गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर में 22 सितंबर से लागू हुई नई जीएसटी दरों के बाद भी उपभोक्ताओं को राहत नहीं मिल रही है। बाजारों में दुकानदार पुराना स्टॉक दिखाकर अब भी पुराने दामों पर ही सामान बेच रहे हैं। सरकार ने जीएसटी में कटौती कर आम जनता को राहत देने की घोषणा की थी, लेकिन इसका असर बाजारों में नजर नहीं आ रहा। कई उपभोक्ताओं ने बताया कि कंपनियों और दुकानदारों की मनमानी के कारण उन्हें नई दरों का फायदा नहीं मिल पा रहा है।
शहर के कई प्रमुख बाजारों – गोलघर, मोहद्दीपुर, रेती रोड और बक्शीपुर में उपभोक्ताओं का यही अनुभव रहा। कई उपभोक्ताओं ने कहा कि दुकानदार “पुराना स्टॉक” बताकर पुराने प्रिंट रेट वसूल रहे हैं, जबकि नई दरें लागू हुए लगभग दो हफ्ते हो चुके हैं। इससे आम ग्राहकों में नाराजगी बढ़ गई है।
जीएसटी 2.0 से सस्ती हुईं कई वस्तुएं, फिर भी कीमत जस की तस
तीन सितंबर को हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी 2.0 की घोषणा की गई थी। इसके तहत वस्तुओं को पांच और 18 प्रतिशत के स्लैब में रखा गया, जबकि लग्जरी और सिन उत्पादों पर 40 प्रतिशत टैक्स लागू किया गया। इस बदलाव के बाद बिस्कुट, चिप्स, घी, साबुन, तेल, शैंपू और मैगी जैसे रोजमर्रा के उत्पाद सस्ते होने थे, लेकिन बाजार में कीमतों में कोई बदलाव नहीं देखा गया।
छात्रों और आम ग्राहकों में बढ़ी नाराजगी, बाजारों में निगरानी की मांग
ग्राहकों का कहना है कि सरकार को बाजारों में विशेष निगरानी अभियान चलाकर दुकानदारों पर कार्रवाई करनी चाहिए ताकि जीएसटी की कटौती का सीधा लाभ उपभोक्ताओं को मिल सके। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि उपभोक्ता मामलों का विभाग और जीएसटी सेल संयुक्त रूप से बाजार निरीक्षण करें, जिससे कंपनियों और दुकानदारों द्वारा टैक्स दरों में की जा रही मनमानी पर रोक लगाई जा सके।