गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर जिले के कैंपियरगंज थाना क्षेत्र में बीते फरवरी महीने में हुए सराफा कारोबारी से लूटकांड के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 9 आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई संगठित अपराध पर रोक लगाने और आरोपियों की अवैध संपत्तियों की जांच के लिए की गई है। 10 फरवरी को पीपीगंज निवासी सराफा कारोबारी राजेंद्र वर्मा अपने दुकान से घर लौट रहे थे, जब बाइक सवार बदमाशों ने मोदीगंज-मछलीगांव मार्ग पर उन्हें रोककर मारपीट की और उनके पास से सोने-चांदी के जेवर, नकदी, मोबाइल फोन और दोपहिया वाहन लूट लिया। इस वारदात ने इलाके में सनसनी फैला दी थी। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। कुछ ही दिनों में पुलिस ने करीमनगर टोला कोइरीपुरवा निवासी मुख्य आरोपी संतोष मौर्या सहित आठ अन्य बदमाशों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
पुलिस ने गैंग लीडर और सक्रिय सदस्यों की पहचान की
एसपी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव के निर्देश पर शुक्रवार को पुलिस ने गैंग का पुनर्गठन करते हुए संदीप साहनी को गैंग लीडर घोषित किया है। इस गैंग में शामिल अन्य सक्रिय सदस्यों में श्यामलाल गौड़, मुलायम साहनी, मंजीत निषाद, अमरनाथ विश्वकर्मा और आलोक पासवान के नाम शामिल हैं। पुलिस का कहना है कि यह गिरोह लंबे समय से लूट और चोरी जैसी घटनाओं में शामिल रहा है। सभी आरोपी एक संगठित नेटवर्क के तहत वारदातों को अंजाम देते थे और फिर लूट की रकम को संपत्ति और लग्जरी वस्तुओं में निवेश कर देते थे। अब पुलिस ने इन सभी पर गैंगस्टर एक्ट की धाराएं लगाते हुए इनकी आर्थिक जांच शुरू कर दी है। एसपी श्रीवास्तव ने बताया कि दो विशेष टीमें गठित की गई हैं जो आरोपियों की संपत्ति का ब्योरा इकट्ठा कर रही हैं। पुलिस को जानकारी मिली है कि इन आरोपियों ने लूट की रकम से जमीन, मकान और वाहनों में निवेश किया है। जांच के बाद इन संपत्तियों की जब्ती की प्रक्रिया शुरू होगी।
अवैध संपत्तियों की पहचान के लिए दो टीमें कर रहीं जांच
पुलिस अधीक्षक जितेंद्र श्रीवास्तव के मुताबिक, यह कार्रवाई जिले में बढ़ते आपराधिक नेटवर्क पर अंकुश लगाने की दिशा में अहम कदम है। पुलिस की दोनों टीमें अब उन ठिकानों की छानबीन कर रही हैं जहां आरोपियों ने लूट की रकम से संपत्ति बनाई या पैसा निवेश किया। जांच में सामने आया है कि गैंग के सदस्य न सिर्फ गोरखपुर बल्कि आसपास के जिलों में भी आपराधिक घटनाओं में शामिल रहे हैं। पुलिस बैंक खातों, जमीन के दस्तावेजों और परिजनों के नाम पर खरीदी गई संपत्तियों की भी पड़ताल कर रही है। अगर किसी संपत्ति का सीधा या अप्रत्यक्ष संबंध अपराध की रकम से पाया गया तो उसे तत्काल जब्त कर लिया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई का मकसद अपराधियों को आर्थिक रूप से कमजोर करना है, ताकि वे दोबारा ऐसी गतिविधियों में शामिल न हो सकें। पुलिस की निगरानी में अब यह पूरा नेटवर्क जांच के दायरे में है। इस बीच स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस की यह कार्रवाई इलाके में अपराध पर रोक लगाने में मदद करेगी। कैंपियरगंज थाना क्षेत्र में पिछले कुछ महीनों में कई चोरी और लूट की घटनाएं सामने आई थीं, जिनसे लोग दहशत में थे। अब गैंगस्टर एक्ट की इस सख्त कार्रवाई के बाद उम्मीद है कि ऐसे अपराधों पर अंकुश लगेगा और लोगों में पुलिस प्रशासन के प्रति भरोसा और मजबूत होगा।