गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर पुलिस ने चिलुआताल थाना क्षेत्र में हुई कथित ₹9.70 लाख की लूट की घटना का पर्दाफाश करते हुए मात्र 24 घंटे में सच्चाई उजागर कर दी। बुधवार की देर रात दर्ज इस मामले में पुलिस ने जांच के बाद पाया कि लूट की पूरी कहानी खुद चालक ने रची थी।
आरोपी चालक और उसके साथी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, जबकि लूटी गई पूरी रकम भी बरामद कर ली गई। मामला गोरखपुर के चिलुआताल इलाके का है, जहां महराजगंज जिले के फरेंदा निवासी कृषि यंत्र व्यापारी आदित्य चौधरी का चालक टुन्नू प्रजापति, निवासी हाटा पकड़ीदास (कुशीनगर), व्यापारी के पैसे लेकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज से लौट रहा था।
उसने पुलिस को बताया कि चिउटहां गांव के पास चार बाइक सवार बदमाशों ने उसकी कार रोककर शीशा तोड़ा और रुपयों से भरा बैग लूट ले गए। सूचना मिलते ही चिलुआताल पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू की, लेकिन वहां न तो संघर्ष के निशान थे और न ही कोई सबूत जो लूट की पुष्टि कर सके।
CCTV फुटेज और बयान ने खोला झूठ का खेल
पुलिस की शुरुआती जांच में चालक के बयानों में कई विरोधाभास मिले। हर पूछताछ में वह अपनी बात बदलता रहा, जिससे शक और गहरा गया। इसी दौरान पुलिस ने घटनास्थल और आसपास के इलाकों के CCTV फुटेज खंगाले।
जांच में सामने आया कि चालक घटना के समय चिउटहां में नहीं, बल्कि शिवपुर-साहबाजगंज क्षेत्र में मौजूद था। यह देखकर पुलिस ने चालक से सख्ती से पूछताछ की। आखिरकार सच्चाई सामने आ ही गई। आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने यह पूरी लूट की कहानी खुद गढ़ी थी।
उसने बताया कि उसकी शादी मई महीने में तय हो चुकी है और शादी के खर्च पूरे करने के लिए उसे पैसों की सख्त जरूरत थी। वह पिछले चार साल से व्यापारी का चालक था, इसलिए उसे पैसों के लेन-देन की पूरी जानकारी थी। उसने मेडिकल कॉलेज से रुपए उठाने के बाद सीधे अपने दोस्त जिम संचालक जयनाथ सिंह (निवासी रग्घूपुर, सिकरीगंज) को बैग सौंप दिया और फिर खुद चिउटहां पहुंचकर पुलिस को फर्जी लूट की सूचना दी।
पुलिस की तत्परता से बरामद हुई पूरी रकम
गोरखपुर के एसपी उत्तरी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस टीम ने सर्विलांस और CCTV फुटेज के माध्यम से बहुत कम समय में पूरे मामले की तह तक पहुंच बनाई। जब आरोपियों से पूछताछ की गई तो दोनों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। पुलिस ने चालक टुन्नू प्रजापति के घर से लूट की पूरी रकम ₹9.70 लाख बरामद कर ली।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी ने पहले से ही पूरी योजना बनाकर घटना को अंजाम देने की कोशिश की थी ताकि व्यापारी और पुलिस दोनों को भ्रमित किया जा सके। लेकिन आधुनिक तकनीक और पुलिस की त्वरित कार्रवाई से झूठ की पूरी कहानी सामने आ गई। अधिकारियों ने कहा कि यह मामला इस बात का उदाहरण है कि झूठे अपराध की कहानी रचने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्रवाई शुरू कर दी है।
गोरखपुर पुलिस की सतर्कता और तकनीकी जांच ने न केवल सच्चाई उजागर की बल्कि यह भी साबित किया कि अब अपराधी CCTV और सर्विलांस की निगरानी से नहीं बच सकते। पुलिस ने जनता से अपील की है कि आर्थिक तंगी या किसी निजी कारण से अपराध की राह न चुनें, बल्कि कानूनी तरीके से मदद लेने की कोशिश करें।