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Gorakhpur News: गोरखपुर में धारा 80 कराना मुश्किल: GDA से एनओसी अनिवार्य, हर आवेदन हो रहा रिजेक्ट

जमीन मालिकों की बढ़ी परेशानी, तहसील प्रशासन पर दबाव – GDA बोला, “महायोजना में तय भू-उपयोग के खिलाफ एनओसी नहीं”

Applicants facing rejection of NOC for Dhara 80 land conversion in Gorakhpur GDA area

गोरखपुरउत्तर प्रदेश –  गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) के अधिसूचित क्षेत्र में धारा 80 (कृषि भूमि को गैर-कृषि घोषित करने की प्रक्रिया) कराना अब बेहद मुश्किल हो गया है। शासन के निर्देश के बाद तहसील प्रशासन को GDA से एनओसी लेना अनिवार्य कर दिया गया है। लेकिन समस्या यह है कि GDA किसी भी आवेदन को स्वीकृति नहीं दे रहा। नतीजतन पिछले चार महीने से लगभग सभी आवेदन रिजेक्ट हो रहे हैं। पहले GDA क्षेत्र में धारा 80 कराने के लिए एनओसी की जरूरत नहीं थी, लेकिन अब नियम बदलने से लोगों की जमीन के उपयोग बदलवाने की प्रक्रिया रुक गई है।

क्यों नहीं दे रहा GDA एनओसी?

GDA के प्लानिंग विभाग ने स्पष्ट किया है कि महायोजना 2031 के अनुसार भू-उपयोग तय है, ऐसे में वे एनओसी कैसे दे सकते हैं। विभाग का कहना है कि यदि किसी क्षेत्र को कृषि, आवासीय या औद्योगिक उपयोग के लिए चिह्नित कर दिया गया है, तो उस योजना के विपरीत एनओसी जारी नहीं की जा सकती। इसी वजह से हर आवेदन आते ही निरस्त कर दिया जाता है।

हर महीने 15-20 आवेदन हो रहे खारिज

GDA के अधिसूचित क्षेत्र में 319 गांव शामिल हैं। इनमें से कई गांव महायोजना में कवर नहीं हैं, इसलिए वहां जमीन मालिक व्यावसायिक उपयोग के लिए धारा 80 कराना चाहते हैं। हर महीने लगभग 15 से 20 आवेदन तहसील प्रशासन से होकर GDA को भेजे जा रहे हैं। लेकिन GDA की सख्ती के चलते किसी को भी मंजूरी नहीं मिल रही। इससे किसानों, भू-मालिकों और निवेशकों की दिक्कतें बढ़ गई हैं।

क्या है धारा 80?

उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 की धारा 80 के तहत, कृषि भूमि को गैर-कृषि प्रयोजन (जैसे आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक, टाउनशिप आदि) के लिए घोषित किया जा सकता है। इसके लिए आवेदन पर तहसील प्रशासन जांच करता है और 45 कार्य दिवसों में निर्णय दिया जाता है। इस प्रक्रिया से जमीन मालिक अपनी जमीन का दर्जा बदलवाकर वैध तरीके से उसका गैर-कृषि उपयोग कर सकते हैं।

GDA उपाध्यक्ष का बयान

GDA के उपाध्यक्ष आनंद वर्धन ने कहा कि,

शासन के निर्देश के बाद तहसील प्रशासन धारा 80 के लिए प्राधिकरण से एनओसी मांग रहा है। हमारे यहां से अब तक कोई एनओसी जारी नहीं की गई है। मामले पर उच्च स्तर से निर्णय होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

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