गोरखा सैनिकों की शौर्य गाथाओं को संजोने और नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाया है। गोरखा रेजिमेंट के गोरखा भर्ती डिपो (GRD) गोरखपुर में एक भव्य गोरखा संग्रहालय (म्यूजियम) बनाया जाएगा। गुरुवार शाम 4 बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल सिंह चौहान इस म्यूजियम का शिलान्यास करेंगे। यह संग्रहालय आम जनता के लिए खुला होगा और गोरखा रेजिमेंट के गौरवशाली इतिहास को प्रदर्शित करेगा। परियोजना की लागत 44 करोड़ 73 लाख रुपये है, जिसके तहत संग्रहालय के अलावा टॉयलेट ब्लॉक, टिकट काउंटर, वाटर बॉडी, लिफ्ट और चहारदीवारी जैसी सुविधाएं भी बनाई जाएंगी। साथ ही यहां लाइट एंड साउंड शो, सेवन डी थिएटर और म्यूरल पेंटिंग की व्यवस्था भी होगी। कार्यदायी संस्था के रूप में उत्तर प्रदेश जलनिगम नगरीय की सीएंडडीएस यूनिट 42 को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
गोरखा सैनिकों की शौर्य गाथा से भरा इतिहास
गोरखा सैनिकों का इतिहास युद्धभूमि में वीरता और पराक्रम से भरा पड़ा है। ब्रिटिश शासनकाल से लेकर अब तक गोरखा जवानों ने 2700 से अधिक वीरता पुरस्कार हासिल किए हैं। प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध में उनकी भूमिका निर्णायक रही थी। स्वतंत्र भारत में भी गोरखा सैनिकों ने देश की सीमाओं की रक्षा के साथ-साथ शांति अभियानों में अतुलनीय योगदान दिया है। वर्तमान में लगभग 40 हजार गोरखा सैनिक भारतीय सेना के माध्यम से राष्ट्र की सेवा कर रहे हैं। गोरखपुर में बनने वाला यह म्यूजियम न सिर्फ उनकी वीरता को सहेजेगा बल्कि आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित भी करेगा।
100 साल पुराने युद्ध स्मारक का होगा सौंदर्यीकरण
गोरखपुर का गोरखा भर्ती डिपो (GRD) 1866 में स्थापित हुआ था और इसे सबसे पुराना गोरखा भर्ती केंद्र माना जाता है। यहां मौजूद गोरखा युद्ध स्मारक 1925 में प्रथम विश्वयुद्ध में गोरखा जवानों के योगदान की स्मृति में बनाया गया था। इस स्मारक में अब तक आठ रणबांकुरों की कांस्य प्रतिमाएं स्थापित की जा चुकी हैं, जिनमें फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ, परमवीर चक्र विजेता कैप्टन जीएस सलारिया, लेफ्टिनेंट कर्नल धन सिंह थापा, कैप्टन मनोज पांडेय, अशोक चक्र विजेता लेफ्टिनेंट कर्नल जेआर चिटनिस, लेफ्टिनेंट पुनीत नाथ दत्त, मेजर मान बहादुर राय और नायक नर बहादुर शामिल हैं। नए म्यूजियम के बनने से इस ऐतिहासिक स्थल का महत्व और भी बढ़ जाएगा और यह गोरखा सैनिकों की बहादुरी का जीवंत प्रतीक बनेगा।