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गोरखपुर में कचहरी बस स्टेशन की 38 दुकानों पर चला नोटिस का डंडा: सीएम ग्रिड योजना के तहत हटेगा अतिक्रमण, दुकानदार बोले- “सड़क पर आ जाएंगे, योगी जी बचा लीजिए”

नगर निगम ने सड़क चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण अभियान के लिए कचहरी क्षेत्र की 38 दुकानों को खाली करने का नोटिस जारी किया, जिससे व्यापारियों में भय और विरोध दोनों देखने को मिले।

Gorakhpur traders protest after encroachment notice under CM Grid Plan | Gorakhpur News

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर शहर में कचहरी बस स्टेशन से सटी 38 दुकानों पर नगर निगम ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। निगम प्रशासन ने दुकानदारों को तीन दिन के भीतर दुकानें खाली करने का नोटिस जारी किया है। जैसे ही यह खबर बाजार में फैली, पूरे इलाके में अफरा-तफरी और तनाव का माहौल बन गया। व्यापारियों ने रविवार को सामूहिक रूप से सांकेतिक बंदी कर नगर निगम के इस निर्णय का विरोध जताया। दुकानदारों का कहना है कि वे वर्षों से इन दुकानों में व्यापार कर रहे हैं, जिनसे उनके परिवार की रोजी-रोटी चलती है। अचानक मिली नोटिस ने उन्हें गहरी चिंता में डाल दिया है। दुकानदारों ने सड़क पर बैठकर नारेबाजी की और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई कि उनकी दुकानें बचा ली जाएं। विरोध कर रहे दुकानदारों ने “हमारी मांगे पूरी करो”, “हमारी रोजी वापस दो”, और “महाराज जी हमें बचाओ” जैसे नारे लगाकर अपनी पीड़ा व्यक्त की। कई दुकानदारों ने अपनी दुकानों के बाहर मुख्यमंत्री का पोस्टर लगाकर भी ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की। एक दुकानदार नीरज सिंह ने बताया कि नगर निगम ने बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए तीन दिन में दुकान खाली करने का आदेश दिया है। उनका कहना था कि अगर दुकानें टूट गईं तो वे सड़क पर आ जाएंगे। उन्होंने मांग की कि शास्त्री चौक से अंबेडकर चौक तक सड़क की चौड़ाई जो 17 मीटर रखी गई है, वही चौड़ाई छात्रसंघ चौराहे तक भी रखी जाए ताकि अनावश्यक तोड़फोड़ से बचा जा सके। वहीं, एक वृद्ध दुकानदार ने भावुक होते हुए कहा कि “हम लोग इस उम्र में कहां जाएंगे? यही सहारा है हमारा। मुझे भरोसा है कि योगी जी हमारी बात जरूर सुनेंगे।”

सीएम ग्रिड योजना के तहत सड़क चौड़ीकरण का हिस्सा है यह कार्रवाई

नगर निगम की यह कार्रवाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी सीएम ग्रिड योजना के अंतर्गत की जा रही है। इस योजना के तहत छात्रसंघ चौराहे से लेकर शास्त्री चौक और गोलघर तक सड़क का सौंदर्यीकरण और चौड़ीकरण कार्य स्वीकृत किया गया है। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) द्वारा निर्धारित आर.ओ.डब्ल्यू. (Right of Way) के अनुसार, जिन दुकानों का कुछ हिस्सा सार्वजनिक भूमि में पाया गया है, उन्हें चिन्हित किया गया है और इन्हें हटाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। नोटिस में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि दुकानदार तीन दिनों के भीतर स्वयं अपने अतिक्रमित हिस्से को हटाएं, अन्यथा नगर निगम नियमानुसार कार्रवाई करेगा और इसका खर्च दुकानदारों से वसूला जाएगा। नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक, शहर के यातायात को सुगम बनाने और मुख्य सड़कों को आधुनिक स्वरूप देने के लिए यह कदम जरूरी है। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से इन सड़कों पर अव्यवस्थित निर्माण और अतिक्रमण के कारण जाम की समस्या बनी रहती थी। अब चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण के बाद यह मार्ग न केवल खुला बल्कि आकर्षक भी बनेगा, जिससे शहर की छवि सुधरेगी। वहीं, व्यापारियों का कहना है कि प्रशासन ने यह कदम अचानक उठाया है और अब तक किसी वैकल्पिक व्यवस्था की जानकारी नहीं दी गई है। इससे कई छोटे व्यापारियों की आजीविका खतरे में पड़ गई है।

शहर की सड़कों को नया स्वरूप देने की तैयारी, 53 करोड़ का प्रोजेक्ट

गोरखपुर नगर निगम ने सीएम ग्रिड फेज-2 योजना के तहत शहर की पांच प्रमुख सड़कों को स्मार्ट और आधुनिक बनाने का लक्ष्य रखा है। इस प्रोजेक्ट पर कुल 53.68 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं और कार्य को नवंबर 2026 तक पूरा करने की योजना है। इस योजना के तहत कचहरी चौराहा से काली मंदिर, शास्त्री चौक से छात्रसंघ चौराहा, अंबेडकर चौक से ऐश्प्रा तिराहा, हरिओम नगर से टाउनहॉल और शिवाय होटल से गणेश चौक तक की सड़कों का कायाकल्प किया जाएगा। नगर निगम अधिकारियों के अनुसार, इन सड़कों को बेहतर रोशनी, व्यवस्थित फुटपाथ, जलनिकासी, हरियाली और संकेत बोर्ड जैसी आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा ताकि नागरिकों को एक सहज यातायात अनुभव मिल सके। यह परियोजना मुख्यमंत्री के स्मार्ट सिटी और क्लीन सिटी विजन से जुड़ी है। हालांकि, स्थानीय व्यापारी चाहते हैं कि प्रशासन विकास के साथ उनकी आजीविका की सुरक्षा भी सुनिश्चित करे। उनका कहना है कि वे विकास के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन बिना पुनर्वास या वैकल्पिक स्थान दिए दुकानें गिराना उनके लिए विनाशकारी कदम होगा। शहर के कई सामाजिक संगठनों ने भी इस मुद्दे पर मध्यस्थता की अपील की है ताकि विकास कार्य बाधित हुए बिना छोटे व्यापारियों को राहत मिल सके। फिलहाल नगर निगम का रुख सख्त है और उसने संकेत दिए हैं कि तय समय के भीतर अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो बुलडोजर की कार्रवाई शुरू हो जाएगी। अब देखना यह होगा कि प्रशासन और दुकानदारों के बीच इस विवाद का समाधान संवाद से निकलता है या सड़क पर टकराव की स्थिति बनती है।

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