Gorakhpur, Uttar Pradesh, गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए डूब क्षेत्र में हो रही अवैध प्लॉटिंग पर बुलडोजर चला दिया। यह कार्रवाई चिलुआताल क्षेत्र के जमुआड़ इलाके में की गई, जहां अंकित पांडेय ने 5 एकड़ जमीन पर अवैध प्लॉटिंग की थी।
बिना नक्शा पास कराए हो रही थी अवैध प्लॉटिंग
जानकारी के अनुसार, जीडीए टीम मौके पर पहुंची और प्लॉटिंग का तलपट मानचित्र मांगा। लेकिन डेवलपर कोई स्वीकृत नक्शा प्रस्तुत नहीं कर सका। इसके बाद उपाध्यक्ष आनन्द वर्द्धन के नेतृत्व में कार्रवाई की गई और पूरी अवैध प्लॉटिंग ध्वस्त कर दी गई।
गौरतलब है कि राप्ती और रोहिन नदियों के डूब क्षेत्र में किसी भी प्रकार का मानचित्र पास नहीं किया जाता है। इसके बावजूद यहां धड़ल्ले से अवैध प्लॉटिंग का काम किया जा रहा था।
बाउंड्रीवाल भी तोड़ी गई
अवैध प्लॉटिंग के साथ-साथ कुछ अन्य लोगों द्वारा बनाई गई बाउंड्रीवाल भी तोड़ दी गई। मौके पर भारी पुलिस बल और पीएसी जवानों की तैनाती की गई ताकि कार्रवाई में किसी प्रकार का अवरोध न हो।
जीडीए का सख्त संदेश
मुख्य अभियंता किशन सिंह ने साफ कहा कि इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी और अवैध प्लॉटिंग किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कार्रवाई में सहायक अभियंता राजबहादुर सिंह, अनिल सिंह, संजीव तिवारी, ज्योति, अवर अभियंता रोहित कुमार, मनीष कुमार त्रिपाठी, प्रभात कुमार, राकेश कुमार सहित पुलिस और पीएसी के जवान मौजूद रहे।
पार्किंग व्यवस्था की हकीकत भी सामने आई
जीडीए की कार्रवाई के दौरान शहर की पार्किंग व्यवस्था की खामियां भी उजागर हुईं। जांच में सामने आया कि शहर के 47 बहुमंजिला भवनों में से 25 में या तो पार्किंग की सुविधा नहीं है या उसका गलत इस्तेमाल हो रहा है।
बेसमेंट बने कारोबार का अड्डा
जांच के दौरान पाया गया कि जहां पार्किंग होनी चाहिए, वहां क्लिनिक, रेस्टोरेंट, जिम और दुकानें चल रही हैं। यानी बेसमेंट को व्यावसायिक गतिविधियों के लिए किराए पर दिया गया है, जबकि वाहनों की पार्किंग के लिए कोई जगह नहीं बची है।
इस वजह से ग्राहक सड़क पर गाड़ियां खड़ी करने को मजबूर हैं, जिससे जाम और चालान जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। जीडीए की ओर से इन भवन मालिकों को नोटिस भी दिया गया है। कई ऐसे मालिक हैं जिन्हें एक साल पहले भी यही नोटिस मिल चुका था, लेकिन सुधार नहीं हुआ।