गोरखपुर के कैंट थाना क्षेत्र के सिंघड़िया सरवन नगर निवासी 40 वर्षीय राजेश कुमार सिंह, जो एक प्राइवेट कंपनी में कार्यरत हैं, हाल ही में साइबर ठगी के शिकार हो गए। राजेश ने बताया कि जून 2025 में उन्हें फेसबुक पर ‘नाओमी ग्रांट’ नाम की एक महिला की फ्रेंड रिक्वेस्ट मिली, जो खुद को लंदन की रहने वाली और भारत के बेंगलुरु में टीसीएस कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर बताती थी। बातचीत बढ़ने पर महिला ने राजेश का भरोसा जीत लिया और 1 नवंबर को उन्हें अपना व्हाट्सएप नंबर देकर वहीं बातचीत जारी रखने को कहा। कुछ दिनों तक लगातार चैटिंग होने के बाद महिला ने राजेश को “एशियन मार्केट सिक्यूरिटास प्राइवेट लिमिटेड (AMSPL)” नाम की एक कंपनी में निवेश करने की सलाह दी। उसने दावा किया कि इस कंपनी के जरिए वह रोज 15 से 20 प्रतिशत तक मुनाफा कमाती है। अपने कथित मुनाफे के स्क्रीनशॉट भेजकर उसने राजेश को प्रभावित किया और उन्हें भी निवेश करने के लिए प्रेरित किया।
निवेश के झांसे में आया कर्मचारी, गवाए 11 लाख रुपये
राजेश ने बताया कि 6 जुलाई को महिला ने उन्हें अपने तथाकथित निवेश सलाहकार ‘नितीश झा’ से संपर्क करने को कहा। नितीश ने उन्हें AMSPL कंपनी की सेबी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन डिटेल्स चेक करने के लिए एक लिंक भेजा, जो देखने में असली लग रहा था। राजेश ने उस पर भरोसा कर लिया और ट्रेड अकाउंट बनाने की प्रक्रिया पूरी की। इसमें उनसे आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज मांगे गए जिन्हें उन्होंने वेरिफाई करवा लिया। इसके बाद उन्हें ईमेल पर पंजीकरण दस्तावेज भेज दिए गए और बताया गया कि उन्हें सेबी की निगरानी में निवेश के लिए एक तीसरे पक्ष के खाते में राशि जमा करनी होगी। इसके बाद राजेश को व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ दिया गया जिसमें कई लोग रोजाना निवेश के स्क्रीनशॉट और मुनाफे की बातें शेयर कर रहे थे। माहौल ऐसा बनाया गया मानो सभी को भारी मुनाफा हो रहा हो। इस झांसे में आकर राजेश ने 6 जुलाई से 18 जुलाई 2025 के बीच विभिन्न खातों में कुल 11.15 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।
मुनाफे का सपना टूटा, महिला और सलाहकार दोनों हुए गायब
राजेश के अनुसार, 21 जुलाई को नितीश झा ने उन्हें ‘सब्या इंफ्रा एंड लॉजिस्टिक्स’ कंपनी के आईपीओ में निवेश करने को कहा। 24 जुलाई को उनके अकाउंट में 50,500 शेयर आवंटित दिखाए गए जिनका मूल्य करीब 58 लाख रुपये बताया गया। साथ ही, राजेश के AMSPL ट्रेड खाते में कुल 29.40 लाख रुपये का बैलेंस दिखाया गया। लेकिन जल्द ही नितीश ने उनसे शेष राशि जमा करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। जब राजेश ने और पैसे देने से इनकार किया, तो उन्हें व्हाट्सएप ग्रुप से हटा दिया गया। इसके बाद न तो महिला नाओमी ग्रांट से संपर्क हो पाया और न ही नितीश झा से कोई बातचीत हुई। कुछ ही समय में महिला ने फेसबुक और व्हाट्सएप दोनों जगह से राजेश को ब्लॉक कर दिया। धोखाधड़ी का एहसास होने पर राजेश ने कैंट थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद साइबर क्राइम थाने में मुकदमा कायम हुआ। साइबर थाना प्रभारी रशीद खान ने बताया कि पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बैंक खातों से जुड़े विवरण मांगे गए हैं ताकि जालसाजों तक पहुंचा जा सके। पुलिस का कहना है कि यह मामला संगठित साइबर गैंग से जुड़ा हो सकता है, जो विदेशी पहचान बनाकर भारतीय नागरिकों से करोड़ों की ठगी करते हैं। जांच टीम अब आरोपी के बैंक ट्रांजेक्शन, आईपी एड्रेस और मोबाइल नंबरों की जांच कर रही है ताकि इस गिरोह का पर्दाफाश किया जा सके। इस मामले ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर दोस्ती के नाम पर हो रही साइबर ठगी की गंभीरता को उजागर किया है, जिससे सावधानी बरतना अब और भी जरूरी हो गया है।




