Hindi News / State / Uttar Pradesh / Gorakhpur News Today (गोरखपुर समाचार) / Gorakhpur Gorakhnath Temple: गोरखनाथ मंदिर – गोरखपुर का प्राचीन और प्रसिद्ध धार्मिक स्थल

Gorakhpur Gorakhnath Temple: गोरखनाथ मंदिर – गोरखपुर का प्राचीन और प्रसिद्ध धार्मिक स्थल

गोरखनाथ मंदिर – गोरखपुर का आध्यात्मिक केंद्र, जहाँ भक्तों की श्रद्धा, प्राचीन वास्तुकला और शांत वातावरण मिलकर एक अविस्मरणीय अनुभव बनाते हैं।

Complete Details of Gorakhnath Mandir Gorakhpur | Religious Tourist Place
Locationगोरखनाथ मंदिर, राजेंद्र नगर, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश। 273015
Timings04:00 AM – 10:00 PM
Entry Feeनिःशुल्क (₹0)
Approx. Time to Explore1-2 Hours
Best Timeसुबह जल्दी या शाम को, ताकि दर्शन, फोटो और शांति का पूरा आनंद लिया जा सके।
Ideal Forभक्तगण, योग प्रेमी, इतिहास और वास्तुकला के शौक़ीन, परिवार, बच्चे, और सोलो ट्रैवलर्स।
Distanceगोरखपुर रेलवे स्टेशन से लगभग 3.5 KM (10–15 मिनट) और महायोगी गोरखनाथ हवाई अड्डे से लगभग 12 किमी (25–30 मिनट)।
Facilitiesपार्किंग, शौचालय, पीने का पानी, फूड कोर्ट, बैठने की व्यवस्था, फर्स्ट-एड, सुरक्षा व CCTV निगरानी।
Accessibilityऑटो, टैक्सी, ओला, उबर जैसी स्थानीय परिवहन सेवाएँ आसानी से उपलब्ध हैं। बुजुर्ग और दिव्यांगों के लिए सुविधाजनक रैम्प और आसान रास्ते हैं।
Safety पूरे परिसर में CCTV निगरानी, सुरक्षा गार्ड और महिला हेल्प डेस्क उपलब्ध।
Contact(0551) 2255453, 2255454, 2255455, 112
Official Sitehttps://www.gorakhnathmandir.in/index.aspx
https://www.facebook.com/ShriGorakhnathMandir/photos
Last Updated13 September, 2025

गोरखनाथ मंदिर – संक्षिप्त परिचय (Gorakhnath Mandir Brief Overview)

गोरखनाथ मठ, जिसे गोरखनाथ मंदिर भी कहते हैं, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर का हृदय और नाथ संप्रदाय का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र है, जो न सिर्फ एक धार्मिक स्थल बल्कि एक गहरा सांस्कृतिक और सामाजिक प्रतीक भी है। यह पवित्र भूमि महान योगी गुरु गोरखनाथ को समर्पित है, जिनके नाम पर ही इस पूरे शहर का नाम रखा गया है। यह मठ महज एक इमारत नहीं, बल्कि एक जीवंत परंपरा की गाथा है जिसकी जड़ें बहुत गहरी हैं। इसी पावन स्थान पर त्रेता युग में स्वयं गुरु गोरखनाथ ने तपस्या की थी, और उनके शिष्यों ने इस पवित्र स्थान को मंदिर का रूप दिया था। यद्यपि इस मंदिर ने इतिहास में कई बार विध्वंस और पुनर्निर्माण का दौर देखा है, जिसमें 14वीं शताब्दी में अलाउद्दीन खिलजी और 18वीं शताब्दी में औरंगजेब के आक्रमण भी शामिल हैं, लेकिन हर बार यह अपनी पूरी भव्यता के साथ फिर से खड़ा हुआ है। इसका वर्तमान स्वरूप पूज्य महंत श्री दिग्विजयनाथ जी महाराज और उनके शिष्य महंत अवैद्यनाथ जी महाराज की अथक मेहनत का परिणाम है, जिन्होंने इसका व्यापक जीर्णोद्धार कराया। आज, इस मठ के महंत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं, जो इसकी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।

