गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर शहर में वर्तमान में संचालित 25 इलेक्ट्रिक सिटी बसों को लेकर ट्रांसपोर्ट विभाग ने नया सर्वे कराने का निर्णय लिया है। इस सर्वे का मुख्य उद्देश्य यह तय करना है कि किस रूट पर किस समय कितनी बसें चलाई जाएं ताकि यात्रियों को यात्रा में किसी प्रकार की असुविधा न हो। खासतौर पर सुबह और शाम के व्यस्त समय में बसों की संख्या बढ़ाने की योजना है। अभी देखा गया है कि सुबह 8 से 11 बजे तक कई बसें चार्जिंग में रहती हैं, जिसके कारण यात्रियों को वैकल्पिक निजी साधनों का सहारा लेना पड़ता है। वहीं दिन में कई बार बसें खाली चलती हैं क्योंकि उस समय यात्रियों की संख्या काफी कम रहती है। नए सर्वे से इन दोनों समस्याओं का समाधान निकालने की कोशिश होगी ताकि बस सेवाओं का सही और प्रभावी उपयोग हो सके।
नए रूट जोड़े जाएंगे
गोरखपुर में इलेक्ट्रिक बसें इस समय न सिर्फ शहर बल्कि ग्रामीण रूटों तक भी चल रही हैं। गोला, चौरी-चौरा, सहजनवां, पिपराइच और पीपीगंज तक यात्री इन बसों का लाभ उठा रहे हैं। लेकिन शहर के कई प्रमुख क्षेत्र अभी भी इस सुविधा से वंचित हैं। मोहद्दीपुर से पादरी बाजार, काली मंदिर से शास्त्री चौक और कुनराघाट गुरुंग चौक से एयरपोर्ट तक सिटी बस सेवा अभी शुरू नहीं हो पाई है। अधिकारियों ने बताया कि नए सर्वे के बाद इन इलाकों को भी बस सेवा से जोड़ा जाएगा ताकि अधिक से अधिक लोग सार्वजनिक परिवहन का लाभ उठा सकें। इसका उद्देश्य न केवल सुविधाजनक और सस्ता सफर उपलब्ध कराना है बल्कि निजी वाहनों पर निर्भरता कम करके शहर में यातायात दबाव और प्रदूषण घटाना भी है।
समय सारणी और ऊर्जा दक्षता पर फोकस
सिटी ट्रांसपोर्ट विभाग के सहायक प्रबंधक लव कुमार सिंह ने जानकारी दी कि नए रूट सर्वे के साथ बसों की समय सारणी को भी बदला जाएगा। लक्ष्य यह है कि भीड़भाड़ के समय यात्रियों को पर्याप्त बसें उपलब्ध हों और जब यात्रियों की संख्या कम हो, तब बसें अनावश्यक रूप से खाली न चलें। इससे न सिर्फ ऊर्जा और ईंधन की बचत होगी बल्कि यात्रियों को भी बेहतर सेवा मिलेगी। विभाग का मानना है कि सुव्यवस्थित संचालन से न केवल आम नागरिकों की सुविधा बढ़ेगी बल्कि इलेक्ट्रिक बसों के प्रभावी उपयोग से पर्यावरण को भी फायदा होगा। इस पहल से गोरखपुर में सार्वजनिक परिवहन का स्तर और मजबूत होगा और यात्री समय पर व आरामदायक सफर कर सकेंगे।