गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर में दीपावली की तैयारी के बीच खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने मिलावटखोरी पर बड़ी कार्रवाई करते हुए कई हैरान कर देने वाले खुलासे किए हैं। विभाग की मोबाइल जांच वैन के जरिए की गई जांच में यह सामने आया कि शहर के कुछ हिस्सों में मिठाई बनाने में खतरनाक रसायनों का उपयोग किया जा रहा है। मिठाई को ज्यादा चमकदार और सफेद दिखाने के लिए टैलकम पाउडर, बेलची जी पाउडर और टीनोपाल जैसे रसायनों का प्रयोग हो रहा था। ये रसायन आमतौर पर कपड़े धोने या औद्योगिक उपयोग में काम आते हैं, लेकिन अब इन्हें मिठाई में मिलाया जा रहा है ताकि ग्राहक आसानी से आकर्षित हों और विक्रेता अधिक मुनाफा कमा सकें। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने इस अभियान में रंगीन खिलौना मिठाई के 50 किलो और बताशों के 20 किलो से अधिक भंडार को मौके पर ही नष्ट कराया। इसके साथ ही, 200 किलो से अधिक नमकीन भी जब्त और नष्ट की गई, जो जले हुए और कीड़े पड़े तेल में तैयार की गई थी। एक दिन पहले की गई कार्रवाई में भी नमकीन फैक्ट्री से 100 लीटर खराब तेल बरामद हुआ था। सहायक आयुक्त खाद्य डॉ. सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि दीपावली जैसे त्योहार पर जहां मिठाइयों की मांग सबसे ज्यादा होती है, वहीं कुछ कारोबारी उपभोक्ताओं की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं।
सड़क किनारे बिक रहा मिलावटी पनीर, जांच में विक्रेता ने दिखाई दबंगई
खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने जब शास्त्री चौक और अन्य इलाकों में सड़क किनारे बिक रहे पनीर की जांच की, तो एक नया मामला सामने आया। बाइक पर बिना लाइसेंस पनीर बेचने वाले एक युवक ने विभाग की टीम से उलझते हुए कुछ प्रभावशाली लोगों के नाम लेकर अपनी “पावर” दिखाने की कोशिश की। अधिकारियों ने हालांकि किसी दबाव में आए बिना उसका सैंपल लिया। टीम को पनीर बेचने वाले से आधार कार्ड और पहचान पत्र मंगाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी, क्योंकि वह लगातार जांच से बचने की कोशिश कर रहा था। सहायक आयुक्त डॉ. सिंह ने स्पष्ट किया कि विभाग किसी भी तरह के दबाव में नहीं आने वाला है और जो भी व्यक्ति असुरक्षित या मिलावटी खाद्य सामग्री बेचेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने कई दुकानों और फैक्ट्रियों में साफ-सफाई की स्थिति का भी निरीक्षण किया, जहां गंदगी पाई जाने पर दुकानदारों को नोटिस जारी किया गया। मियां बाजार स्थित शुभम गुप्ता की मिठाई की दुकान से बताशे के नमूने लिए गए, जबकि शास्त्री चौक से पनीर के नमूने जांच के लिए भेजे गए। जांच दल में मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी हितेंद्र मोहन त्रिपाठी, नागेंद्र, नरेंद्र, श्रीनिवास और कमल शैलेंद्र शामिल रहे। अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे अत्यधिक सफेद या असामान्य रूप से चमकदार मिठाई न खरीदें, क्योंकि यह रासायनिक मिलावट का संकेत हो सकता है।
कानपुर से भेजा गया मिलावटी खोया भी जांच के घेरे में, पहले भी मिली थी असुरक्षित रिपोर्ट
खाद्य सुरक्षा विभाग की जांच में यह भी सामने आया है कि कानपुर से बड़े पैमाने पर मिलावटी खोया गोरखपुर और आसपास के इलाकों में भेजा जा रहा है। मंगलवार को एक व्यापारी विभाग के कार्यालय पहुंचा और कुछ नमूने लेकर खोया छोड़ने का आग्रह किया, लेकिन अधिकारियों ने सख्त रुख अपनाते हुए सभी खेपों के नमूने लेने का निर्णय किया। बताया गया कि लग्जरी बसों से यह खोया बड़ी मात्रा में गोरखपुर भेजा जा रहा था। विभाग की टीम ने पहले भी कानपुर से आए खोये की जांच में मिलावट पाई थी। होली के दौरान रेलवे बस स्टेशन से पकड़ा गया खोया असुरक्षित साबित हुआ था, जिसके बाद तीन व्यापारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। विशेषज्ञों के अनुसार खोये में सिर्फ दूध के तत्व होने चाहिए, लेकिन मिलावटखोर इसमें पाउडर, रिफाइंड ऑयल, स्टार्च, ग्लूकोज और यहां तक कि डिटर्जेंट तक मिलाते हैं ताकि मात्रा और वजन बढ़ाया जा सके। इससे उपभोक्ताओं को गंभीर स्वास्थ्य हानि हो सकती है, जिसमें पाचन तंत्र की समस्या, त्वचा रोग और यहां तक कि कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा भी शामिल है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस बार दीपावली पर बाजार में बेची जा रही सभी मिठाइयों और दुग्ध उत्पादों की सख्त जांच होगी। सहायक आयुक्त ने लोगों से अपील की है कि वे मिठाई या खोया केवल पंजीकृत और स्वच्छ प्रतिष्ठानों से ही खरीदें तथा अत्यधिक सफेद और चमकदार दिखने वाली मिठाइयों से बचें।