गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर स्थित यांत्रिक कारखाना इन दिनों चर्चा में है, जहां एसी शॉप में लापरवाही उजागर होने के बाद इंचार्ज को निलंबित कर दिया गया है। पांच सितंबर को पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक उदय बोरवणकर ने कारखाने का निरीक्षण किया था। इस दौरान एसी शॉप में फैली गंदगी और अव्यवस्था देखकर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताई। महाप्रबंधक ने साथ चल रहे अधिकारियों को फटकार लगाते हुए व्यवस्था में तत्काल सुधार की बात कही थी। निरीक्षण के बाद मुख्य कारखाना प्रबंधक (सीडब्ल्यूएम) ने एसी शॉप इंचार्ज आशुतोष पांडेय पर कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया और उनकी जगह दूसरे वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर को जिम्मेदारी सौंप दी। यह निर्णय इस बात का संकेत है कि रेलवे प्रशासन अब किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा और कार्य की गुणवत्ता को सर्वोपरि रखा जाएगा।
वेल्डिंग और सुरक्षा मानकों पर जोर
निरीक्षण के दौरान महाप्रबंधक ने केवल एसी शॉप ही नहीं, बल्कि वेल्डिंग शॉप और जली हुई पावरकार का भी बारीकी से अवलोकन किया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि कारखाने में कार्य करने वाले हर कर्मचारी पर सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य होगा। वेल्डिंग कार्यों की गुणवत्ता को और बेहतर करने की जरूरत बताई गई और पर्यवेक्षकों को तकनीकी ज्ञान में दक्ष बनने की सलाह दी गई। महाप्रबंधक ने यह भी कहा कि वेल्डिंग और एयर कंडिशनिंग की गुणवत्ता सीधे तौर पर ट्रेनों की संरक्षा और यात्री सुरक्षा से जुड़ी होती है, इसलिए इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही की गुंजाइश नहीं है। रेलवे प्रशासन चाहता है कि कारखाने में होने वाले मरम्मत और तकनीकी कार्यों में उच्च स्तरीय मानकों का पालन किया जाए ताकि ट्रेनों का संचालन सुरक्षित और विश्वसनीय बना रहे।
सुधार की ओर बढ़ता कारखाना
महाप्रबंधक की सख्ती के बाद कारखाने की स्थिति में सुधार की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इलेक्ट्रिक वायरिंग को दुरुस्त किया जा रहा है, वेल्डिंग सिस्टम की निगरानी बढ़ा दी गई है और कर्मचारियों के लिए काउंसिलिंग सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। वेल्डरों को न केवल तकनीकी ज्ञान की दोबारा समीक्षा कराई जा रही है बल्कि उन्हें आधुनिक तरीकों और सुरक्षा मानकों की ट्रेनिंग भी दी जा रही है। प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में किसी भी कर्मचारी या अधिकारी की लापरवाही सीधे कार्रवाई का आधार बनेगी। रेलवे सूत्रों के मुताबिक, इस कदम से न केवल कारखाने की कार्यशैली में सुधार होगा बल्कि कर्मचारियों में जवाबदेही भी बढ़ेगी। कुल मिलाकर, गोरखपुर का यांत्रिक कारखाना अब एक नए अनुशासन और उच्च गुणवत्ता वाले कार्य मानकों की ओर बढ़ रहा है, जिससे यात्रियों की सुरक्षा और रेलवे की छवि दोनों को मजबूती मिलेगी।