गोरखपुर में खाद और बीज के फुटकर व्यापारियों ने साथी पोर्टल की अनिवार्यता और ओवररेटिंग के खिलाफ पहली बार संगठित प्रदर्शन किया। मंगलवार को पंत पार्क से लगभग 500 से अधिक व्यापारी जिलाधिकारी कार्यालय तक जुलूस निकालते हुए पहुंचे और जोरदार नारेबाजी की। व्यापारी डीएम दीपक मीणा को ज्ञापन सौंपते हुए साथी पोर्टल की अनिवार्यता को वापस लेने की मांग की। इस दौरान जिले भर की खाद-बीज की दुकानें बंद रहीं। व्यापारियों का कहना था कि पीओएस और साथी पोर्टल दोनों का एक साथ संचालन छोटे व्यापारियों के लिए असंभव है और इससे किसानों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
ओवररेटिंग और अन्य समस्याएं
व्यापारियों ने ओवररेटिंग की समस्या भी जिलाधिकारी के सामने रखी। उनका कहना था कि जिले में पांच से छह थोक व्यापारी निर्धारित रेट से अधिक कीमत पर खाद बेचते हैं। जबकि किसानों को वही अधिक कीमत पर दिया जाता है, लेकिन एफआईआर व्यापारी के खिलाफ दर्ज कर दी जाती है। उर्वरक व्यापारी सुमित जायसवाल ने बताया कि यह स्थिति छोटे व्यापारियों को वित्तीय और कानूनी परेशानियों में डाल रही है। जिलाधिकारी दीपक मीणा ने इस मामले को सुलझाने के लिए थोक कारोबारियों, खाद कंपनियों और व्यापारियों की बैठक बुलाने का आश्वासन दिया।
डिजिटल प्लेटफॉर्म और किसानों पर प्रभाव
व्यापारियों ने डिजिटल प्लेटफॉर्म के संचालन में आने वाली समस्याओं को भी उजागर किया। ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की अस्थिरता, हर लेन-देन में अतिरिक्त समय, आधार प्रमाणीकरण की बाधाएं और मैनुअल रिकॉर्ड की मांग से किसानों को भारी असुविधा हो रही है। संघ के अध्यक्ष श्रद्धानंद तिवारी ने कहा कि हर जिले स्तर पर व्यापारी और किसान साथी पोर्टल की अनिवार्यता के विरोध में हैं। किसानों को एक बोरा यूरिया लेने के लिए अपने आधार कार्ड की जानकारी पोर्टल पर अपलोड करनी पड़ती है, जिससे उन्हें समय और मेहनत की अतिरिक्त समस्या आती है। व्यापारियों का कहना है कि इन समस्याओं के समाधान के बिना छोटे व्यापारी और किसान दोनों ही असंतुष्ट रहेंगे।