गोरखपुर के शाहपुर इलाके में बुधवार रात उस समय सनसनी फैल गई जब एक पति ने अपनी पत्नी की बीच बाजार गोली मारकर हत्या कर दी। जानकारी के अनुसार, जेल रोड निवासी विश्वकर्मा चौहान और उनकी पत्नी ममता चौहान के बीच पिछले डेढ़ वर्ष से विवाद चल रहा था और दोनों अलग-अलग रह रहे थे। ममता अपनी 13 वर्षीय बेटी के साथ गीता वाटिका के पास किराए पर रह रही थी और एक निजी कंपनी में नौकरी करती थी। वारदात के दिन रात आठ बजे ममता फोटो खिंचवाने के लिए गीता वाटिका रोड स्थित राधिका स्टूडियो पहुंची थी। तभी वहां मौजूद विश्वकर्मा ने उसे बाहर आते ही रोका और बहस शुरू कर दी। गवाहों के अनुसार करीब पांच मिनट तक चले विवाद और धक्का-मुक्की के बाद विश्वकर्मा ने हेलमेट में छिपाकर लाई गई पिस्टल से पत्नी पर दो गोलियां दाग दीं, जिनमें से एक गोली ममता के सीने और दूसरी हाथ में लगी। ममता मौके पर ही जमीन पर गिर पड़ी। स्थानीय लोगों ने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
वारदात के बाद आरोपी की अजीब हरकतें और पुलिस की त्वरित कार्रवाई
गोलियां चलाने के बाद भी आरोपी पति करीब 25 मिनट तक घटनास्थल पर ही खड़ा रहा और वहां मौजूद लोगों से कहता रहा कि वह अपनी पत्नी से बेहद परेशान था। इस दौरान आसपास अफरा-तफरी का माहौल बन गया और लोगों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी। मौके पर शाहपुर थाना पुलिस पहुंची और बिना किसी प्रतिरोध के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी के कब्जे से पिस्टल भी बरामद की गई है और उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। शाहपुर थाने के एसएचओ नीरज राय ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है और सभी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है क्योंकि वारदात व्यस्त बाजार क्षेत्र में हुई और कई लोग प्रत्यक्षदर्शी बने। इस घटना ने स्थानीय निवासियों को झकझोर कर रख दिया है और लोग खुलेआम बाजार में हुई इस हत्या से सहमे हुए हैं।
पारिवारिक कलह से अपराध तक: समाज में गूंजे सवाल
ममता और विश्वकर्मा की शादी को 15 साल हो चुके थे लेकिन पिछले कुछ वर्षों से उनके रिश्तों में खटास बढ़ती जा रही थी। पारिवारिक विवाद और अलग-अलग रहना आखिरकार एक ऐसी घटना में बदल गया जिसने न सिर्फ एक परिवार को बर्बाद कर दिया बल्कि समाज को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में समय पर बातचीत और कानूनी हस्तक्षेप से कई बार बड़े अपराध रोके जा सकते हैं। घटना ने यह सवाल भी खड़ा किया है कि घरेलू विवाद जब गहराता है तो उसका समाधान सामाजिक और कानूनी ढांचे में किस तरह किया जाना चाहिए। गोरखपुर की इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि तनाव और असंतोष यदि समय रहते दूर नहीं किए जाएं तो वह हिंसा में बदल सकते हैं। फिलहाल पुलिस ने आरोपी को जेल भेजने की तैयारी कर ली है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। यह मामला न केवल एक दर्दनाक पारिवारिक त्रासदी है बल्कि सामाजिक चेतावनी भी है कि रिश्तों में संवाद और समझदारी की कमी कितनी खतरनाक साबित हो सकती है।