रियों की परेशानी
इन विकास कार्यों के चलते कई प्रमुख ट्रेनें अस्थायी रूप से रद्द रहेंगी। इनमें गोरखपुर-बठिंडा गोरखधाम एक्सप्रेस, गोरखपुर-लोकमान्य तिलक टर्मिनस एक्सप्रेस, गोरखपुर-आनंद विहार टर्मिनस एक्सप्रेस, बापूधाम मोतिहारी-आनंद विहार टर्मिनस एक्सप्रेस, गोरखपुर-पनवेल एक्सप्रेस, कामाख्या-गोमती नगर एक्सप्रेस, गोरखपुर-वाराणसी सिटी एक्सप्रेस, जम्मूतवी-भागलपुर एक्सप्रेस, गोरखपुर-सीएसएमटी (मुंबई) एक्सप्रेस, गोरखपुर-कानपुर अनवरगंज एक्सप्रेस, गोरखपुर-सम्भलपुर एक्सप्रेस, लखनऊ जंक्शन-गोरखपुर एक्सप्रेस और गोरखपुर-कोलकाता एक्सप्रेस शामिल हैं। यात्रियों को इस रद्दीकरण से असुविधा का सामना करना पड़ रहा है, विशेषकर उन लोगों के लिए जो पूर्व योजना के अनुसार यात्रा कर रहे थे।
काम पूरा होने पर सुधार और लाभ
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, तीसरी लाइन और दोहरीकरण पूरा होने के बाद गोरखपुर जंक्शन की लाइन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इससे ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी, संचालन तेज और सुचारू होगा, और समय पालन बेहतर होगा। मालगाड़ियों की आवाजाही में भी तेजी आएगी, जिससे व्यापार और उद्योग को लाभ मिलेगा। गोरखपुर जंक्शन देश का सबसे बड़ा रेलवे जंक्शन है और रोजाना लाखों यात्री यहां से यात्रा करते हैं। रेलवे का दावा है कि कार्य पूरा होने के बाद यात्रियों को आधुनिक सुविधाओं और बेहतर सफर अनुभव की सुविधा मिलेगी, हालांकि फिलहाल ट्रेन रद्द होने से यात्री असुविधा का सामना कर रहे हैं।