गोरखपुर पुलिस ने उस गैंगस्टर को गिरफ्तार कर लिया है जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर फर्जी हिंदू नाम बनाकर लड़कियों को फंसाता था और बाद में उन्हें ब्लैकमेल करके देह व्यापार में धकेल देता था। आरोपी की पहचान बस्ती जिले के मुंडेरवा अमरी अहरा निवासी राजन उर्फ वसीम अहमद के रूप में हुई है। उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था। पुलिस के अनुसार वह उस गिरोह से जुड़ा हुआ था जो शाहपुर क्षेत्र के फ्लाई इन वन होटल और हुक्का बार की आड़ में बड़े पैमाने पर सेक्स रैकेट चला रहा था। इस नेटवर्क का खुलासा तब हुआ जब 2 जनवरी 2025 को रामगढ़ ताल पुलिस ने एक नाबालिग लड़की को बरामद किया और उसी दिन रेप का मामला दर्ज किया।
हुक्का बार से लेकर स्पा तक फैला था नेटवर्क
पुलिस जांच में सामने आया कि गिरोह लड़कियों को इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए जाल में फंसाता था। इसके बाद उन्हें होटल और स्पा सेंटरों में बुलाकर रखा जाता था और ग्राहकों को उनकी तस्वीरें वॉट्सऐप पर भेजी जाती थीं। फिर दरें तय करके सौदा होता था। मुख्य सरगना अनिरुद्ध ओझा उर्फ सोखा खुद कार से लड़कियों को गोरखपुर के अलग-अलग हिस्सों और बाहर तक पहुंचाता था। जांच में यह भी सामने आया कि इस नेटवर्क में नेपाल की लड़कियां भी शामिल थीं। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सरगना अनिरुद्ध ओझा, होटल मालिक अनुराग कुमार सिंह, मोहनापुर का आकाश यादव, बिछिया के रोहित छेत्री और अन्य आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। 16 अप्रैल 2025 को इस पूरे गिरोह के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया, जिसमें राजन उर्फ वसीम अहमद फरार था।
गिरफ्तारी और आगे की कार्रवाई
रामगढ़ ताल पुलिस ने बुधवार देर रात दबिश देकर राजन उर्फ वसीम अहमद को गिरफ्तार किया। गुरुवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि फरार चल रहे आरोपियों की तलाश में दो विशेष टीमें गठित की गई हैं और जल्द ही सभी को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। पुलिस के अनुसार इस पूरे मामले में अब तक कई होटल और स्पा मालिकों की संलिप्तता सामने आ चुकी है। बॉम्बे होटल, साइन ग्रैंड होटल और हेवन स्पा सेंटर के संचालकों को भी पहले गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस का मानना है कि यह नेटवर्क गोरखपुर से लेकर लखनऊ तक सक्रिय था और इसमें कई संगठित अपराधियों का हाथ था।
गोरखपुर की इस सनसनीखेज गिरफ्तारी से यह साफ हो गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग कर अपराधी युवतियों को फंसाने और उन्हें अवैध धंधे में धकेलने से नहीं हिचकिचाते। पुलिस की कार्रवाई से भले ही एक बड़ा आरोपी जेल पहुंचा हो, लेकिन बाकी बचे सदस्यों पर शिकंजा कसना और पीड़ित लड़कियों को न्याय दिलाना अब भी बड़ी चुनौती बनी हुई है।