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गोरखपुर में बनेगा प्रदेश का पहला कॉमन फैसिलिटी सेंटर, मोटे अनाज से तैयार होंगे स्वादिष्ट व्यंजन

हैदराबाद के बाद देश का दूसरा सीएफसी होगा गोरखपुर में, सेवई-नूडल्स से लेकर चॉकलेट तक बनेगा मिलेट्स से न्यूटीवार

Gorakhpur railway station digital interlocking system

उत्तर प्रदेश सरकार ने गोरखपुर को एक बड़ी सौगात दी है। यहां प्रदेश का पहला और देश का दूसरा कॉमन फैसिलिटी सेंटर (CFC) स्थापित किया जाएगा। इस सेंटर का उद्देश्य मोटे अनाज यानी मिलेट्स को बढ़ावा देना और उससे तैयार व्यंजनों को लोगों तक पहुंचाना है। अभी तक देश में ऐसा सेंटर केवल हैदराबाद में मौजूद है। गोरखपुर के चरगांवा इलाके में इसे 10 एकड़ जमीन पर विकसित किया जाएगा। इस योजना की तैयारी को लेकर कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक अरविंद कुमार सिंह को हैदराबाद भेजा गया, जहां उन्होंने वहां के सीएफसी का अध्ययन किया। उनका कहना है कि मिलेट्स के छिलके मोटे और कई परतों वाले होते हैं, जिससे किसान इन्हें बोने से कतराते हैं। जैसे कोदो में सात परत का छिलका होता है, जिसे साफ करना मुश्किल काम है। इस सीएफसी में ऐसी आधुनिक मशीनें लगाई जाएंगी जो इन कठिनाइयों को दूर करेंगी और किसानों को अपनी उपज का बेहतर उपयोग करने का मौका देंगी।

मोटे अनाज से बनेगा आधुनिक फूड प्रोडक्ट

कॉमन फैसिलिटी सेंटर का सबसे बड़ा आकर्षण यह होगा कि यहां मोटे अनाज से तैयार होने वाले कई तरह के फूड प्रोडक्ट बनाए जाएंगे। जिस तरह गेहूं और चावल से आटा, मैदा, दलिया या बिस्किट तैयार होते हैं, उसी प्रकार इस सीएफसी में ज्वार, बाजरा, कोदो और रागी से पास्ता, नूडल्स, सेवई, बिस्किट और यहां तक कि चॉकलेट जैसे उत्पाद बनाए जाएंगे। इसे न्यूटीवार नामक फूड आइटम के रूप में बाजार में उतारा जाएगा। इससे न केवल स्वास्थ्यवर्धक खाद्य विकल्प उपलब्ध होंगे बल्कि मोटे अनाज की खपत भी बढ़ेगी। अधिकारियों का मानना है कि इस पहल से उपभोक्ताओं में मिलेट्स के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और यह पारंपरिक अनाज अब नए स्वरूप में लोगों की थाली तक पहुंचेगा।

किसानों और स्थानीय अर्थव्यवस्था को फायदा

गोरखपुर में बनने वाला यह कॉमन फैसिलिटी सेंटर किसानों और स्थानीय समूहों को सीधा लाभ देगा। यहां एक बड़ा गोदाम भी बनाया जाएगा जिसमें किसानों से सीधे खरीदे गए अनाज को संग्रहित किया जाएगा। किसान समूह अपने उत्पाद सीधे सेंटर में भेज सकेंगे और उन्हें बाजार पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इससे उन्हें उचित मूल्य भी मिलेगा और बिचौलियों पर निर्भरता कम होगी। अधिकारियों के अनुसार गोरखपुर का सीएफसी हैदराबाद की तुलना में दोगुने क्षेत्रफल यानी 10 एकड़ में बनेगा, जबकि हैदराबाद का सेंटर केवल पांच से छह एकड़ में विकसित है। इस परियोजना से न केवल किसानों की आमदनी बढ़ेगी बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। साथ ही गोरखपुर को प्रदेश में मिलेट्स हब के रूप में नई पहचान मिलेगी।

गोरखपुर में प्रस्तावित यह कॉमन फैसिलिटी सेंटर केवल मोटे अनाज को बढ़ावा देने का प्रोजेक्ट नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य, रोजगार और आधुनिक कृषि प्रसंस्करण के क्षेत्र में भी नई संभावनाएं खोलेगा। यह सेंटर किसानों को सशक्त करेगा और उपभोक्ताओं को पौष्टिक व्यंजनों का नया अनुभव देगा। प्रदेश में मिलेट्स के प्रति बढ़ती जागरूकता के साथ गोरखपुर का यह मॉडल आने वाले समय में अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है।

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