यह मठ 52 एकड़ के विशाल परिसर में फैला हुआ है। मंदिर का मुख्य आकर्षण गर्भगृह में स्थित गुरु गोरखनाथ की पूजा गद्दी है, जहां उनके चरण पादुकाएं भी रखी हैं। यहां एक अखंड ज्योति निरंतर जलती रहती है, जिसे आध्यात्मिक ज्ञान का प्रतीक माना जाता है और यह माना जाता है कि यह सदियों से प्रज्वलित है। यहां एक विशाल गोशाला भी है, जो गुरु गोरखनाथ के गौ प्रेम का सम्मान करती है, और पास ही एक पवित्र मानसरोवर पोखरा भी है जिसे अब नौका विहार के लिए विकसित किया गया है। हर साल मकर संक्रांति पर यहां लगने वाला खिचड़ी मेला एक महीने तक चलता है, जिसमें भारत और नेपाल से लाखों श्रद्धालु आकर बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाते हैं, और यह परंपरा मठ की महिमा को और भी बढ़ा देती है।

गोरखनाथ मठ / गोरखनाथ मंदिर : दर्शनीय स्थल और सुझाव

अगर आप पहली बार गोरखनाथ मठ आ रहे हैं, तो कुछ चीजें हैं जो आपके अनुभव को और बेहतर बना सकती हैं। पहली बार आने वाले पर्यटक अक्सर केवल मुख्य मंदिर तक ही सीमित रह जाते हैं, लेकिन परिसर में कई और छिपी हुई जगहें भी हैं जो देखने लायक हैं।

क्या देखें और क्या करें?
  • मुख्य मंदिर दर्शन: सबसे पहले मुख्य हॉल में प्रवेश करें और गोरखनाथ महाराज की मूर्ति का दर्शन करें। सुबह का समय सबसे शांत होता है, जब आप आध्यात्मिक ऊर्जा को बेहतर महसूस कर सकते हैं।
  • धूनी और आरती का अनुभव: मंदिर परिसर में जलती धूनी के पास बैठकर भक्ति भजनों का आनंद लें। आरती के समय का माहौल आपको मानसिक शांति का एहसास कराता है।
  • मंदिर परिसर और बगीचे: मुख्य मंदिर के बाद, मंदिर के चारों ओर बने बगीचे और ध्यान स्थलों पर समय बिताये। यहाँ का शांतिपूर्ण भ्रमण और सुंदर प्राकृतिक वातावरण आपके अनुभव को यादगार बना देगा।
  • फोटोग्राफी: मंदिर की प्राचीन वास्तुकला की शानदार तस्वीरें लेने के लिए सुबह या शाम के ‘गोल्डन ऑवर’ का समय सबसे अच्छा होता है। ध्यान रखें कि कैमरे मंदिर के भीतर ले जाने की अनुमति नहीं है। मुख्य परिसर में प्रवेश से पहले आपको कैमरा/वीडियो उपकरण बाहर जमा करना पड़ता है। मंदिर के बाहरी हिस्सों, बगीचों और परिसर में ही आप फोटोग्राफी कर सकते हैं।
  • स्थानीय प्रसाद और खरीदारी: मंदिर के आसपास की दुकानों से धार्मिक प्रसाद, मोमबत्तियाँ और स्मृति चिन्ह खरीदकर अपनी यात्रा को यादगार बनाएं।
यात्रियों के लिए सुझाव
  • समय निकालें: यदि आप पहली बार आ रहे हैं, तो कम से कम 1-2 घंटे का समय रखें ताकि आप पूरे परिसर को आराम से देख सकें।
  • सबसे अच्छा समय: गोरखनाथ मंदिर आने का सबसे अच्छा समय सुबह जल्दी या शाम का समय है। सुबह के समय मंदिर का वातावरण सबसे शांत होता है, जिससे आप दर्शन के दौरान आध्यात्मिक ऊर्जा को गहराई से महसूस कर सकते हैं।अगर आप पहली बार गोरखनाथ मठ आ रहे हैं, तो कुछ चीजें हैं जो आपके अनुभव को और बेहतर बना सकती हैं। पहली बार आने वाले पर्यटक अक्सर केवल मुख्य मंदिर तक ही सीमित रह जाते हैं, लेकिन परिसर में कई और छिपी हुई जगहें भी हैं जो देखने लायक हैं। यहाँ के छोटे-छोटे ध्यान स्थल, हरे-भरे बगीचे और शांत वातावरण शांतिपूर्ण चिंतन के लिए आदर्श हैं।

