गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर के गीडा क्षेत्र स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (आईटीएम) कॉलेज में शुक्रवार सुबह छात्रों ने प्रशासन के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। फार्मेसी और लॉ विभाग के सैकड़ों छात्र सुबह आठ बजे से ही कॉलेज गेट पर बैठकर नारेबाजी करने लगे। उनके हाथों में एक मांग पत्र था जिसमें कॉलेज से जुड़ी कई शिकायतें दर्ज थीं। छात्रों ने आरोप लगाया कि कॉलेज के एचओडी ने उनसे अभद्र भाषा का प्रयोग किया और गालियां दीं। इसके चलते छात्रों ने स्पष्ट कहा कि जब तक एचओडी इस्तीफा नहीं देंगे, वे धरना समाप्त नहीं करेंगे। इस दौरान कॉलेज के डायरेक्टर डॉ. एन.के. सिंह मौके पर पहुंचे और छात्रों को शांत कराने का प्रयास किया। उन्होंने एचओडी के व्यवहार के लिए छात्रों से माफी भी मांगी और भरोसा दिलाया कि मामले की जांच कराई जाएगी। इसके बावजूद छात्र अपनी मांगों पर अड़े रहे। मौके पर पहुंचे एसडीएम सहजनवां केसरी नंदन तिवारी, सीओ गीडा आईपीएस अरुण कुमार यश और थाना प्रभारी अश्वनी पांडेय ने भी छात्रों को समझाने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारी अपने स्थान से हटने को तैयार नहीं हुए।
छात्रों की प्रमुख शिकायतें और एचओडी पर आरोप
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ कई गंभीर मुद्दे उठाए। उनका कहना था कि कॉलेज परिसर में शौचालय साफ-सुथरे नहीं रहते, पार्किंग की उचित व्यवस्था नहीं है और फीस जमा करने के बाद भी रसीद समय पर उपलब्ध नहीं कराई जाती। छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि आंतरिक अंकों में कटौती की धमकी दी जाती है और उन पर अतिरिक्त होमवर्क का दबाव बनाया जाता है। क्लासरूम में एसी की सुविधा नहीं दी जा रही, जबकि इसके लिए शुल्क पहले से लिया गया है। इन सब मांगों को लेकर जब छात्रों ने आवाज उठाई तो संबंधित एचओडी ने उनके साथ अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया। यही वजह रही कि छात्र सामूहिक रूप से गेट पर धरने पर बैठ गए और इस्तीफे की मांग करने लगे। डायरेक्टर डॉ. एन.के. सिंह ने मौके पर पहुंचकर संवाद करने की कोशिश की और छात्रों को अनुशासन में रहने की सलाह दी, लेकिन जब प्रदर्शनकारी अपनी बातों पर कायम रहे तो प्रशासन को पुलिस बुलानी पड़ी।
पूर्व में भी हो चुके विवाद और हादसे
आईटीएम कॉलेज में छात्रों और प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति नई नहीं है। 23 सितंबर को भी यहां छात्रों ने क्लासरूम में एसी लगाने की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया था। उस दौरान कॉलेज भवन की छत से एक बड़ा शीशा नीचे गिर गया था, जिससे चार छात्र घायल हो गए। दो छात्रों के सिर पर गंभीर चोट आई थी और उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। बीटेक के छात्र विजय गुप्ता को तो जिला अस्पताल तक रेफर करना पड़ा था। इस घटना के बाद छात्रों में कॉलेज प्रशासन के प्रति पहले से ही नाराजगी थी और उन्होंने गीडा थाने में शिकायत भी दर्ज कराई थी। सीओ गीडा उस मामले की जांच कर रहे हैं। ताजा विवाद ने छात्रों और प्रशासन के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। छात्रों का कहना है कि उनकी मूलभूत सुविधाओं को नजरअंदाज किया जा रहा है और जब वे आवाज उठाते हैं तो उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। वहीं कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि वे छात्रों की समस्याओं को गंभीरता से ले रहे हैं और जांच के बाद उचित कार्रवाई करेंगे। हालांकि शुक्रवार को हुई घटनाओं से यह साफ हो गया है कि छात्रों का गुस्सा थमने वाला नहीं है और जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे प्रदर्शन जारी रखेंगे।