गोरखपुर जिले के सहजनवां थाना क्षेत्र के भगौरा गांव में सूदखोरी का भयावह मामला सामने आया है। पीड़ित सर्वजीत कुमार गौड़ ने बताया कि उसने करीब दो साल पहले गांव के ही एक सूदखोर से दो लाख रुपये उधार लिए थे। समय पर भुगतान करते हुए वह अब तक कुल 3.75 लाख रुपये लौटा चुका है, जिसमें ब्याज की भारी रकम भी शामिल है। इसके बावजूद आरोपी सूदखोर चार लाख रुपये और मांग रहा है। जब सर्वजीत ने यह अतिरिक्त रकम देने से इंकार किया तो उसे लगातार जान से मारने की धमकियां मिलने लगीं। यह स्थिति गांव में लंबे समय से चर्चा का विषय बनी हुई थी, लेकिन बीते 17 अगस्त को मामला उस समय गंभीर हो गया जब सूदखोर अपने साथियों के साथ सीधे सर्वजीत के घर पहुंचा और उसे जबरन कार में बैठा लिया।
लखनऊ में अगवा कर मारपीट, किसी तरह बच निकला पीड़ित
पीड़ित के मुताबिक, आरोपी उसे कार में बैठाकर सीधे लखनऊ ले गया, जहां एक कमरे में बंधक बनाकर उसकी बेरहमी से पिटाई की गई। घंटों तक प्रताड़ित किए जाने के बाद वह किसी तरह सूदखोरों के चंगुल से बचकर बाहर निकला और घर लौट आया। इस दौरान उसकी जान को गंभीर खतरा था। घटना से भयभीत सर्वजीत ने न सिर्फ स्थानीय पुलिस अधिकारियों बल्कि सीएम पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई। पीड़ित ने स्पष्ट कहा है कि उसने जितना कर्ज लिया था उससे लगभग दोगुनी रकम लौटा दी है, बावजूद इसके आरोपी दबंगई और धमकियों के बल पर अवैध वसूली करने पर आमादा हैं। घटना ने न केवल पीड़ित परिवार बल्कि पूरे गांव में दहशत फैला दी है।
पुलिस जांच और कड़ी कार्रवाई की तैयारी
घटना की जानकारी मिलते ही मामला सहजनवां थाने के साथ सीओ गीडा कार्यालय तक पहुंचा। सीओ गीडा आईपीएस अरुण कुमार एस ने बताया कि पूरे प्रकरण की गहन जांच की जा रही है और यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस टीम ने पीड़ित के बयान दर्ज कर लिए हैं और आरोपियों की पहचान की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस मामले ने एक बार फिर इलाके में फैले सूदखोरी के काले कारोबार और उसके खतरनाक परिणामों को उजागर किया है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे लोग कर्ज के नाम पर न केवल लोगों को आर्थिक रूप से बर्बाद कर रहे हैं बल्कि उनकी जान तक खतरे में डाल रहे हैं। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि पुलिस कार्रवाई से सूदखोरी के इस नेटवर्क पर लगाम लगती है या नहीं।
यह घटना बताती है कि ग्रामीण इलाकों में सूदखोरी किस तरह से लोगों के जीवन को संकट में डाल रही है। समय पर भुगतान करने के बावजूद यदि लोगों को गुंडई का सामना करना पड़े तो यह न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है बल्कि समाज की सुरक्षा और न्याय व्यवस्था पर भी गंभीर चुनौती पेश करता है।