गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अंतरराज्यीय चोरी गिरोह के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह पिछले कई महीनों से पूर्वांचल और आसपास के जिलों में सक्रिय था और अब तक पंद्रह से अधिक घरों में चोरी की घटनाओं को अंजाम दे चुका था। पुलिस टीम ने आरोपियों से पूछताछ के बाद खुलासा किया कि वे घरों की रेकी करके उन परिवारों को निशाना बनाते थे जो बाहर चले जाते थे। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने 5.45 लाख रुपये नकद, लगभग एक करोड़ रुपये मूल्य के सोने-चांदी के आभूषण और पांच किलो चरस जब्त की है। इसके अलावा, पुलिस ने चोरी में प्रयुक्त उपकरण भी बरामद किए हैं। पुलिस के मुताबिक यह गिरोह चोरी के अलावा पशुओं और मादक पदार्थों की तस्करी में भी शामिल रहा है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान चांद अली उर्फ तौफिक, इरफान, परवेज, अफरोज, सोनू, भीम और संतकबीरनगर के सर्राफा व्यापारी गौरीशंकर व उनके बेटे आदित्य सोनी के रूप में हुई है। पुलिस की यह कार्रवाई एंटी थेप्ट सेल और खजनी थाना टीम के संयुक्त प्रयास से संभव हो पाई।
पुलिस जांच और गिरोह का नेटवर्क
पुलिस ने बताया कि यह गिरोह 22 जुलाई से 30 अगस्त के बीच गोरखपुर और आसपास के जिलों में करोड़ों की चोरी कर चुका है। जांच में सामने आया कि आरोपी चोरी के जेवरात और नकदी को संतकबीरनगर व बिहार में खपाते थे। पूछताछ में गिरफ्तार चोरों ने माना कि उनके साथ करीब सात और साथी भी इस आपराधिक गतिविधि में शामिल हैं, जिनकी पहचान गुड्डू उर्फ शमशाद, जलील, सुहैल, रफिक उर्फ लौहार, बब्लू और जुबैर के रूप में हुई है। फिलहाल ये आरोपी फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश में लगातार दबिश दे रही है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि चोरी का माल ज्यादातर स्थानीय सर्राफा कारोबारियों और बिहार के नेटवर्क के जरिए बेचा जाता था। यहां तक कि पकड़े गए आरोपियों ने स्वीकार किया कि सोनू के परिचित सर्राफा व्यापारी गौरीशंकर और उसके बेटे आदित्य को भी कई जेवरात बेचे गए थे। वहीं बिहार में जुबैर के जरिए भी चोरी का माल खपाया गया।
अपराध का तरीका और पुलिस की चेतावनी
गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे एक पिकअप वाहन का इस्तेमाल करते थे और रात के अंधेरे में गांव-गांव घूमकर सुनसान घरों को निशाना बनाते थे। वे पहले इलाके की बारीकी से जानकारी जुटाते और फिर ताले तोड़कर चोरी को अंजाम देते थे। चोरी के बाद सामान को आपस में बांटकर तुरंत बेच दिया जाता था ताकि किसी पर शक न हो। पुलिस ने बताया कि गिरोह की कमाई का इस्तेमाल आरोपी अपनी रोजमर्रा की जरूरतों और अवैध कारोबार में करते थे। पुलिस अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि लोग अपने घरों की सुरक्षा के प्रति सतर्क रहें और लंबे समय के लिए बाहर जाते समय पड़ोसियों या स्थानीय पुलिस को जरूर सूचना दें। साथ ही सीसीटीवी कैमरे और अलार्म सिस्टम लगाने की सलाह दी गई है। गोरखपुर पुलिस ने साफ किया है कि फरार आरोपियों को जल्द ही पकड़ने के लिए अभियान जारी रहेगा और किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा। यह कार्रवाई पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता है जिसने जिले में आपराधिक गतिविधियों को रोकने की दिशा में मजबूत संदेश दिया है।