गोरखपुर में छठ महापर्व को लेकर प्रशासन के साथ ही गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) ने भी विशेष तैयारी शुरू कर दी है। तारामंडल क्षेत्र के लगभग एक दर्जन मोहल्लों में रहने वाले लोगों की सुविधा के लिए प्राधिकरण चंपा देवी पार्क में कृत्रिम छठ घाट और तालाब का निर्माण कर रहा है। इस कृत्रिम तालाब की खुदाई का काम पूरा हो चुका है और जल्द ही घाट की व्यवस्था भी पूरी की जाएगी, ताकि श्रद्धालु महिलाएं अर्घ्य देने के लिए आसानी से तालाब में उतर सकें।
जिला प्रशासन द्वारा राप्ती नदी के तट पर राजघाट और तकिया घाट पर भी छठ पूजा की तैयारी की गई है। यहां बड़ी संख्या में महिलाएं अर्घ्य देने के लिए आती हैं और घाट का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। इस वर्ष भी प्रशासन और GDA मिलकर इस पर्व को सुचारू और सुविधाजनक बनाने पर ध्यान दे रहे हैं।
दो साल से GDA की छठ पर्व सुविधा पहल
तारामंडल क्षेत्र की अधिकांश कॉलोनियों में प्राकृतिक जलाशय नहीं होने के कारण स्थानीय लोगों को दूर जाकर अर्घ्य देना पड़ता था। इस समस्या को देखते हुए GDA ने पिछले दो वर्षों से चंपा देवी पार्क में कृत्रिम तालाब का निर्माण शुरू किया है। इस वर्ष तैयार होने वाला तालाब लगभग 30 मीटर लंबा होगा और इसमें पानी भरा जाएगा, जिससे श्रद्धालु महिलाएं सुरक्षित और सहज रूप से अर्घ्य दे सकें।
GDA ने तालाब में उतरने की सुविधा का विशेष ध्यान रखा है। गुरुवार को जेसीबी के माध्यम से तालाब की खुदाई की गई और अधिकारियों के अनुसार इसे शनिवार तक पूर्ण रूप से तैयार कर दिया जाएगा। इस तालाब में अर्घ्य देने के लिए सुरक्षित बेदी बनाई जाएगी, जिससे पूजा का आयोजन सुचारू रूप से हो सके।
सुरक्षा, प्रकाश और सुविधाओं का पूरा प्रबंध
कृत्रिम तालाब और घाट तैयार होने के बाद श्रद्धालु अपने अपने बेदी पर पूजा करेंगे। GDA ने पूरे परिसर में प्रकाश की व्यवस्था सुनिश्चित की है, जिससे रात के समय भी पूजा सहज रूप से संपन्न हो सके। इसके साथ ही सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
पिछले साल भी इस प्रकार की व्यवस्था की गई थी, जिससे आसपास के क्षेत्र के लोगों को काफी सुविधा मिली थी। इस बार भी GDA की पहल से तारामंडल क्षेत्र के लोग अपने घर के निकट ही सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से छठ महापर्व की पूजा कर सकेंगे। प्रशासन और विकास प्राधिकरण के संयुक्त प्रयास से यह पर्व गोरखपुर में भव्य और श्रद्धालु-सुलभ तरीके से मनाया जाएगा।




