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Gorakhpur News : गोरखपुर में बीमा क्लेम के नाम पर साइबर ठगी, एक व्यक्ति से उड़ाए 17.40 लाख रुपये

Gorakhpur news in hindi : बीमा लोकपाल और कंपनी अधिकारी बनकर दिया तीन गुना क्लेम का झांसा, पुलिस ने केस दर्ज कर शुरू की जांच

Cyber fraud in Gorakhpur insurance claim scam | Gorakhpur News

गोरखपुरउत्तर प्रदेश –  गोरखपुर में साइबर अपराधियों ने एक बार फिर से नई चाल का इस्तेमाल करते हुए बीमा क्लेम का झांसा देकर बड़ी ठगी को अंजाम दिया। शहर के अलहदादपुर रायगंज बनकटी चक निवासी गौरव गुप्ता, जो प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत हैं, को बीमा कंपनियों से जुड़ा बड़ा क्लेम दिलाने का प्रलोभन देकर 17 लाख 40 हजार रुपये ठग लिए गए। गौरव का खाता पंजाब नेशनल बैंक की जुबिली रोड शाखा में है। मामला तब शुरू हुआ जब 30 जुलाई को गौरव के मोबाइल पर शक्ति मुकुंद नाम के व्यक्ति का कॉल आया, जिसने खुद को बीमा लोकपाल का अधिकारी बताया। उसने कहा कि गौरव की सात बीमा पालिसियों में से पांच पर क्लेम बन रहा है और इस प्रक्रिया में उन्हें कुल 38.93 लाख रुपये मिलने वाले हैं। क्लेम की यह बड़ी रकम सुनकर गौरव के लिए यह प्रस्ताव आकर्षक लगने लगा। कुछ दिनों बाद एक और कॉल आया, इस बार कॉल करने वाला युवक खुद को भारतीय एक्सा लाइफ इंश्योरेंस का कर्मचारी बताते हुए सामने आया। उसने अपना नाम रवि शुक्ला बताया और दावा किया कि क्लेम की पूरी प्रक्रिया उसी के जरिए पूरी होगी। दोनों आरोपितों ने मिलकर गौरव को यह यकीन दिला दिया कि अगर वह प्रक्रिया शुल्क और टैक्स समय पर जमा करता रहा तो उसे लगभग 39 लाख रुपये का लाभ मिलेगा।

किस्तों में जमा कराए पैसे और लगातार बढ़ती मांग

साइबर ठगों ने बड़ी योजनाबद्ध तरीके से गौरव गुप्ता को अपने जाल में फंसा लिया। उन्होंने गौरव से 27 अगस्त से 25 सितंबर के बीच अलग-अलग किस्तों में रकम मंगवाई। इस अवधि में गौरव से कुल 17,40,928 रुपये यूपीआई के माध्यम से एक बैंक ऑफ इंडिया खाते में ट्रांसफर कराए गए। आरोपित लगातार यह कहते रहे कि प्रक्रिया शुल्क और टैक्स चुकाने के बाद उन्हें तीन गुना रकम, यानी लगभग 39 लाख रुपये का बीमा क्लेम प्राप्त होगा। हर बार नई मांग के साथ उन्होंने पीड़ित को आश्वस्त किया कि यह अंतिम भुगतान है, जिसके बाद क्लेम तुरंत जारी कर दिया जाएगा। गौरव ने भी उम्मीद में बार-बार पैसा भेजा। लेकिन जैसे-जैसे रकम बढ़ती गई और वादा किया गया क्लेम नहीं आया, गौरव को शक होने लगा। कुछ समय बाद जब कॉलर टालमटोल करने लगे और मोबाइल नंबर भी बंद हो गए, तब जाकर पीड़ित को यह समझ आया कि वह एक बड़े साइबर फ्रॉड का शिकार हो चुका है।

पुलिस की जांच और साइबर अपराध पर बढ़ता खतरा

धोखाधड़ी का अहसास होते ही गौरव गुप्ता ने हिम्मत जुटाकर साइबर क्राइम पोर्टल और साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तेजी से जांच शुरू की। एसपी क्राइम सुधीर जायसवाल ने जानकारी दी कि पीड़ित की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और कॉल डिटेल्स तथा बैंक खातों की जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि आरोपितों की पहचान जल्द ही कर ली जाएगी और गिरफ्तारी भी की जाएगी। यह मामला साइबर अपराधियों की लगातार बढ़ती सक्रियता को उजागर करता है, जो आम लोगों को क्लेम, लोन, इनाम या नौकरी जैसे लालच देकर ठगी का शिकार बना रहे हैं। पुलिस और साइबर विशेषज्ञ लगातार लोगों से अपील कर रहे हैं कि किसी भी अनजान कॉल पर भरोसा न करें और बीमा या बैंक संबंधी किसी भी जानकारी के लिए सीधे संबंधित कंपनी से ही संपर्क करें। गोरखपुर में हुई यह 17.40 लाख रुपये की ठगी न सिर्फ पीड़ित परिवार के लिए गहरा आघात है बल्कि समाज के लिए चेतावनी भी है कि साइबर ठग कितनी योजनाबद्ध तरीके से लोगों की मेहनत की कमाई पर डाका डाल रहे हैं।

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