गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर शहर में यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने और जाम की समस्या से राहत दिलाने के लिए गोरखनाथ ओवरब्रिज का निर्माण तेज़ी से चल रहा है। वर्तमान में लगभग 85 से 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और अधिकारियों का कहना है कि शेष काम को अक्टूबर के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। यह ओवरब्रिज शहर में नया यातायात समाधान साबित होगा क्योंकि इसके दोनों किनारों पर पहली बार व्यू कटर लगाए जा रहे हैं। इन विशेष शेड्स में छोटे-छोटे छेद बनाए गए हैं जो साउंड बैरियर की तरह काम करेंगे। इससे पुल पर दौड़ती गाड़ियों से निकलने वाला शोर आसपास की बस्तियों तक कम पहुंचेगा और निवासियों को नॉइज पॉल्यूशन से राहत मिलेगी। साथ ही, यह तकनीक आसपास के घरों और आंगनों की प्राइवेसी बनाए रखने में भी मदद करेगी। परियोजना से जुड़े अभियंता अरुण कुमार सिंह का कहना है कि यह नया शेड गोरखपुर का पहला होगा और इसके जरिए पुल पर होने वाली आवाजाही का असर आसपास रहने वालों पर न्यूनतम होगा। ओवरब्रिज की दीवारों पर आकर्षक वाल पेंटिंग भी कराई जा रही है, जिससे यह न केवल उपयोगी बल्कि सौंदर्य की दृष्टि से भी विशेष महत्व का केंद्र बनेगा।
मुख्यमंत्री की पहल से शुरू हुई परियोजना, ट्रैफिक जाम से मिलेगी स्थायी राहत
गोरखनाथ ओवरब्रिज परियोजना की शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई विकास समीक्षा बैठक से हुई थी। लखनऊ-गोरखपुर रेल मार्ग पर डोमिनगढ़ और गोरखपुर जंक्शन के बीच बढ़ते ट्रैफिक और भीड़ को देखते हुए इस नए रेल ओवरब्रिज का निर्माण प्रस्तावित किया गया था। उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लिमिटेड ने इसका विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार किया और कार्य को आगे बढ़ाया। इस पुल की कुल लंबाई 766.32 मीटर रखी गई है, जिसमें से रेलवे हिस्से की लंबाई 17.63 मीटर होगी। गोरखनाथ रोड से गुजरने वाले लोगों के लिए यह पुल बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मार्ग सबसे व्यस्त इलाकों में से एक है और यहां रोजाना भारी जाम लगता है। खासकर खिचड़ी मेला जैसे आयोजनों के दौरान स्थिति और गंभीर हो जाती है। नए ओवरब्रिज के बन जाने से न केवल जाम की समस्या कम होगी बल्कि आपातकालीन सेवाओं जैसे एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड और पुलिस की गाड़ियों को भी समय पर गंतव्य तक पहुंचने में आसानी होगी। इससे न केवल शहरवासियों को राहत मिलेगी बल्कि जीवन और संपत्ति की सुरक्षा भी मजबूत होगी।
विकास का मील का पत्थर: ₹178 करोड़ की लागत से बदलेगा शहर का चेहरा
गोरखनाथ ओवरब्रिज परियोजना पर कुल ₹178 करोड़ की लागत आ रही है। इसकी कुल लंबाई 766.32 मीटर होगी और अब तक का काम लगभग 90% पूरा किया जा चुका है। अधिकारियों का अनुमान है कि यह पुल अक्टूबर 2025 तक पूरी तरह से उपयोग के लिए तैयार हो जाएगा। शहरवासी इस बदलाव का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं क्योंकि इससे यातायात दबाव कम होगा और पुराने दो लेन वाले पुल की सीमाओं से मुक्ति मिलेगी। वर्ष 1980 में बने पुराने गोरखनाथ ओवरब्रिज पर अब वाहनों का अत्यधिक दबाव है, खासकर मोहद्दीपुर से जंगलकौड़िया के बीच फोरलेन सड़क बनने के बाद। नई संरचना के पूरा होने पर यह न केवल यातायात को सुचारू बनाएगा बल्कि गोरखपुर के विकास में एक मील का पत्थर भी साबित होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह परियोजना न केवल सड़क सुरक्षा और आवाजाही की गति को बेहतर करेगी बल्कि गोरखपुर को एक आधुनिक और सुदृढ़ शहर की दिशा में भी आगे बढ़ाएगी। स्थानीय निवासियों का कहना है कि पुल के तैयार होने से उनका रोजमर्रा का सफर सुगम हो जाएगा और यातायात की समस्याओं से स्थायी राहत मिलेगी।