गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर में सोमवार का दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया जब जिले की छह छात्राओं ने छह अलग-अलग थानों की कमान अपने हाथों में ली। यह अनूठा अवसर मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत दिया गया, जिसका उद्देश्य महिलाओं और बालिकाओं को सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरित करना है। छात्राओं को पुलिस की गाड़ी से थाने लाकर सम्मानपूर्वक बैठाया गया और अधिकारियों ने उन्हें सैल्यूट करते हुए बुके भेंट कर स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने थानेदार की कुर्सी पर बैठकर पीड़ितों की समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना और निष्पक्ष जांच तथा त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। थाने की नियमित प्रक्रियाओं जैसे कि जीडी, रजिस्टरों और मालखाने के संचालन की भी विस्तृत जानकारी छात्राओं को दी गई, ताकि वे समझ सकें कि पुलिसिंग केवल फरियाद सुनने तक सीमित नहीं बल्कि प्रशासनिक और विधिक प्रक्रियाओं का भी अहम हिस्सा है।
छात्राओं का आत्मविश्वास बढ़ाने की पहल: सुरक्षा और सशक्तिकरण पर जोर
यह पहल केवल प्रतीकात्मक नहीं थी, बल्कि समाज को एक गहरा संदेश देने का माध्यम बनी। जब छात्राएं थानेदार की कुर्सी पर बैठीं तो न सिर्फ़ उनके आत्मविश्वास में वृद्धि हुई बल्कि आम लोगों में भी यह संदेश गया कि बेटियां किसी भी जिम्मेदारी को बखूबी निभा सकती हैं। मिशन शक्ति अभियान का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और बालिकाओं को आत्मनिर्भर, सजग और निडर बनाना है। इस कार्यक्रम के दौरान थाना परिसर में अन्य छात्राओं को भी बुलाया गया और उन्हें पुलिस व्यवस्था की बारीकियों से अवगत कराया गया। मालखाने का प्रबंधन कैसे होता है, अपराध दर्ज करने की प्रक्रिया क्या होती है और थाने के रजिस्टर किस तरह संचालित किए जाते हैं – इन सभी पहलुओं की जानकारी देकर छात्राओं को व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया गया। स्थानीय पुलिस अधिकारियों और मिशन शक्ति टीम की उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी प्रभावी बना दिया, जिससे छात्राओं को यह एहसास हुआ कि समाज और प्रशासन उनके साथ है।
बेटियों ने थानेदारी निभाकर दिया मजबूत संदेश: भविष्य की राह हुई और भी रोशन
इस अवसर पर छह अलग-अलग विद्यालयों और महाविद्यालयों की छात्राओं को थानेदार बनने का मौका दिया गया। स्वर्गीय ज्ञानदास राय इंटर कॉलेज की कक्षा 11 की छात्रा सृष्टि दूबे ने गोला थाना संभाला, जबकि मुरारी इंटर कॉलेज की कक्षा 12 की छात्रा स्नेहा सिंह को सहजनवां की जिम्मेदारी मिली। इसी तरह नवल्स नेशनल एकेडमी की दीपांजलि खजनी थाने की प्रभारी बनीं, एवीएन एकेडमी की एंजेल सिंह ने बांसगांव का कार्यभार संभाला, विकास भारती विद्यालय की अनामिका सिंह पिपराइच थाना संभालते हुए दिखीं और राधिका महाविद्यालय की बीकॉम प्रथम वर्ष की छात्रा सिमरन सिंह गगहा थाने की प्रभारी बनीं। इन सभी ने अपने-अपने पद पर बैठकर लोगों की शिकायतें सुनीं और तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए। यह अनुभव न केवल छात्राओं के लिए प्रेरणादायक रहा बल्कि जिले की अन्य लड़कियों और महिलाओं को भी जागरूक करने का जरिया बना। गोरखपुर पुलिस और मिशन शक्ति अभियान की इस संयुक्त पहल ने यह स्पष्ट कर दिया कि जब बेटियों को अवसर और विश्वास दिया जाता है, तो वे समाज में नई दिशा और बदलाव का मार्ग प्रशस्त कर सकती हैं। आने वाले समय में यह पहल निश्चित रूप से छात्राओं के आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।