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Gorakhpur News: शारदीय नवरात्र: गोरखपुर गीताप्रेस ने प्रकाशित की पांच लाख से अधिक श्रीदुर्गासप्तशती की प्रतियां

सात भाषाओं में उपलब्ध, श्रद्धालुओं तक आसानी से पहुंचेगी पुस्तकें

Copies of Shree Durga Saptashati ready for distribution - Gita Press Gorakhpur

गोरखपुरउत्तर प्रदेश – गोरखपुर स्थित गीताप्रेस ने इस वर्ष शारदीय नवरात्र के अवसर पर लगभग पांच लाख श्रीदुर्गासप्तशती की प्रतियां प्रकाशित की हैं। इसमें विभिन्न भाषाओं की पुस्तकें शामिल हैं, ताकि भारत और नेपाल के श्रद्धालु इसे आसानी से प्राप्त कर सकें। सबसे अधिक संख्या संस्कृत-हिंदी प्रतियों की है, जो 4.70 लाख के करीब पहुंचती है। शारदीय नवरात्र के शुभ अवसर पर यह प्रयास श्रद्धालुओं को धार्मिक साहित्य की आसान पहुँच देने के उद्देश्य से किया गया है। प्रतियां तैयार होते ही बुक स्टालों पर भेज दी गई हैं, जिससे पूजा और पाठ की तैयारी में कोई बाधा न आए। नेपाल में भेजी जाने वाली प्रतियां स्थिति सामान्य होने पर वितरण के लिए तैयार की जाएंगी।

सात भाषाओं में प्रकाशन, व्यापक पहुंच

गीताप्रेस ने इस वर्ष श्रीदुर्गासप्तशती का प्रकाशन सात भाषाओं में किया है। इसका उद्देश्य विभिन्न भाषाई पृष्ठभूमि के भक्तों तक पाठ सामग्री पहुंचाना है। इससे न केवल स्थानीय बल्कि दूरदराज के क्षेत्रों के श्रद्धालुओं को भी नवरात्र के अवसर पर पठन-साधना करने का अवसर मिलेगा। प्रकाशन के साथ ही बुक स्टालों और वितरकों के माध्यम से प्रतियों की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है। इस प्रकार श्रद्धालु किसी भी समय पाठ प्रारंभ कर सकते हैं और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग ले सकते हैं।

नवरात्र के पहले पूरी व्यवस्था सुनिश्चित

गीताप्रेस का प्रयास है कि सभी प्रतियां नवरात्र आरंभ होने से पहले श्रद्धालुओं तक पहुँच जाएं। इसके लिए वितरण नेटवर्क को सुचारू और व्यवस्थित किया गया है। इससे भक्तों को समय पर पाठ और पूजा के लिए आवश्यक सामग्री प्राप्त होगी। इसके अलावा, पुस्तकालयों, मंदिरों और धार्मिक संस्थानों तक भी प्रतियों की आपूर्ति की गई है। इस वर्ष की यह तैयारी श्रद्धालुओं में उत्साह और आस्था दोनों बढ़ाने वाली मानी जा रही है। कुल मिलाकर, गीताप्रेस का यह कदम न केवल धार्मिक साधना को बढ़ावा देगा बल्कि संस्कृति और परंपरा के संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाएगा।

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