गोरखनाथ मंदिर गोरखपुर की फोटो

गोरखनाथ मठ / गोरखनाथ मंदिर : टिकट, प्रवेश और अन्य सेवाएँ

गोरखनाथ मंदिर में प्रवेश के लिए कोई शुल्क या टिकट नहीं लगता। यहाँ प्रवेश पूरी तरह से निःशुल्क है, और इसके लिए किसी भी तरह की ऑनलाइन बुकिंग की भी आवश्यकता नहीं होती। आप सीधे मंदिर आकर दर्शन कर सकते हैं। हालांकि, मकर संक्रांति पर आयोजित होने वाले ‘खिचड़ी मेला’ जैसे विशेष आयोजनों के दौरान, भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त व्यवस्थाएँ की जा सकती हैं।

मंदिर में तीन मुख्य आरतियाँ होती हैं, जिनकी वजह से यह दिन भर खुला रहता है:

  • प्रातः कालीन आरती: सुबह 3:00 बजे
  • भोग आरती: सुबह 11:00 बजे
  • संध्या आरती: शाम 6:00 बजे

गोरखनाथ मठ / गोरखनाथ मंदिर : तक कैसे पहुँचें?

गोरखनाथ मंदिर गोरखपुर शहर का सबसे महत्वपूर्ण स्थल है और यहाँ पहुँचना बेहद आसान है।

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हवाई मार्ग: गोरखनाथ मंदिर का निकटतम हवाई अड्डा गोरखपुर हवाई अड्डा है, जो मंदिर से लगभग 12 किलोमीटर दूर है। यहाँ से दिल्ली और लखनऊ जैसे प्रमुख शहरों के लिए नियमित उड़ानें उपलब्ध हैं, जिससे हवाई मार्ग से आने वाले यात्रियों के लिए यह सुविधाजनक हो जाता है।

सड़क मार्ग: गोरखनाथ मंदिर कई राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों के माध्यम से पहुँचा जा सकता है। लखनऊ और वाराणसी सहित आस-पास के शहरों से नियमित बस सेवाएँ उपलब्ध हैं। गोरखपुर में, ऑटो-रिक्शा और टैक्सी जैसे स्थानीय परिवहन विकल्प आसानी से उपलब्ध हैं, जिससे मंदिर तक आसानी से पहुँचा जा सकता है।

रेल मार्ग: गोरखपुर जंक्शन एक केंद्रीय रेलवे केंद्र है जो भारत भर के कई शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यह स्टेशन मंदिर से लगभग 3 किलोमीटर दूर है, जिससे टैक्सी या ऑटो-रिक्शा द्वारा यहाँ आसानी से पहुँचा जा सकता है।

प्रमुख शहरों से

  • लखनऊ से: लखनऊ से गोरखपुर (गोरखनाथ मंदिर) की सड़क मार्ग से दूरी लगभग 270 किलोमीटर है, जिसे तय करने में 5.5 से 6.5 घंटे लगते हैं।
  • दिल्ली से: दिल्ली से गोरखपुर की सड़क मार्ग से दूरी लगभग 750 किलोमीटर है और कार से इसमें 11 से 13 घंटे लग सकते हैं। ट्रेन से यात्रा करने वालों के लिए संपर्क क्रांति, पूर्वांचल एक्सप्रेस और वैशाली एक्सप्रेस जैसे विकल्प हैं, जिनमें 11 से 14 घंटे का समय लगता है। सीधी फ्लाइट से यात्रा करना सबसे तेज़ विकल्प है, जिसमें केवल 2 घंटे लगते हैं।
  • नेपाल से: नेपाल के बॉर्डर से गोरखनाथ मंदिर लगभग 95-100 किलोमीटर दूर है और टैक्सी या बस से इसमें 2.5 से 3 घंटे लगते हैं।

गोरखनाथ मंदिर के नियम और शिष्टाचार (Rules & Etiquette)

गोरखनाथ मंदिर एक पूज्यनीय और शांत धार्मिक स्थल है। यहाँ की यात्रा के दौरान कुछ नियमों और शिष्टाचार का पालन करना आवश्यक है ताकि आपका अनुभव सुखद और सम्मानजनक रहे।

वेशभूषा और जूते – मंदिर में प्रवेश करते समय सरल और सभ्य कपड़े पहनें। पुरुष और महिलाओं दोनों के लिए ऐसे कपड़े उपयुक्त हैं जो बहुत छोटे या रिवीलिंग न हों। मंदिर के पवित्र माहौल का सम्मान करने के लिए, प्रवेश से पहले अपने जूते-चप्पल बाहर उतार दें। इन्हें सुरक्षित रखने के लिए मंदिर परिसर में लॉकर या निर्दिष्ट स्थान उपलब्ध होते हैं।

फोटोग्राफी और ड्रोन – मंदिर के अधिकांश हिस्सों में मोबाइल फोन से फोटोग्राफी की अनुमति है, जिससे आप अपनी यादों को कैद कर सकते हैं। हालांकि, फ्लैश का उपयोग सख्त वर्जित है, और पूजा या आरती के समय फोटो लेने से बचें। यदि आप ट्राइपॉड या बड़े कैमरे के साथ व्यावसायिक उद्देश्य से शूटिंग करना चाहते हैं, तो इसके लिए विशेष अनुमति लेनी होती है। सुरक्षा कारणों से मंदिर परिसर के अंदर किसी भी प्रकार के ड्रोन का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित है।

वर्जित वस्तुएँ और व्यवहार – मंदिर परिसर में कुछ वस्तुएँ लाना और कुछ व्यवहार करना मना है। इनमें शराब, धूम्रपान, मांसाहारी भोजन और तेज़ आवाज वाले उपकरण शामिल हैं। बड़े बैग, हथियार, या किसी भी तरह का खतरनाक सामान भी यहाँ वर्जित है। इसके अलावा, मंदिर के मुख्य प्रांगण और पूजा स्थलों को साइलेंस जोन(Silence Zone) माना जाता है, इसलिए इन क्षेत्रों में मोबाइल फोन को साइलेंट मोड पर रखें और शांति बनाए रखें।

स्वच्छता और प्रकृति का ध्यान – मंदिर परिसर को स्वच्छ रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। कृपया कचरा या तरल अपशिष्ट को केवल निर्धारित डस्टबिन में ही डालें। मंदिर के आसपास के बगीचे और झील जैसे क्षेत्र प्रकृति प्रेमियों के लिए संरक्षित हैं, इसलिए यहाँ के पेड़-पौधों या पशु-पक्षियों को परेशान न करें।

मौसम और यात्रा का सबसे अच्छा समय

गोरखनाथ मंदिर की यात्रा का अनुभव मौसम और समय पर बहुत निर्भर करता है। अपनी यात्रा को सबसे सुखद और आरामदायक बनाने के लिए सही मौसम का चयन करना आवश्यक है।

मंदिर दर्शन के लिए सबसे उपयुक्त समय अक्टूबर से मार्च के महीने होते हैं, जब मौसम हल्का ठंडा और सुहावना होता है। सुबह जल्दी या शाम का समय सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि उस समय भीड़ कम होती है और दर्शन का अनुभव अधिक शांत और आध्यात्मिक हो जाता है।

हालाँकि, यात्रा की योजना बनाने से पहले सबसे सटीक और ताज़ा जानकारी के लिए हमेशा मौसम का पूर्वानुमान देखना ज़रूरी है। अपनी यात्रा से पहले पूरा मौसम विश्लेषण जानने के लिए 👉 यहाँ क्लिक करें और गोरखपुर मौसम के बारे में जाने

सुरक्षा और आपातकालीन सेवाएँ

गोरखनाथ मंदिर और इसके आसपास का क्षेत्र पर्यटकों के लिए एक सुरक्षित और सुव्यवस्थित वातावरण प्रदान करता है। फिर भी, अपनी यात्रा के दौरान कुछ सावधानियां और तैयारी रखना हमेशा महत्वपूर्ण होता है ताकि आपकी यात्रा सुरक्षित और तनाव-मुक्त रहे।

पूरे मंदिर परिसर में आपकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए CCTV कैमरे लगाए गए हैं और सुरक्षा गार्ड हमेशा तैनात रहते हैं। मुख्य प्रवेश द्वार पर एक महिला हेल्प डेस्क की सुविधा भी उपलब्ध है।

किसी भी आपात स्थिति के लिए, आप तुरंत पुलिस या एम्बुलेंस सेवाओं को कॉल कर सकते हैं। गोरखपुर सिटी पुलिस या रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) से संपर्क करने के लिए आप उनके हेल्पलाइन नंबरों का उपयोग कर सकते हैं। आप किसी भी आपात स्थिति में 100 या 112 नंबर डायल कर सकते हैं।

अगर आपको चिकित्सकीय सहायता की आवश्यकता है, तो निकटतम अस्पताल BRD Medical College & Hospital है जो मंदिर से लगभग 6-7 किमी दूर है। मंदिर परिसर में भी तत्काल प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा हेल्प डेस्क पर उपलब्ध है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए, महिला हेल्पलाइन (1091 / 112) हमेशा उपलब्ध है और मंदिर परिसर में सहायता के लिए सुरक्षा गार्ड और हेल्प डेस्क पर कर्मचारी मौजूद होते हैं।

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गोरखनाथ मंदिर क्यों प्रसिद्ध है?

यह महान योगी गुरु गोरखनाथ की तपोभूमि और नाथ संप्रदाय की प्रमुख पीठ है। यहाँ जलती हुई अखंड ज्योति, मकर संक्रांति का खिचड़ी मेला, और भव्य 52 एकड़ का मंदिर परिसर श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।

गोरखनाथ मंदिर कहाँ स्थित है?

मंदिर उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर में स्थित है।

गोरखनाथ मंदिर के दर्शन का समय क्या है?

सुबह 4:00 बजे से रात 10:00 बजे तक

क्या गोरखनाथ मंदिर में प्रवेश शुल्क लगता है?

नहीं, प्रवेश पूरी तरह निःशुल्क है।

मंदिर में मुख्य आकर्षण क्या हैं?

गोरखनाथ मंदिर के प्रमुख आकर्षणों में गुरु गोरखनाथ जी की भव्य प्रतिमा सबसे महत्वपूर्ण है, जहाँ श्रद्धालु दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इसके साथ ही यहाँ स्थित अखंड ज्वाला, जो सदियों से निरंतर जल रही है, भक्तों की आस्था का केंद्र बनी हुई है। मंदिर परिसर में एक सुव्यवस्थित गौशाला भी है, जहाँ गायों की देखभाल विशेष श्रद्धा के साथ की जाती है। विशाल प्रांगण में फैला हरियाली से युक्त बगीचा न केवल सौंदर्य बढ़ाता है बल्कि शांति और आध्यात्मिक अनुभव भी प्रदान करता है। इसके अलावा, हर साल मकर संक्रांति पर आयोजित होने वाला खिचड़ी मेला लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है और इस मंदिर की विशेष पहचान माना जाता है।

गोरखनाथ मंदिर तक कैसे पहुँचा जा सकता है?

गोरखनाथ मंदिर गोरखपुर शहर के केंद्र से आसानी से पहुँचा जा सकता है। यदि आप रेल मार्ग से आ रहे हैं, तो गोरखपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन मंदिर से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जहाँ से ऑटो और टैक्सी आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। हवाई यात्रा करने वालों के लिए महायोगी गोरखनाथ एयरपोर्ट सबसे नज़दीकी विकल्प है, जो लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर है। वहीं बस द्वारा आने वाले श्रद्धालु गोरखपुर बस अड्डे पर उतरकर ऑटो रिक्शा या स्थानीय परिवहन के माध्यम से सीधे मंदिर पहुँच सकते हैं।

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